आपके पास अपना घर नहीं है ताे परेशान न हों, शहर में एक हजार फ्लैट बनने वाले हैं
गरीब और बेघर लोगो के लिए अपना घर देने की योजना प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत उन बेघर लोगों के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रयागराज में 1 हजार फ्लैट बनाने जा रहा है. इसलिए लोग परेशान न हों और प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए आवेदन कर अपना फ्लैट रजिस्टर्ड करवाएं. इस खबर को विस्तार से पढने के लिए जागरण के इस रिपोर्ट को पढ़ें:
जागरण: प्रयागराज, जेएनएन। शहर में तमाम ऐसे लोग हैं, जिनका अपना घर नहीं है और वह किराए के मकान में दिक्कतों के साथ रह रहे हैं। वह चाहते हैं फिर भी उन्हें न प्लॉट मिल रहा है और न ही फ्लैट। अपने घर के लिए परेशान लोगों को अब चिंता करने की कतई जरूरत नहीं है। क्योंकि प्रयागराज विकास प्राधिकरण (पीडीए) जल्द ही प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत फ्लैटों का निर्माण कराएगा। इसके लिए राजापुर में जमीन चिह्नित की गई है। यहां योजना के तहत तकरीबन एक हजार फ्लैट बनाए जाएंगे।
16 हजार वर्ग मीटर क्षेत्र में पीएम आवास योजना के तहत फ्लैट बनाने की तैयारी
राजापुर में हनुमान मंदिर चौराहे के पास, म्योर रोड और क्लाइव रोड क्रासिंग तक तकरीबन 16 हजार वर्ग मीटर जमीन पर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत फ्लैट बनाने की तैयारी की जा रही है। इस जमीन के संबंध में न्यायालय में याचिका भी दाखिल की गई थी, जो खारिज हो चुकी है। अब पीडीए के इंजीनियरिंग विभाग को काम करना है। प्रधानमंत्री आवास योजना के मानक के मुताबिक, माना जा रहा है कि इस योजना में सात मंजिला टावर का निर्माण होगा, जिसमें ईब्ल्यूएस और एलआइजी श्रेणी के करीब एक हजार फ्लैट बनेंगे। हालांकि खुला क्षेत्र और फ्लोर एरिया रेसियो (एफएआर) तय होने के बाद फ्लैटों की संख्या बढ़ भी सकती है। कुल प्लाट एरिया के 50 फीसद हिस्से में निर्माण होगा। इसमें ईब्ल्यूएस फ्लैट 22.77 से 30 वर्गमीटर के और एलआईजी श्रेणी के फ्लैट 35 से 41 वर्गमीटर तक के होंगे।
बोले ओएसडी सत शुक्ल
ओएसडी सत शुक्ल का कहना है कि हाईकोर्ट ने इस जमीन के संबंध में राज्य सरकार के पक्ष में फैसला दिया है। 31 अक्टूबर को दिए गए फैसले में यहां रहने वालों को जमीन खाली करने के लिए एक माह की मोहलत दी गई है। यह समय सीमा 30 नवंबर को पूरी हो रही है। पीडीए उपाध्यक्ष के निर्देश पर पीडीए जल्द ही योजना के लिए डीपीआर तैयार कराएगा। योजना पर अगले वर्ष काम शुरू होने की उम्मीद है।
स्रोत: जागरण