स्टार्ट-अप को और आसान बनाने के लिए आएंगी दो नए स्कीम
सरकार इन दिनों स्टार्ट-अप और नए उद्यमियों के लिए राह आसान बनाने के उद्येश्य से कई प्रकार की स्कीम लाने की सोच रही है और इस क्षेत्र में योजना बना भी ली गयी है। इसके तहत स्टार्ट-अप को आसान बनाने के लिए क्रेडिट गारंटी स्कीम और सीड फंड स्कीम पर काम चल रहा है। इस योजना के तहत आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत तीन लाख करोड़ रूपये तक के कर्ज दिए जाने की बात है। इस खबर को और अधिक विस्तार से जानने के लिए जागरण के इस रिपोर्ट को पढ़ें:
जागरण: नई दिल्ली, पीटीआइ। देश में स्टार्ट-अप के लिए राह और आसान बनाने की दिशा में सरकार बड़ा कदम उठाने की तैयारी में है। उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) स्टार्ट-अप के लिए क्रेडिट गारंटी और सीड फंड स्कीम पर काम कर रहा है। डीपीआइआइटी सचिव गुरुप्रसाद मोहपात्रा ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इन दोनों योजनाओं को लेकर अंतर-मंत्रालयी स्तर पर विमर्श की प्रक्रिया चल रही है। एक साक्षात्कार में मोहपात्रा ने बताया कि क्रेडिट गारंटी स्कीम के लिए एक कोष बनाया जाएगा। बैंक इससे स्टार्ट-अप्स को कर्ज दे सकेंगे। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस स्कीम के मिलने वाला कर्ज कैपेक्स क्रेडिट होगा, वेंचर कैपिटल नहीं।
सीड फंड स्कीम को लेकर मोहपात्रा ने कहा कि कई बार अपने आइडिया पर आगे बढ़ने के लिए शुरुआती स्तर पर स्टार्ट-अप्स को फंड जुटाने में दिक्कत का सामना करना पड़ता है। गुजरात एवं केरल जैसे कुछ राज्यों में सीड फंड जैसी योजनाएं हैं। कुछ केंद्रीय मंत्रालय भी ऐसी योजना चला रहे हैं। सरकार इस मामले में एक देशव्यापी योजना लाना चाहती है।
मोहपात्रा ने बताया कि दोनों योजनाओं को वित्त मंत्रालय से मंजूरी लेनी होगी। उसके बाद डीपीआइआइटी इन योजनाओं के लिए कैबिनेट से स्वीकृति लेगा। उन्होंने कहा कि कुछ स्टार्ट-अप्स ने ईसॉप (एम्प्लॉयी स्टॉक ऑप्शन प्लान) से जुड़े कुछ मुद्दे भी उठाए हैं। उनकी चिंताएं भी राजस्व विभाग के समक्ष रखी गई हैं।
स्टार्ट-अप इकोसिस्टम को लेकर राज्यों की रैकिंग के अगले संस्करण के बारे में मोहपात्रा ने बताया कि विभाग इस दिशा में काम शुरू कर चुका है। विभाग राज्यों को इस बात के लिए प्रोत्साहित कर रहा है कि वे अपने यहां उभरते उद्यमियों को प्रोत्साहित करने वाली स्टार्ट-अप पॉलिसी बनाएं। 2019 की रैंकिंग में गुजरात का प्रदर्शन नए उद्यमियों को बेहतर माहौल देने के मामले में सर्वश्रेष्ठ रहा था। केंद्र सरकार ने नए उद्यमियों को बढ़ावा देने के लिए जनवरी, 2016 में स्टार्ट-अप इंडिया एक्शन प्लान लांच किया था। इसमें स्टार्ट-अप्स के लिए कर में छूट और कैपिटल गेन टैक्स में राहत जैसे प्रावधान हैं।
ECLGS के तहत अब तक 1.63 लाख करोड़ का कर्ज मंजूर
इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम (ECLGS) के तहत अब तक 42 लाख से ज्यादा लोगों का 1.63 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज मंजूर किया जा चुका है। वित्त मंत्रालय ने रविवार को यह जानकारी दी। कुल मंजूर किए गए कर्ज में से अब तक 1.18 लाख करोड़ रुपये दिए जा चुके हैं। आत्मनिर्भर भारत आर्थिक पैकेज के तहत घोषित इस स्कीम के तहत तीन लाख करोड़ रुपये तक के कर्ज दिए जाने हैं। वित्त मंत्रालय ने आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत गैर-बैंकिंग, हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों और मोनेटरी फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस (एमएफआइ) के लिए 30,000 करोड़ रुपये की स्पेशल लिक्विडिटी स्कीम की सही प्रगति की जानकारी भी दी है। मंत्रालय ने बताया कि 37 प्रस्तावों के लिए 10,590 करोड़ रुपये मंजूर किए जा चुके हैं। 783.5 करोड़ के छह आवेदनों पर प्रक्रिया आगे चल रही है।
स्रोत: जागरण