क्या है ‘समर्थ’ योजना? कैसे मोदी सरकार की इस योजना से 4 लाख लोगों को रोजगार प्राप्त होगा?
केन्द्र सरकार की ‘समर्थ’ योजना के तहत 18 राज्यों के लगभग 4 लाख लोगों को नए हुनर से प्रशिक्षित करके समर्थ बनाया जाएगा। इस योजना के द्वारा उन्हें वस्त्र उद्योग से जुड़े कार्यों में दक्ष बनाया जाएगा।
14 अगस्त, 2019 को ‘समर्थ’ योजना के तहत 16 राज्यों ने वस्त्र मंत्रालय, केन्द्र सरकार के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किये। 18 राज्यों ने इस योजना के तहत साझेदारी पर सहमति जताई है। ये 18 राज्य अरुणाचल प्रदेश, जम्मू – कश्मीर, केरल, मिजोरम, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, असम, मध्य प्रदेश, त्रिपुरा, कर्नाटक, ओडिशा, मणिपुर, हरियाणा, मेघालय, झारखंड और उत्तराखंड हैं। प्रशिक्षण के बाद सभी लाभार्थियों को वस्त्र उद्योग से जुड़े विभिन्न क्षेत्रों में नौकरियां दी जाएंगी।
42,480 candidates will receive training in Haryana under the #Samarth scheme for capacity building in the textile sector pic.twitter.com/XggqiBOfFM— CMO Haryana (@cmohry) August 14, 2019
Attended MOU Signing of @TexMinIndia with 18 States Governments to provide skill training to over 4.09 lakh candidates in Textiles sector under #Samarth – a scheme for capacity building in textiles sector. pic.twitter.com/08RFgWQeZq— Smriti Z Irani (@smritiirani) August 14, 2019
इस सम्बंध में सरकार द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति का टेक्स्ट/प्रति यहां प्रस्तुत है-
16 राज्यों की सरकारों ने कामगारों को कौशल प्रशिक्षण देने के लिए वस्त्र मंत्रालय के साथ सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए
16 राज्यों की सरकारों ने वस्त्र क्षेत्र में क्षमता निर्माण के लिए योजना- समर्थ (एससीबीटीएस) को आगे ले जाने के लिए आज नई दिल्ली में एक समारोह में वस्त्र मंत्रालय के साथ सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए।
इस योजना के अंतर्गत मंत्रालय के साथ साझेदारी करने के लिए 18 राज्यों ने सहमति दी थी। जिनमें से जम्मू-कश्मीर और ओडिशा आज के समारोह में उपस्थित नहीं थे। शुरूआत में, मंत्रालय ने इस योजना को कार्यान्वित करने के लिए राज्य सरकारों द्वारा नामित एजेंसियों को 3.5 लाख से ज्यादा लक्ष्य आवटित किए हैं। प्रशिक्षण के बाद इन लाभार्थियों को वस्त्र से संबंधित विभिन्न गतिविधियों में रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। यह कार्यक्रम कताई और बुनाई के अलावा वस्त्र क्षेत्र की पूरी मूल्य श्रृंखला को कवर करता है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत उन्नत प्रौद्योगिकी मेंआधार पर आधारित बायोमैट्रिक उपस्थिति प्रणाली (एईबीएएस), सीसीटीवी रिकॉर्डिंग, समर्पित कॉल सेंटर, मोबाइल एप पर आधारित सूचना प्रणाली और ऑनलाइन निगरानी जैसी विशेषताएं शामिल हैं।
इस अवसर पर केंद्रीय वस्त्र तथा महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती स्मृति जुबिन इरानी ने कहा कि राज्य सरकारों के साथ सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किया जाना राज्य एजेंसी की सहायता करने तथा वस्त्र क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय विकास की भावना का निर्माण करने हेतु उन्हें समान साझेदार बनाने के प्रति मंत्रालय की प्रतिबद्धता दर्शाता है।
श्रीमती इरानी ने कहा कि तमिलनाडु और झारखंड जैसे कुछ राज्यों द्वारा निर्धारित किए गए लक्ष्य, उन राज्यों में वस्त्र उद्योग के लिए कुशल कामगारों कीआवश्यकता से बहुत कम है। उन्होंने कहा कि वह इन राज्यों से अपने लक्ष्य पर पुनर्विचार करने का अनुरोध करती हैं। श्रीमती इरानी ने कहा कि मंत्रालय यह सुनिश्चित करने का प्रयास करेगा कि जिन लोगों को इस उद्योग में रोजगार न मिले, उन्हें मुद्रा योजना के अंतर्गत वित्तीय सेवाओं द्वारा अतिरिक्त लाभ उपलब्ध कराए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि 4 लाख से अधिक लोगों को कौशल प्रदान करने का संकल्प एक बड़ा कदम है और इसे हासिल करने के लिए हर संभव प्रयास किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हालात का जायजा लेने के लिए वह विभिन्न राज्यों के प्रशिक्षण केंद्रों का दौरा करेंगी।
श्रीमती इरानी ने कहा कि वस्त्र क्षेत्र में लगे श्रमिकों में से 75% और मुद्रा ऋण के लाभार्थियों में से 70% महिलाएं हैं। उन्होंने आगे बताया कि पूर्वोत्तरराज्यों को रेशम और जूट क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और समर्थ योजना के तहत कौशल के लक्ष्यों की समीक्षा करनी चाहिए।
वस्त्र मंत्रालय में सचिव, रवि कपूर ने अपने संबोधन में कहा कि भारत वैश्विक बाजार में बहुत छोटा खिलाड़ी है और वस्त्र क्षेत्र में रोजगार सृजन की अपार संभावनाएं मौजूद हैं। उन्होंने बतायाकि कपड़ा उद्योग में 16 लाख प्रशिक्षित कुशल कामगारों की कमी है। उन्होंने ये भी कहा कि समर्थ योजना में कामगारों के कौशल विकास के लिए उच्च मानक स्थापित किए गए हैं ताकि उद्योग द्वारा उन्हें आसानी से रोजगार प्रदान किया जा सके। संबोधन में उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि प्रशिक्षण का स्तर बहुत अच्छा होना चाहिए ताकि कुशल श्रमिकों को सार्थक रोजगार प्रदान करने का उद्देश्य पूरा हो सके।
समर्थ योजना के तहत कौशल विकास के बारे में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का संदेश इस समारोह में पढ़कर सुनाया गया। इस योजना के बारे में एक लघु वीडियो फिल्म भी दिखाई गई। समारोह के दौरान एक स्मारिका का भी विमोचन किया गया।
कौशल विकास पर सरकार द्वारा दिए जा रहे व्यापक महत्व के तहत वस्त्र मंत्रालय ने वस्त्र क्षेत्र में एक प्रमुख योजना (2010 से 2017) को कार्यान्वित कियाहै, 2017 तक 15 लाख अतिरिक्त कुशल कामगारों को रोजगार प्रदान करने के लक्ष्य के साथ कौशल विकास योजना को एकीकृत किया गया है। इस योजना के तहत मार्च, 2018 तक 11.14 लाख लोगों को प्रशिक्षित किया गया और 8.41 लाख लोगों को रोजगार प्रदान किया गया।
मंत्रालय द्वारा तैयार की गई संस्थागत क्षमता तथा उद्योग और राज्य सरकारों के साथ कायम किए गए तालमेल/सहयोग का लाभ उठाने की दृष्टि सेआर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने 2017-18 से 2019-20 तक एक नई कौशल विकास योजना “समर्थ”- वस्त्र क्षेत्र में क्षमता निर्माण के लिए योजना (एससीबीटीएस) को स्वीकृति दी। वस्त्र उद्योग की कौशल संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए यह रोजगारोन्मुख कार्यक्रम है। इस योजना का लक्ष्य 1300 करोड़ रुपये के अनुमानित परिव्यय के साथ कताई और बुनाई को छोड़कर वस्त्र की पूरी मूल्य श्रृंखला में 2020 तक 10 लाख युवाओं का कौशल विकास करना है।
विभिन्न राज्यों और वस्त्र मंत्रालय के लिए निर्धारित लक्ष्यों के लिए यहां क्लिक कीजिए
***
Source : PIB
(Release ID: 1581988)