आयुष्मान योजना के गोल्डन कार्ड बनाने में कुरुक्षेत्र अव्वल, दूसरे पर सीएम सिटी
केंद्र सरकार की आयुष्मान योजना को सफल बनाने में कुरुक्षेत्र जिला प्रदेश में पहले स्थान पर रहा है। यहां कार्ड बनाने का टारगेट एक साल में ही 54.35 प्रतिशत पूरा कर लिया गया।
जागरण: कुरुक्षेत्र
आयुष्मान योजना के गोल्डन कार्ड बनाने में जिला सबसे अव्वल रहा है। एक साल के अंदर-अंदर कुरुक्षेत्र के आयुष्मान मित्रों ने 69,567 परिवारों में से 37,809 परिवारों के हेल्थ कार्ड बनाकर उन्हें सौंप भी दिए हैं। यानी कार्ड बनाने का 54.35 प्रतिशत टारगेट कुरुक्षेत्र टीम ने पहले ही साल में पूरा कर लिया। इतना ही नहीं इन कार्ड धारकों में से करीब 6500 कार्ड धारकों ने निजी अस्पतालों में जाकर अपना उपचार भी कराया है। आर्थिक रूप से इन परिवारों के उपचार पर सरकार ने 6,56,70,755 रुपये खर्च किए। हृदय की धमनियों में ब्लॉकेज होने पर स्टड, पथरी, हड्डी टूटने पर सर्जरी जैसे आपात उपचार मरीजों को निजी अस्पतालों में बिल्कुल फ्री मिल गए जो उनके लिए किसी संजीवनी बूटी से कम नहीं। दूसरे नंबर पर आया मुख्यमंत्री का जिला।
सामाजिक आर्थिक और जाति जनगणना 2011 के मुताबिक प्रदेश में चिन्हित लोगों के आयुष्मान कार्ड बन रहे हैं। गोल्डन कार्ड बनाने में कुरुक्षेत्र के बाद दूसरे नंबर पर मुख्यमंत्री का जिला करनाल है। वहां पर 1,15,035 में से 46,556 परिवारों के कार्ड बनाए जा चुके हैं। करनाल ने कार्ड बनाने का 40.47 प्रतिशत टारगेट पूरा कर लिया है। इसके बाद तीसरे नंबर पर यमुनानगर है जहां 39.83 प्रतिशत और चौथे स्थान पर महेंद्रगढ़ 39.02 प्रतिशत कार्ड बनाकर रहा है।
पांचवें नंबर पर झज्जर है जहां 37.97 प्रतिशत कार्ड बनाए जा चुके हैं। प्रदेश में गोल्डन कार्ड बनाने की गति सबसे धीमी जिला फरीदाबाद में है। जहां पर महज 18.90 प्रतिशत परिवारों की ही आइडी बन पाई है। क्लेम करने में सीएम सिटी पहले नंबर पर।
करनाल में सबसे ज्यादा लोगों ने आयुष्मान योजना के तहत उपचार लिया। यहां 6,780 लोगों ने उपचार लिया, जिसका बिल आठ करोड़ 59 लाख 80 हजार 146 रुपये बना। वहीं कुरुक्षेत्र के लोग उपचार लेने में दूसरे नंबर पर रहे। यहां 6561 लोगों ने आयुष्मान के तहत उपचार लिया। इन रोगियों के उपचार में सरकार की ओर से 6,56,70,755 रुपये खर्च किए गए। गंभीर आपरेशन भी हुए निजी अस्पताल अस्पतालों में : उज्वल
आयुष्मान योजना के जिला सूचना अधिकारी उज्वल ने कहा कि कुरुक्षेत्र की पूरी टीम पूरी शिद्दत के साथ गोल्डन कार्ड बनाने में जुटी है, ताकि ज्यादा से ज्यादा आर्थिक रूप से कमजोर लोग इसका फायदा उठा सकें। आज किसी भी परिवार के बजट का बड़ा हिस्सा दवाओं पर खर्च होता है। मगर आयुष्मान योजना आने से आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को बड़ा सहारा मिला है। जिले में साढ़े छह हजार से ज्यादा लोगों ने निजी अस्पतालों में जाकर उपचार लिया। आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के कई तरह के गंभीर आपरेशन निजी अस्पतालों में हो सके। कोई भी व्यक्ति सरकारी और पास लगते पंजीकृत अस्पतालों में जाकर आयुष्मान मित्र के पास जाकर अपना व अपने परिवार का नाम योजना में होने के बारे में न केवल जानकारी ले सकता है बल्कि कार्ड भी बनवा सकता है।
स्रोत: जागरण