गड़बड़ी रोकने के लिए आयुष्मान भारत योजना के तहत इलाज से पहले लिए जायेंगे बायोमेट्रिक निशान

गड़बड़ी रोकने के लिए आयुष्मान भारत योजना के तहत इलाज से पहले लिए जायेंगे बायोमेट्रिक निशान

आयुष्मान भारत योजना में मिल रही गड़बड़ी को रोकने के लिए झारखण्ड सरकार ने आरोग्य समिति की ओर से जारी निर्देश के तहत अब आयुष्मान भारत योजना के तहत इलाज से पहले मरीज का बायोमेट्रिक पहचान लेगा. इस सम्बन्ध में प्रभात खबर की ये रिपोर्ट पढ़ें:
प्रभात खबर रांची : आयुष्मान भारत योजना के तहत मरीजों के इलाज से पहले उनकी बायोमेट्रिक पहचान ली जायेगी. झारखंड राज्य आरोग्य समिति की ओर से जारी निर्देश के अनुसार मरीजों की अंगुलियों के निशान लिये जायेंगे. विशेष परिस्थितियों में इसके बगैर भी इलाज होगा़   ऐसा किसी लाभुक के बदले अन्य व्यक्ति का इलाज करा लेने की शिकायत और फर्जी इलाज की संभावना को लेकर किया जा रहा है. इस योजना से राज्यभर के 57 लाख परिवार जुड़े हुए हैं।
गड़बड़ी रोकने के लिए शुरू की गयी है व्यवस्था  : मालूम हो कि विभिन्न जिलों सहित राजधानी के एक बड़े अस्पताल में भी ऐसा मामला प्रकाश में आया था, जब आयुष्मान भारत से संबद्ध किसी लाभुक के बदले किसी और का इलाज करा लिया गया. इस गड़बड़ी को रोकने के लिए ही योजना से संबद्ध सभी निजी अस्पतालों को कहा गया है कि वे मरीजों की बायोमेट्रिक पहचान की व्यवस्था करें. यह शिकायत भी अक्सर मिलती है कि अस्पताल लाभुकों के इलाज में कोताही करते हैं और  उन्हें बेवजह परेशान किया जाता है।
इसके लिए यह निर्देश दिया गया है कि सभी अस्पताल आयुष्मान भारत योजना के लाभुकों के लिए अस्पतालों में बने किअोस्क (सहायता केंद्र) के पास एक वेब कैमरा लगायेंगे. इसकी रिकॉर्डिंग कम से कम सात दिनों तक रखनी होगी. इससे किसी शिकायत की जांच हो सकेगी. समिति के सूत्रों के अनुसार नवंबर माह के अंत तक दोनों निर्देश का पालन कर लेने को कहा गया है।
654 अस्पताल हैं सूचीबद्ध
आयुष्मान भारत योजना के तहत राज्य भर में 654 अस्पताल सूचीबद्ध हैं. इनमें 218 सरकारी और शेष 436 निजी अस्पताल हैं. इधर, विभिन्न निजी अस्पतालों में आयुष्मान भारत योजना के संचालन में गड़बड़ी की शिकायतें भी लगातार मिलती रहती हैं


इनमें मरीजों से स्वास्थ्य सेवाओं के लिए पैसे लेना, किसी इलाज के लिए निर्धारित राशि का भुगतान गलत तरीके से लेना और अस्पताल में जरूरी स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव सहित अन्य शिकायतें शामिल हैं। इन शिकायतों को लेकर अब तक 45 अस्पतालों को शो-कॉज हुआ है। 28 की संबद्धता निलंबित की गयी है। वहीं रांची के देवकमल अस्पताल और भारती अस्पताल (पलामू और दुमका) सहित 11 अस्पतालों पर जुर्माना लगाया गया है।

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