दिल्ली में Odd-Even योजना सोमवार से, केजरीवाल की लोगों से अपील “अपने बच्चों के लिए नियम मानें”
नवभारत टाइम्स: नयी दिल्ली, तीन नवंबर (भाषा): राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में गंभीर वायु प्रदूषण के मद्देनजर सम-विषम योजना सोमवार (चार नवम्बर) सुबह आठ बजे से शुरू होगी। पहले दिन दिल्ली की सड़कों पर केवल ऐसे निजी वाहन चल सकेंगे जिनके नंबर प्लेट का अंतिम अंक सम संख्या हो। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को लोगों से अपील की कि वे अपने बच्चों और शहर के लिए इस नियम का पालन करें। उन्होंने सरकारी मशीनरी से भी यह सुनिश्चत करने को कहा कि पाबंदी के चलते किसी को बेकार में कोई परेशानी ना हो। विपक्षी दलों भाजपा और कांग्रेस ने दिल्ली की केजरीवाल नीत आप सरकार को वायु प्रदूषण संकट के लिए जिम्मेदार ठहराया और आरोप लगाया कि सम-विषम योजना सत्ताधारी सरकार का अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर एक स्टंट है। योजना 15 नवम्बर तक सुबह आठ बजे से रात आठ बजे तक लागू होगी। इसके तहत 4, 6, 8, 12 और 14 नवंबर को सड़कों पर विषम पंजीकरण संख्या (1, 3, 5, 7, 9) से समाप्त होने वाले चार पहिया निजी वाहनों को सड़कों पर निकलने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसी तरह, सम संख्या (0, 2, 4, 6, 8) के साथ समाप्त होने वाले पंजीकरण संख्या वाले वाहनों को 5, 7, 9, 11, 13 और 15 नवंबर को सड़कों पर चलने की अनुमति नहीं दी जाएगी। योजना 10 नवम्बर (रविवार) को लागू नहीं होगी और पाबंदी अन्य राज्यों के पंजीकरण नम्बर पर भी लागू होगी। सम विषम योजना के सख्त अनुपालन के लिए दिल्ली यातायात पुलिस, परिवहन एवं राजस्व विभागों की सैकड़ों टीमें तैनात की गई हैं। अभियान के दौरान लगभग 400 ट्रैफिक इंस्पेक्टर और असिस्टेंट ट्रैफिक इंस्पेक्टरों (एटीआई) को दो पालियों में तैनात किया जाएगा। एक सरकारी अधिकारी के अनुसार एटीआई और राजस्व विभाग के अधिकारी उल्लंघनकर्ताओं के चालान काटेंगे। साथ ही परिवहन विभाग द्वारा चिन्हित 200 स्थानों पर योजना का समुचित क्रियान्वयन सुनिश्चित करेंगे। दिल्ली यातायात पुलिस ने योजना का उचित क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए 200 टीमें तैनात की हैं। इसके बारे में जागरूकता फैलाने के लिए शहरभर में लगभग 5,000 नागरिक सुरक्षा वालंटियर तैनात करने के लिए प्रशिक्षित किये गए हैं। उल्लंघन करने वालों पर 4,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। यातायात पुलिस में हेड कांस्टेबल एवं उच्च स्तर के अधिकारी, एसडीएम, तहसीलदार, एटीआई और डीटीसी के उच्च पदस्थ अधिकारियों को उल्लंघनकर्ताओं का चालान काटने के लिए अधिकृत किया गया है। यातायात पुलिस और अन्य विभागों की प्रवर्तन टीमों को 12 दिन के इस अभियान के दौरान इस्तेमाल करने के लिए चालान बुक, रसीद बुक और दिशानिर्देश जारी किए गए हैं। दिल्ली सरकार ने सम-विषम योजना के मद्देनजर अपने विभागों के कार्यालयों के समय में परिवर्तन किये हैं। जहां कुछ विभागों के कार्यालय सुबह 9.30 बजे खुलेंगे, वहीं कुछ अन्य कार्यालय सुबह 10.30 बजे खुलेंगे। यह योजना शहर की सार्वजनिक परिवहन प्रणाली की क्षमता का परीक्षण भी करेगी। दिल्ली सरकार की 2,000 निजी बसों को किराए पर लेने की योजना को आंशिक सफलता मिली है क्योंकि रविवार शाम तक करीब 800 बसें ही पंजीकृत हुईं। परिवहन विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि रात तक यह संख्या 1,000 के पार जाने की संभावना है। दिल्ली मेट्रो सम-विषम योजना के 11 दिन की अवधि में 61 अतिरिक्त फेरे संचालित करेगी। हालांकि, यात्रियों का बड़ा बोझ 5,600 से अधिक दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) और क्लस्टर बसों द्वारा वहन किया जाएगा। कैब ऑपरेटरों ओला और उबर ने कहा है कि वे सम-विषम योजना के दौरान सर्ज प्राइसिंग लागू नहीं करेंगी। सरकार ने ऑटोरिक्शा द्वारा अधिक किराया वसूलने से रोकने के लिए भी कदम उठाए हैं। दोपहिया वाहनों को इस योजना से बाहर रखा गया है लेकिन सीएनजी चालित वाहनों को नहीं। चिकित्सकीय आपात स्थिति में इस्तेमाल किये जाने वाले वाहनों और यूनिफॉर्म में स्कूली बच्चों ले जाने वाले वाहनों को छूट दी जाएगी। ऐसे वाहन जिनकी चालक महिलाएं हों और उनमें 12 वर्ष तक की आयु के बच्चे हों उन्हें छूट दी जाएगी। इसके साथ ही ऐसे वाहनों को भी छूट मिलेगी जिनमें दिव्यांग सवार हों। राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यों के राज्यपाल, भारत के प्रधान न्यायाधीश, लोकसभाध्यक्ष, उप लोकसभाध्यक्ष, केंद्रीय मंत्री, राज्यसभा और लोकसभा में विपक्ष के नेता, उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश, दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश और न्यायाधीशों, दिल्ली के उपराज्यपाल, केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों और उपराज्यपालों के वाहनों को छूट दी जाएगी। यह पाबंदी लोकपाल और उसके सदस्यों, संघ लोकसेवा आयोग के अध्यक्ष, मुख्य चुनाव आयुक्त एवं चुनाव आयुक्त, भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक, राष्ट्रीय हरित अधिकरण के अध्यक्ष एवं सदस्यों, लोकायुक्त, दिल्ली और चंडीगढ़ के राज्य चुनाव आयुक्तों पर भी लागू नहीं होगी। हालांकि, दिल्ली के मुख्यमंत्री और मंत्रियों के वाहनों को छूट नहीं दी जाएगी। एम्बुलेंस सहित आपात वाहनों, दमकल, अस्पतालों, जेल और शव ले जाने वाले वाहनों के साथ-साथ पुलिस, परिवहन विभाग, अर्धसैनिक बलों और डिविजनल कमिश्नर द्वारा अधिकृत वाहनों को भी छूट दी जाएगी। रक्षा मंत्रालय की नंबर प्लेट, डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट, पायलट या एस्कॉर्ट वाहन और स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) सुरक्षा प्राप्त व्यक्तियों के वाहनों को भी छूट दी जाएगी।(यह आर्टिकल एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड हुआ है। इसे नवभारतटाइम्स.कॉम की टीम ने एडिट नहीं किया है।)
स्रोत: नवभारत टाइम्स