भावांतर भरपाई योजना : इन सब्जियों का पंजीकरण अवश्य कराएं किसान
हरियाणा सरकार ने किसानों को खेती में नुकसान से बचाने और सही मूल्य प्राप्त करवाने के लिए एक योजना की शुरुवात की है “भावान्तर भरपाई योजना”। इसके तहत सभी फसलों को पंजीकरण करवाना होगा। इसका पंजीकरण अब शुरू हो गया है। आलू की फसल का पंजीकरण 11 नवंबर से 30 नवंबर तक करा सकते हैं तथा प्याज की फसल के पंजीकरण के लिए 20 दिसंबर से 15 फरवरी तक करवा सकते हैं। इस संबंध में न्यूज18 का रिपोर्ट पढ़ें:
न्यूज18 पलवल : उद्यान विभाग पलवल (Horticulture Department Palwal) ने भावांतर भरपाई योजना (Bhavantar Bharpai Yojana) के तहत पंजीकरण (Registration) प्रक्रिया शुरू कर दी है. जिला उद्यान अधिकारी डॉ. अब्दुल रज्जाक ने सब्जी उत्पादक किसानों Farmers से अपील करते हुए कहा कि वे भावांतर भरपाई योजना स्कीम के अंतर्गत टमाटर, गोभी, प्याज व आलू की फसल का पंजीकरण अवश्य करवाएं. अगर किसान ऐसा करेंगे तब उन्हें इन फसलों का संरक्षित मूल्य प्रदान किया जा सकेगा. पंजीकरण कराने पर ही किसान इस योजना का लाभ उठा सकेंगे।
टमाटर, गोभी, प्याज व आलू की फसल का पंजीकरण
डॉ. अब्दुल रज्जाक ने बताया कि हरियाणा सरकार ने भावांतर भरपाई योजना के तहत किसानों को टमाटर, गोभी, प्याज व आलू की फसल का संरिक्षत मूल्य देने के लिए फसलों का पंजीकरण प्रक्रिया शुरू कर दी है. उन्होंने कहा कि किसान आलू की फसल के लिए 11 नवम्बर से 30 नवम्बर तक पंजीकरण करा सकते हैं. प्याज की फसल के लिए 20 दिसम्बर से 15 फरवरी तक, टमाटर की फसल के लिए 15 दिसम्बर से 15 फरवरी तक और फूलगोभी के लिए 15 नवम्बर से 31 दिसम्बर तक पंजीकरण करवाना जरूरी है. उन्होंने बताया कि भावांतर भरपाई योजना का लाभ किसानों को देने के लिए हरियाणा उद्यान विभाग ने यह निर्णय लिया है।
उद्यान विभाग खेत पर जाकर करेगा सत्यापन
जिला उद्यान अधिकारी, सुपरवाइजर व माली किसानों के फार्म हाउस व खेत पर जाकर ही फसलों का पंजीकरण व सत्यापन करेंगे. विभाग द्वारा सुपरवाइजरों व मालियों को टैबलेट की सुविधा प्रदान की गई है. जो किसान फसल का पंजीकरण करवाना चाहते हैं उनके पास पासपोर्ट साइज का फोटो, आधारकार्ड की कॉपी, खेत की जमाबंदी और बैंक का पास बुक होना अनिवार्य है।
अनुदान राशि किसान के खाते में जमा की जाएगी
जिला उद्यान अधिकारी के फिजिकल वेरिफिकेशन करने के बाद अनुदान राशि सीधे किसान के खाते में जमा की जाएगी. उन्होंने कहा कि यदि किसान की फसल बाजार में नहीं बिकती है तो किसान मंडी में आढ़त पर जाकर ‘जे फार्म’ लेकर फसल को बेच सकते हैं. किसान फसल के रजिस्ट्रेशन नंबर को अपलोड कर दें. सरकार की हिदायतों के अनुसार जो अनुदान राशि बनेगी वह किसान को प्रदान की जाएगी. उन्होंने किसानों से अनुरोध करते हुए कहा कि वे इस स्कीम के तहत पंजीकरण करवाकर ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाएं ।
स्रोत : न्यूज18