मध्य प्रदेश का बहुचर्चित योजना “मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना” में अब पाकिस्तान का करतारपुर साहेब भी शामिल
मध्य प्रदेश का बहुचर्चित योजना “मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना” एक ऐसी योजना है जिसके द्वारा 60 वर्ष और उससे अधिक उम्र के व्यक्ति को मुफ्त में तीर्थों का दर्शन करवाया जाता है. इसमें सभी धर्मों के तीर्थस्थलों को शामिल किया गया है. परन्तु गुरुनानक देव के 550वें प्रकाश पर्व के अवसर पर खुले करतारपुर साहेब कोरिडोर को देखते हुए इंडियन रेलवे केटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन (आईआरसीटीसी) अब करतारपुर साहेब के सबसे नजदीक के रेलवे स्टेशन गुरदासपुर तक के लिए ट्रेन की सुविधा देने की पूरी तैयारी कर ली है. इस खबर को और विस्तार से पढने के लिए नई दुनिया के इस खास रिपोर्ट को पढ़ें:
नई दुनिया: भोपाल। नईदुनिया स्टेट ब्यूरो। मध्य प्रदेश की बहुचर्चित मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना में अब पाकिस्तान स्थित गुरुद्वारा दरबारपुर साहिब करतारपुर को भी जोड़ने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। मप्र के तीर्थयात्रियों की ट्रेन जल्दी ही करतारपुर के समीपस्थ रेलवे स्टेशन गुरुदासपुर तक जाएगी। वहां से करतारपुर की दूरी 40 किमी है। पंजीयन की औपचारिकताएं पूरी करने के बाद यात्रियों को करतारपुर कॉरिडोर ले जाया जाएगा।
जानकारी के अनुसार इंडियन रेलवे केटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन (आईआरसीटीसी) के सूत्रों का कहना है कि उन्होंने इस संबंध में प्रारंभिक तैयारियां कर ली हैं। शासन की ओर से औपचारिक आदेश मिलने के बाद वह यात्रा की तारीख एवं अन्य तैयारियों को अंतिम रूप दे देंगे।
आईआरसीटी के क्षेत्रीय प्रबंधक केके सिंह ने बताया कि तीर्थ यात्रियों की ट्रेन करतारपुर भेजने के संबंध में अभी उन्हें शासन की ओर से आदेश नहीं मिला है। इस संबंध में निर्देश मिलते ही तीर्थ यात्रियों के लिए पहचान पत्र, पासपोर्ट, ऑनलाइन पंजीयन और पाकिस्तान द्वारा ली जाने वाली प्रति व्यक्ति 20 डॉलर की फीस के अलावा अन्य औपचारिकताओं के बारे में जानकारी दी जाएगी।
उन्होंने बताया कि गुरुनानक देवजी की 550वीं वर्षगांठ पर मप्र सरकार ने तीर्थ दर्शन योजना में नांदेड़ हुजूर साहिब, आनंदपुर साहिब, दमदमा साहिब भटिंडा, पौंडा साहिब और मणि कर्ण हिमाचल को भी जोड़ लिया है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2012 में राज्य सरकार ने 60 वर्ष अथवा अधिक उम्र के बुजुर्गों के लिए तीर्थ दर्शन योजना शुरू की थी। यह योजना काफी लोकप्रिय हुई और इसमें सभी धर्मों के तीर्थस्थानों को शामिल किया गया है।
स्रोत: नई दुनिया