मछुआरों के लिए प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना
मछुआरों के तूफान आदि प्राकृतिक आपदाओं के कारण आकस्मिक मौत अथवा घायल होने पर सरकार द्वारा प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत 1 लाख से 2 लाख तक की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। मछुआरों जो अपनी आजीविका हेतु गहरे समुद्र में जाते हैं, उनके सुरक्षा के प्रति सरकार द्वारा उठाये गए कदम के बारे में बताते हुए माननीय मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी राज्यमंत्री श्री प्रताप चंद्र सारंगी ने राज्यसभा में बताया कि राज्य सरकारों / संघ राज्य क्षेत्रों के साथ पंजीकृत सक्रिय मछुआरों को प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत बीमा सुरक्षा प्रदान किया जाता है। इस योजना के तहत मृत्यु अथव स्थायी पूर्ण अपंगता के लिए 2 लाख रूपये तथा आंशिक पूर्ण अपंगता के लिए 1 लाख रूपये प्रदान किये जाते हैं। बीमा की किस्त के भुगतान के लिए केन्द्र और सामान्य राज्यों के मध्य 50%-50% हिस्सेदारी सौंपी गयी है। वहीं केन्द्र और हिमालय स्थित / उत्तर पूर्वी राज्यों के लिए यह हिस्सेदारी 80%-20% की है, जबकि संघ राज्य क्षेत्रों के संबंध में केन्द्रीय हिस्सा 100% है।
मछुआरों की मदद के लिए चलाई जाने वाली योजना के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि मत्स्यपालन विभाग, मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय केंद्रीय प्रायोजित योजना नीली क्रांति, मात्स्यिकी का एकीकृत विकास और प्रबंधन अन्य बातों के साथ-साथ तटवर्ती राज्य सरकारों/संघ राज्य क्षेत्रोंको वित्तीय सहायता प्रदान करता है जिससे (i) पारम्परिक मछुआरों को टूना लांगलाइनर्सस जैसे संसाधन विशिष्ट गहरे समुद्री जलयानों के रखरखाव के लिए (ii) विद्यमान ट्रावलर्स को संसाधन विशिष्ट गहरे समुद्री मत्स्यन जलयान में बदलने आदि के लिए सहयोग दिया जा सके। इसके अतिरिक्त समुद्र में मछुआरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के क्रम में सी.सी.एस. के अंतर्गत जी.पी.एस से युक्त सुरक्षा किट की आपुर्ति, संचार उपकरण, इको साईण्डर रक्षा जैकेट, लाइफबार्ड, डिस्टर्स अलर्ट ट्रांसमीटर (डी.ए.टी) जीवन रक्षक उपकरण, फिश फाइन्डर, बैंक अपबैटरी, खोज और बचाव संकेतक तक (बीकन) आदि की आपुर्ति के लिए, वित्तीय सहायता भी प्रदान की जाती है।