मोदी सरकार ने बदला राशन कार्ड का फॉर्मेट, जल्द जारी होंगे नए कार्ड
एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड’ योजना को 1 जून, 2020 से पूरे देश में लागू करना चाहती है। ‘एक देश, एक राशन कार्ड’ योजना के पूरे देश में लागू होने के बाद कोई भी कार्डधारक राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून (NFSA) के तहत किसी भी राज्य में राशन की दुकान से अपना राशन ले सकेगा। इस संबंध में हिन्दी न्यूज 18 की ये रिपोर्ट पढ़ें:
हिन्दी न्यूज 18 : नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने ‘एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड’ (One Nation, One Ration Card) के अभियान को आगे बढ़ाते हुए राशन कार्ड का स्टैंडर्ड फॉर्मेट तैयार किया है. केंद्र सरकार ने राज्यों से कहा है कि नया राशन कार्ड जारी करते हुए वे इसी फॉर्मेंट को अपनाएं.
बता दें कि सरकार ‘एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड’ योजना को 1 जून, 2020 से पूरे देश में लागू करना चाहती है. ‘एक देश, एक राशन कार्ड’ योजना के पूरे देश में लागू होने के बाद कोई भी कार्डधारक राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून (NFSA) के तहत किसी भी राज्य में राशन की दुकान से अपना राशन ले सकेगा.
राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी की मिलेगी सुविधा
खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘राष्ट्रीय स्तर पर राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी लक्ष्य को हासिल करने के लिए यह जरूरी है कि विभिन्न राज्य और केंद्र शासित प्रदेश जो भी राशन कार्ड जारी करें वे सभी एक मानक प्रारूप में हों. इसीलिए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत राशन जारी करने के लिए मानक प्रारूप जारी किया गया है.’
अधिकारी ने कहा कि विभिन्न राज्यों में जो भी राशन कार्ड जारी किये जा रहे थे उन सभी के तौर तरीकों को प्रारूप को मद्देनजर रखते हुए पूरे देश के लिए एक मानक प्रारूप तैयार किया गया है. अधिकारी ने कहा कि राज्यों से कहा गया है कि वह जब भी नया राशन कार्ड जारी करें इसे नए प्रारूप के अनुरूप ही जारी करें. इस बारे में कुछ और बताते हुए अधिकारी ने कहा कि मानक राशन कार्ड में राशन कार्ड धारक का जरूरी ब्योरा शामिल किया गया है और राज्य चाहें तो इसमें अपनी जरूरत के मुताबिक कुछ और जोड़ सकते हैं.
दो भाषाओं में जारी होगा नया राशन कार्ड उन्होंने बताया कि राज्यों से कहा गया है कि वो मानक राशन कार्ड दो भाषाओं में जारी करें. एक स्थानीय भाषा के साथ ही इसमें दूसरी भाषा हिन्दी अथवा अंग्रेजी का इस्तेमाल करें. इससे राष्ट्रीय स्तर पर राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी को अमल में लाने में मदद मिलेगी. राज्यों से कहा गया है कि वह 10 अंकों वाला राशन कार्ड जारी करें जिसमें पहले दो अंक राज्य कोड होगा और अगले अंक राशन कार्ड संख्या के अनुरूप होंगे. इसमें अगले दो अंक राशन कार्ड में परिवार के प्रत्येक सदस्य की पहचान के तौर पर शामिल होंगे.
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून में 81.35 करोड़ लाभार्थियों के लक्ष्य के मुकाबले अब तक 75 करोड़ लाभार्थियों को शामिल किया गया है.
स्रोत : हिन्दी न्यूज 18