आदित्य योजना का प्रारूप सार्वजनिक करे सरकार
बिजली की दरों को कम करने और उपभोक्ता सेवाओं को बेहतर करने के उद्येश्य से एक योजना की शुरुआत की जा रही है जिसका नाम “आदित्य योजना” है. यह योजना 01 अप्रैल से शुरू होगी. इस योजना के शुरू होने से पहले “ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन” ने आदित्य योजना को संसद के बजट सत्र में रखने से पहले इस योजना के प्रारूप को सार्वजानिक करने को कहा है, ताकि लोग इस योजना के बारे में जान सकें और यह भी जान ले कि यह योजना उनके लिए कितनी उपयोगी है या नहीं. इस खबर को और अधिक विस्तार से पढने के लिए नवभारत टाइम्स के इस रिपोर्ट को पढ़ें:
एनबीटी ब्यूरो, लखनऊ
ऑल इंडिया पावर इंजिनियर्स फेडरेशन ने आदित्य योजना को संसद के बजट सत्र में रखने से पहले उसका प्रारूप सार्वजनिक करने की मांग की है। फेडरेशन ने योजना के संबंध में पहले बिजली कर्मचारियों और उपभोक्ताओं से वार्ता करने की मांग भी उठाई।
फेडरेशन के चेयरमैन शैलेन्द्र दुबे ने कहा कि 1 अप्रैल से आदित्य योजना लॉन्च करने की तैयारी की जा रही है। इसके बाद पावर फाइनैंस कॉरपोरेशन और अन्य केंद्रीय वित्तीय संस्थान उन्हीं राज्यों को मदद करेंगे, जो डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क और बिजली आपूर्ति को अलग-अलग कर उसे पीपीपी मॉडल या निजी फ्रेंचाइजी को सौंपने पर सहमति देंगे। उन्होंने कहा कि निजीकरण का ऐसा कोई भी मॉडल राज्यों पर थोपने से पहले केंद्र को बताना चाहिए कि बिजली बोर्डों के विघटन के प्रयोगों का क्या परिणाम रहा है। इससे बिजली की दरें कितनी कम हुईं और उपभोक्ता सेवा कितनी बेहतर हुई?
स्रोत: नवभारत टाइम्स