उद्यमी योजना के 181 चयनित लाभार्थियों में से 127 को मिलेगी दूसरी किस्त की राशि
उद्यमी योजना के लिए 181 को चयनित कर उन्हें विभागीय स्तर पर प्रशिक्षण देकर प्रथम किस्त की राशि दी गई है। वहीं 127 लाभार्थियों को जल्द हीं उनके खाते में दूसरे किस्त की राशि दे दी जाएगी। इस संबंध में जागरण में ये रिपोर्ट पढ़ें:
जागरण : सिवान। मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति/जनजाति उद्यमी योजना के लिए विभाग द्वारा 181 आवेदकों का चयन का उन्हें प्रशिक्षण भी दिया गया है। वहीं चयनित लाभार्थियों को प्रथम किस्त की राशि भी दी जा चुकी है, लेकिन दूसरी किस्त देने के लिए विभाग ने कुछ शर्तों को लागू कर दिया है। द्वितीय किस्त लेने के लिए लाभर्थियों को करेंट एकाउंट एवं जीएसटी लेना अनिवार्य कर दिया गया है। इसमें 127 लाभार्थी हीं अब तक शर्तों को पूरा कर सके हैं। बता दें कि मुख्यमंत्री एससी/एसटी उद्यमी योजना के लिए 1500 आवेदकों ने आवेदन किया था। उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक मिथिलेश कुमार सिंह ने बताया कि योजना के तहत चयनित सभी उद्यमियों अपने अपने परियोजना का निबंधन कराना होगा। साथ हीं सभी लाभुकों को करेंट एकाउंट और जीएसटी नंबर लेना अनिवार्य कर दिया गया है। लाभुकों को दूसरी किस्त की राशि तभी दी जाएगी, जब वे निर्धारित मापडंड को पूरा करेंगे।
तीन किस्तों में दी जाएगी लोन की राशि :
मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति/जनजाति उद्यमी योजना के तहत अनुसूचित जाति/जनजाति के युवा व युवतियों को 10 लाख तक का लोन 50 प्रतिशत अनुदान पर दिया जाना है। लाभार्थियों को तीन किस्त में ऋण की राशि उपलब्ध कराई जाएगी। पहली किस्त की राशि शेड निर्माण और भूमि उपलब्धता के लिए, दूसरी किस्त विकास के लिए और तीसरी व अंतिम किस्त वर्किंग कैपिटल के रूप में प्रदान की जाएगी।
जीपीएस टैगिग से जुड़ेगा उद्योग :
उद्यमियों के ट्रेड को जीपीएस से टैग किया जाएगा। उद्यमियों के कारोबार को जीपीएस से जोड़ने के बाद उनके कारोबार पर पैनी नजर रखी जा सकेगी। इससे कारोबार में लगे उद्यमियों को समय पर उचित सलाह भी दी जा सकेगी।
सात वर्ष में लौटाना होगा ऋण, नहीं तो पैन व आधार नंबर होगा ब्लॉक :
योजना के तहत मिली राशि को सात वर्षों में लौटाना होगा। एससी-एसटी उद्यमी को 84 समान किस्तों में प्रतिमाह भुगतान करना होगा। लाभार्थियों को दस लाख तक का कर्ज मिलेगा। जिसकी 50 प्रतिशत राशि हीं सात वर्षों में लौटानी होगी। लोन स्वीकृत होने के बाद दी गई राशि को नहीं लौटाने वाले उद्यमियों का आधार नंबर और पैन नंबर को ब्लॉक कर दिया जाएगा। इससे भविष्य में उन्हें किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिल सकेगा।
क्या कहते हैं जिम्मेदार :
1500 आवेदकों में से 181 को चयनित कर उन्हें विभागीय स्तर पर प्रशिक्षण देकर प्रथम किस्त की राशि दी गई है। वहीं 127 लाभार्थियों ने नियमानुसार करेंट एकाउंट और जीएसटी नंबर जमा कर दिए हैं। जल्द हीं उनके खाते में दूसरे किस्त की राशि दे दी जाएगी।
मिथिलेश कुमार सिंह, महाप्रबंधक, जिला उद्योग केंद्र, सिवान
स्रोत : जागरण