यूपी में किसानों के लिए सबसे बड़ी योजना शुरू करेगी योगी सरकार, 4 करोड़ से अधिक को मिलेगा लाभ
देश की योगी सरकार किसानों पर केंद्रित सामाजिक सुरक्षा की सबसे बड़ी योजना लागू करने जा रही है। इसके अंतर्गत प्रदेश के करीब चार करोड़ किसानों व बटाईदारों के आश्रितों को दुर्घटना में मृत्यु पर पांच लाख रुपये मुआवजा व दिव्यांग होने पर लाभार्थी को 5 लाख रुपये तक की सहायता की व्यवस्था होगी। मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना बीमा योजना की जगह मुख्यमंत्री कृषक कल्याण योजना लागू की जाएगी। इस संबंध में अमर उजाला की ये रिपोर्ट पढ़ें:
अमर उजाला : प्रदेश की योगी सरकार किसानों पर केंद्रित सामाजिक सुरक्षा की सबसे बड़ी योजना लागू करने जा रही है। इसके अंतर्गत प्रदेश के करीब चार करोड़ किसानों व बटाईदारों के आश्रितों को दुर्घटना में मृत्यु पर पांच लाख रुपये मुआवजा व दिव्यांग होने पर लाभार्थी को 5 लाख रुपये तक की सहायता की व्यवस्था होगी।
इसके लिए राजस्व विभाग की मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना बीमा योजना की जगह मुख्यमंत्री कृषक कल्याण योजना लागू की जाएगी। राजस्व विभाग ने संशोधित योजना से संबंधित कैबिनेट प्रस्ताव तैयार कर विभागों से सहमति लेने की कार्यवाही शुरू कर दी है। इसे जल्दी ही कैबिनेट की मंजूरी दिलाने की तैयारी है।
प्रदेश में लागू मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना बीमा योजना में केवल खतौनी में दर्ज खाताधारक व सह खातेदार किसान शामिल थे। इसके बावजूद बीमा कंपनियों के जरिए किसानों को सरकार की ओर से अदा किए जा रहे प्रीमियम के बराबर भी मुआवजा नहीं मिल पा रहा था।
इस फीडबैक के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना बीमा योजना से बीमा की व्यवस्था समाप्त कर इसे नए स्वरूप में लाने और योजना का संचालन जिलाधिकारियों के स्तर से कराने का निर्देश दिया था। इसके अलावा इसमें किसानों के आश्रितों व बटाईदारों को शामिल कर योजना से अधिकाधिक लोगों को लाभ पहुंचाने का विस्तृत प्रस्ताव तैयार कर कैबिनेट से मंजूरी लेने का निर्देश दिया था।
सामाजिक सुरक्षा की इससे बड़ी योजना प्रदेश में कोई दूसरी नहीं
राजस्व विभाग ने मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना बीमा योजना के स्थान पर मुख्यमंत्री कृषक कल्याण योजना नाम से कैबिनेट प्रस्ताव तैयार कर विभागों से परामर्श की कार्यवाही शुरू कर दी है। इसे कैबिनेट की आगामी बैठक में मंजूरी दिलाने की तैयारी है।
सरकार ने यह योजना दुर्घटना के कारण किसान की मृत्यु या दिव्यांग होने पर उसके परिवार को सामाजिक सुरक्षा देने के लिए तैयार की है। इसके दायरे में चार करोड़ से अधिक लाभार्थी आएंगे। सामाजिक सुरक्षा की इतनी बड़ी योजना प्रदेश में कोई दूसरी नहीं है।
अनुसूचित जातियों, पिछड़ों व अल्पसंख्यकों को साधने पर नजर
शासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह योजना सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास पर आधारित है और इसका सर्वाधिक लाभ भूमिहीनों को मिलने वाला है। इनमें सबसे ज्यादा संख्या अनुसूचित जातियों, जनजातियों, अल्पसंख्यकों की है।
दुर्घटना के दायरे में ये होंगी शामिल
– आग लगना, बाढ़, बिजली गिरना, करंट लगना
– सांप काटना, जीव-जंतु व जानवर का काटना, मारना व आक्रमण
– समुद्र, नदी, झील, तालाब, पोखर व कुएं में डूबना
– आंधी-तूफान, वृक्ष से गिरने, दबने व मकान गिरने
– रेल, सड़क, हवाई व अन्य वाहन से दुर्घटना
– डकैती, दंगा, मारपीट, टकराव, आतंकवादी घटना व हत्या
– भू-स्खलन, भूकंप, गैस रिसाव, विस्फोट, सीवर चैंबर में गिरना
– किसी अन्य कारण से कृषक की अप्राकृतिक मृत्यु व दिव्यांगता पर किसान, उसके विधिक वारिस को आर्थिक सहायता दी जा सकेगी।
ये आएंगे पात्रता के दायरे में
प्रदेश के ऐसे समस्त खातेदार-सह खातेदार किसान जिनकी दुर्घटनावश मृत्यु हो जाती है या दिव्यांग हो जाते हैं। खातेदार व सह खातेदार किसानों के ऐसे माता-पिता, पति-पत्नी, पुत्र-पुत्री, पुत्र-वधू, पौत्र-पौत्री जिनकी जीविका का मुख्य साधन खातेदारों व सहखातेदारों के नाम दर्ज भूमि से होने वाली कृषि आय है। इनके अलावा भूमिहीन किसान जो पट्टे से प्राप्त भूमि पर खेती करते हैं।
पट्टेदारों में असामी पट्टेदार, सरकारी पट्टेदार व निजी पट्टेदार शामिल होंगे। ऐसे भूमिहीन किसान जो बटाई पर कृषि कार्य करते हैं और जिनकी जीविका का मुख्य साधन कृषि है। कृषक की मृत्यु व दिव्यांगता की तिथि को उम्र 18 से 70 वर्ष रखने का प्रस्ताव है।
योजना पारदर्शी तरीके से लागू हो इसके लिए आवेदन ऑनलाइन लिए जाएंगे लेकिन मैनुअल आवेदन का विकल्प खुला रखा जाएगा। योजना के लाभ के लिए आवश्यक दस्तावेज आदि की भी विस्तृत जानकारी शामिल की गई है।
इस तरह 5 लाख रुपये तक सहायता का प्रस्ताव
दुर्घटना का कारण– देय राशि
मृत्यु अथवा पूर्ण शारीरिक अक्षमता– 100%
दोनों हाथ अथवा दोनों पैर अथवा दोनों आंखों की क्षति– 100%
एक हाथ तथा एक पैर की क्षति– 100%
एक हाथ या एक पैर या एक आंख की क्षति– 50%
स्थायी दिव्यांगता 50% से अधिक लेकिन 100% से कम– 50 %
स्थायी दिव्यांगता 25% से अधिक लेकिन 50% से कम– 25 %
दूसरी योजना में शामिल तो अन्य योजना की राशि समायोजित कर लाभ
यदि लाभार्थी मृत्यु के दिन पीएम जीवन ज्योति बीमा योजना, पीएम सुरक्षा बीमा योजना में बीमित है या राज्य आपदा मोचक निधि से कोई धनराशि प्राप्त होती है तो वारिस या स्वयं किसान को इन योजनाओं के अंतर्गत प्राप्त सहायता की राशि को समायोजित कर अंतर की धनराशि कृषक कल्याण योजना से दी जाएगी।
पीएम जीवन ज्योति व पीएम सुरक्षा बीमा योजना में 4-4 लाख की व्यवस्था है। इसी तरह राज्य आपदा मोचक निधि से भी अधिकतम 4 लाख रुपये मदद की व्यवस्था है। हालांकि यदि दुर्घटनावश दिव्यांगता की स्थिति होगी तो दी जाने वाली पूरी रकम राज्य सरकार देगी।
स्रोत: अमर उजाला