बैंक सखी योजना : इस योजना के तहत महिलाओं को मिलेंगे 4000 रूपये हर महीना
इस लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों, किसानों और ग्रामीणों के लिए केंद्र सरकार अनेक योजनायें लेकर आई है. जिससे उन्हें बहुत मदद मिल रही है. इसी क्रम में एक और योजना “बैंक सखी योजना” है जिसके तहत ग्रामीण महिलाओं को बैंकिंग कार्यों के लिए नियुक्त किया जाएगा और वे महिलाऐं घर घर जाकर लोगों को बैंकिंग के बारे में बताएँगे और सरकार के अनेक योजनाओं के बारे में भी बताएँगे. इस खबर को और अधिक विस्तार से जानने के लिए पत्रिका के इस रिपोर्ट को पढ़ें:
पत्रिका: नई दिल्ली: कोरोना संक्रमण काल में देश के ग्रामीण इलाकों की दशा सुधारने की लिए केंद्र सरकार विशेष ध्यान दे रही है और तरह -तरह की सुविधाएं किसान, मजदुर व ग्रामीणों को उपलब्ध करायी जा रही है। विभिन्न राज्य सरकारें भी अपने यहाँ कई योजनाएं लागू कर रही हैं जिससे ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को फायदा होगा। इसमें ही एक योजना बैंक सखी है। प्रवासी श्रमिकों के लिए बैंक में खाता खोलने से लेकर रोजगार कार्यक्रमों में पंजीकरण तक में बैंक सखी उनकी मदद कर रही है।
ये होता है काम
इस सखी योजना में ग्रामीण महिलाओं को बैंकिंग कार्य के लिए नियुक्त किया जाएगा। महिलाएं घर-घर जाकर बैंकिंग का काम करेंगीं और लोगों को सरकार की योजनाओं से अवगत कराकर उन्हें फायदा पहुंचाएंगी। इसके साथ ही ग्रामीण इलाकों में घर बैठे बुजुर्गों को पेंशन, दिव्यंगों को उनके भत्तों का भुगतान, मनरेगा श्रमिकों का भुगतान दिलाने और किसी ग्रामीण को खाते से पैसा निकालने में सहायता करना रहता है।
इस योजना के लाभ
- इस योजना के तहत कई महिलाओं को भी रोजगार मिला है।
- इस समय देश में 63 लाख स्वयं सहायता समूह हैं जिनमे 690 लाख महिला सदस्य हैं जिनके वित्तीय मामलों की देखरेख बैंक सखियाँ कर रही हैं।
- योजना के पहले चरण में 58 हजार ग्रामीण महिलाओं की नियुक्ति का प्रस्ताव है। सरकार की ओर से महिलाओं को 4 हजार रूपये प्रति माह वेतन दिया जाएगा।
- इसके अलावा महिलाओं की कमीशन से भी अलग से कमाई होगी।
- महिलाओं को गाँव में ही काम मिलने से किसान परिवारों की हालत में सुधार होगा।
इन राज्यों में चल रही है ये योजना
इस समय उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़ में बड़े पैमाने पर बैंक सखियाँ अपनी सेवाएं दे रही हैं।
क्या होनी चाहिए योग्यता
- बैंक सखी बनने के लिए 10वीं पास और अंकगणित का ज्ञान होना जरुरी है।
- महिलाएं जिनकी आयु 18 से 45 वर्ष होती है उन्हें साक्षात्कार के माध्यम से चुना जाता है।
- बैंक द्वारा उन्हें निर्धारित मानदेय दिया जाता है।
- 30 समूह पर एक बैंक सखी और 80 से 160 समूहों के खातों पर दो बैंक सखियों की नियुक्ति की जाती है। इसके बाद समूहों की संख्या के अनुसार सखियों की संख्या में गावों के हिसाब से इजाफा किया जाता है।
योजना का उद्येश्य
इस योजना के माध्यम से, गाँव की महिलाएं अब डिजिटल तकनीक के माध्यम से ग्रामीण लोगों को सभी बैंकिंग सेवाएं प्रदान कर सकेंगी और डिजिटल पैसे के लेन-देन के साथ-साथ बैंकिंग से जुडी सभी समस्याओं का समाधान कर सकेंगी। सरकार डिजिटल उपकरण खरीदने के लिए प्रत्येक महिला को 50 हजार रूपये भी देगी। वही बैंक सखी लेनदेन पर कमीशन भी देगा।
स्रोत: पत्रिका