भाग्य लक्ष्मी योजना के तहत बेटी के 21 वर्ष पूरा होने पर मिलते हैं 2 लाख रूपये
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश के बेटियों के भविष्य को उज्जवल बनाने के लिए भाग्य लक्ष्मी योजना की शुरुआत की गयी, जिसके तहत BPL परिवार की बेटियों के जन्म होने पर 50,000 रूपये दी जाती है और बेटी के 21 साल पूरा होने तक 2 लाख रूपये तक का आर्थिक मदद दी जाती है. इस योजना के लाभार्थी कौन हैं और इसमें आवेदन कैसे करना होगा इस के बारे में पूरी जानकारी लेने के लिए पत्रिका के इस रिपोर्ट को पढ़ें:
पत्रिका: नई दिल्ली: Bhagya Lakshmi Yojana: लड़कियों के सुरक्षित भविष्य के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा भाग्यलक्ष्मी योजना की शुरुआत की गयी थी। इस योजना का मकसद है कि कोई भी अपनी बेटियों को बोझ न समझें बल्कि उनके भविष्य को उज्जवल बनाने की सोचें। सरकार इस योजना के अंतर्गत प्रदेश में गरीबी रेखा से नीचे (BPL) परिवार की बेटियों के जन्म पर 50,000 रूपये की आर्थिक सहायता दी जाती है। साथ ही बेटी की उम्र 21 साल होने तक माता-पिता को दो लाख रूपये की वित्तीय सहायता सरकार की तरफ से दी जाती है। भाग्यलक्ष्मी योजना का मकसद लड़कियों के भविष्य को मजबूत करना, उनकी पढाई-लिखाई में आर्थिक मदद करना है।
भाग्यलक्ष्मी योजना के फायदे
उत्तर प्रदेश में किसी परिवार में लड़की के जन्म पर परिवार को 50 हजार रूपये की आर्थिक मदद देती है। साथ ही जब बेटी की उम्र 21 साल हो जाएगी, तब यह रकम 2 लाख रूपये हो जाती है। इस योजना का फायदा केवल गरीबी रेखा के नीचे के परिवार को ही मिलेगा।
कौन कर सकता है आवेदन? (Bhagya Lakshmi Yojana Eligibility)
भाग्यलक्ष्मी योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर परिवार की बेटियों को सहायता राशि उपलब्ध होती है। इस योजना का लाभ लेने के लिए आवेदक परिवार उत्तर प्रदेश का मूल निवासी होना चाहिए। एक परिवार की दो लड़कियों को ही भाग्यलक्ष्मी योजना का लाभ मिल सकता है। वही, कन्या का जन्म साल 2006 के बाद हुआ होना जरुरी है। आवेदक परिवार गरीबी रेखा के नीचे (BPL) का होना चाहिए। परिवार का सालाना आय 2,00,000 रूपये से कम होनी चाहिए। लड़की के जन्म के एक महीने के अन्दर आंगनवाडी में पंजीकरण करना जरुरी है।
कैसे करें आवेदन? (Apply For Bhagya Lakshmi Yojana)
भाग्यलक्ष्मी योजना के तहत आवेदन करने के लिए आपको आधिकारिक वेबसाइट से ऑनलाइन फॉर्म डाउनलोड करना होगा। एक शपथ पत्र भी डाउनलोड करके भरने के बाद आपको अपने इलाके के आंगनबाड़ी केंद्र में जमा करना होगा। इसके अलावा उत्तर प्रदेश का मूल निवास प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, लड़की का जन्म प्रमाण-पत्र, आय प्रमाण-पत्र, जाति प्रमाण-पत्र, घर के पते का प्रमाण-पत्र, बैंक अकाउंट की जानकारी भी उपलब्ध करानी होगी।
स्रोत: पत्रिका