आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना: जानें इसके बारे में सबकुछ
कोरोना संक्रमण के कारण बहुत लोगों का रोजगार छिन गया है, इसी बेरोजगारी को फिर से पटरी पर लाने के लिए वित्त मंत्रालय ने 12 नवम्बर को एक नए योजना “आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना” को लांच किया. आज जानते हैं कि क्या है यह योजना और इस उद्येश्य क्या है.
आत्मनिर्भर भारत रोज़गार योजना के तहत नए रोजगार का सृजन करना मुख्य उद्येश्य है, जिससे बेरोजगार हुए लोगो को फिर से रोजगार मिल सकेगा. इसके तहत जो कंपनियां नए लोगों को रोजगार दे रही हैं यानी जो पहले से कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) में कवर नहीं थें उन्हें इसका फायदा मिलेगा. इसके लिए विस्तार से जानने के लिए जागरण के इस रिपोर्ट को पढ़ें:
जागरण: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोविड संक्रमण काल से उबर रहे भारत में रोजगार को बढ़ावा देने के लिए 12 नवंबर 2020 को नई योजना की शुरुआत की. इसे आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना नाम दिया गया है. उन्होंने खरीदारों और बिल्डरों के लिए आयकर में लाभ का भी घोषणा किया गया.
मोदी सरकार पलायन करने वाले मजदूरों के लिए खास तरह का पोर्टल लेकर आने वाली है. इसका उद्देश्य नए रोजगार को प्रोत्साहन देना है. इसके तहत जो कंपनियां नए लोगों को रोजगार दे रही हैं यानी जो पहले से कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) में कवर नहीं थें उन्हें इसका फायदा मिलेगा.
इस योजना का उद्देश्य
मोदी सरकार ने कोरोना काल में रोजगार गंवाने वालों को फिर से रोजगार दिलाने के उद्देश्य से आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना शुरू करने की घोषणा की. इसके तहत नई भर्तियां करने वाले प्रतिष्ठानों को सब्सिडी दी जाएगी.
इस योजना का लाभ
इस सब्सिडी के तहत दो साल के लिए रिटायरमेंट फंड में कर्मचारियों के साथ ही नियोक्ताओं के योगदान को भी शामिल किया जाएगा. सीतारमण ने कहा कि कर्मचारियों का कॉन्ट्रिब्यूशन (वेतन का 12 फीसदी) और संस्थान का योगदान (वेतन का 12 प्रतिशत) मिलाकर कुल वेतन का 24 प्रतिशत हिस्सा अगले दो वर्षों के लिए नई भर्तियां करने वाले प्रतिष्ठानों को दिया जाएगा.
मासिक वेतन पाने वाले नए कर्मचारी
वित्त मंत्री ने बताया कि इस योजना के तहत 15,000 रुपये से कम मासिक वेतन पाने वाले नए कर्मचारी को गिना जाएगा. उन्होंने कहा कि इसमें 15,000 से कम वेतन पाने वाले ऐसे कर्मचारी भी शामिल होंगे, जिन्हें कोविड-19 महामारी के दौरान नौकरी से निकाल दिया गया था और वे एक अक्टूबर 2020 को या उसके बाद दोबारा जुड़े हैं.
आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना की मुख्य बातें
- आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना की शुरुआत 01 अक्टूबर 2020 से मानी जाएगी. इसके तहत कोरोना काल में नौकरी गंवाने वाले लोगों की सहायता की जाएगी.
- प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना के तहत 1.52 लाख प्रतिष्ठानों को 8300 करोड़ रुपये का लाभ वितरित किया गया है. इससे 1.21 करोड़ लाभार्थियों को सामाजिक सुरक्षा लाभ मिला है.
- इस योजना के तहत देश में तेजी से नौकरियों के मौके बढ़ेंगे. राहत पैकेज के तहत आत्मनिर्भर रोजगार योजना के तहत देश के संगठित क्षेत्र में ज्यादा रोजगार उत्पन्न होंगे. असंगठित क्षेत्र को भी संगठित करने पर काम होगा. आत्मनिर्भर भारत 3.0 के तहत 12 उपायों की घोषणा होगी. रजिस्टर्ड ईपीएफओ प्रतिष्ठान से जुड़ने वाले कर्मचारी को इसका लाभ पहुंचेगा.
- केंद्र सरकार अगले दो साल तक सब्सिडी देगी. जिस संस्था में 1000 तक कर्मचारी हैं, उसमें 12 प्रतिशत कर्मचारी और 12 प्रतिशत नियोक्ता हिस्सा केंद्र देगी. 1000 से अधिक कर्मचारियों वाली संस्थाओं में केंद्र कर्मचारी के हिस्से का 12 प्रतिशत देगा. 65 प्रतिशत संस्थाएं इसमें कवर हो जाएंगी.
स्रोत: जागरण