गन्ना किसानों के लिए करीब 3,500 करोड़ रूपये की सहायता राशि को मंत्रिमंडल में मंजूरी
आर्थिक मामलों की समिति जिनकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी कर रहे थे, उसमे गन्ना किसानों के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए 3,500 करोड़ रूपये की सहायता राशि को मंजूरी दी गई है. यह सहायता राशि गन्ना किसानों के खातों में सीधे स्थानांतरित कर दिया जाएगा. इस निर्णय से पांच करोड़ गन्ना किसानों और उनके परिवारों तथा चीनी मिलों एवं अन्य सहायक गतिविधियों में काम करने वाले पांच लाख कामगारों को लाभ होगा।
उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय
मंत्रिमंडल ने गन्ना किसानों के लिए करीब 3,500 करोड़ रुपये की सहायता को मंजूरी दीयह सहायता राशि सीधे किसानों के खातों में जमा की जाएगीइस निर्णय से पांच करोड़ गन्ना किसानों और उनके परिवारों तथा चीनी मिलों एवं अन्य सहायक गतिविधियों में काम करने वाले पांच लाख कामगारों को लाभ होगा
16 DEC 2020
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने गन्ना किसानों को 3,500 करोड़ रुपये की सहायता देने की मंजूरी दे दी।
इस समय देश में करीब पांच करोड़ गन्ना किसान और उनके परिवार हैं। इनके अलावा, चीनी मिलों में तथा उसकी सहायक गतिविधियों में काम करने वाले करीब पांच लाख कामगार हैं और इन सभी की आजीविका चीनी उद्योग पर निर्भर है।
किसान अपना गन्ना चीनी मिलों को बेचते हैं, लेकिन चीनी मिल मालिकों से उन्हें उनका भुगतान प्राप्त नहीं होता क्योंकि उनके पास चीनी का अतिरिक्त स्टॉक होता है। इस चिंता को दूर करने के लिए सरकार चीनी के अतिरिक्त स्टॉक को शून्य पर लाने के प्रयास कर रही है। इससे गन्ना किसानों के बकाये का भुगतान करने में सहूलियत होगी। सरकार इस उद्देश्य के लिए 3,500 करोड़ रुपये व्यय करेगी और इस सहायता की राशि को चीनी मिलों की ओर से बकाये के भुगतान के तौर पर सीधे किसानों के खातों में जमा किया जाएगा। शेष राशि, यदि बचेगी तो, उसे चीनी मिलों के खाते में जमा कर दिया जाएगा।
इस सब्सिडी का उद्देश्य चीनी मिलों द्वारा चीनी सत्र 2020-21 के दौरान अधिकतम स्वीकार्य निर्यात कोटा (एमएईक्यू) के तहत 60 लाख मीट्रिक टन की मात्रा तक चीनी का निर्यात करने पर उसके प्रबंधन, सुधार तथा अन्य प्रसंस्करण लागत और अंतर्राष्ट्रीय तथा घरेलू परिवहन एवं माल भाड़ा शुल्क समेत उस पर आने वाली कुल बाजार कीमत को पूरा करना है।
इस निर्णय से पांच करोड़ गन्ना किसानों और उनके परिवारों तथा चीनी मिलों एवं अन्य सहायक गतिविधियों में काम करने वाले पांच लाख कामगारों को लाभ होगा।
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Source: PIB