Text of PM’s Address at Launching of Ayushman Bharat PM-JAY SEHAT to Extend Coverage to All Residents of Jammu & Kashmir

Text of PM’s Address at Launching of Ayushman Bharat PM-JAY SEHAT to Extend Coverage to All Residents of Jammu & Kashmir

 Prime Minister’s Office

Text of PM’s address at launching of Ayushman Bharat PM-JAY SEHAT to extend coverage to all residents of Jammu & Kashmir

26, 2020

आज मुझे जम्‍मू-कश्‍मीर के दो लाभार्थिेंयों से आयुष्‍मान भारत योजना के विषय में उनका अनुभव सुनने का अवसर मिला। मेरे लिए सिर्फ आपके ये अनुभव नहीं हैं। कभी-कभी जब काम करते हैं, निर्णय करते हैं, लेकिन जिनके लिए करते हैं उनसे जब संतोष के शब्‍द मिलते हैं, वो शब्‍द मेरे लिए आर्शीवाद बन जाते हैं। मुझे गरीबों के लिए और ज्‍यादा काम करने के लिए, और मेहनत करने के लिए और दौड़ने के लिए, ये आपके आर्शीवाद बड़ी ताकत देते हैं और इत्तेफाक से देखिए दोनों भाई जम्‍मू वाले सज्‍जन भी और श्रीनगर वाले भी, अपना छोटा कारोबार कोई एक ड्राइवरी करता है कोई कुछ, लेकिन मुसीबत के समय में ये योजना उनकी जीवन में कितना बड़ा काम कर रही है। आप की बातें सुनकर के मुझे बहुत अच्‍छा लगा। विकास की योजनाओं का लाभ आखिरी इंसान तक पहुंचे गरीब से गरीब तक पहुंचे, जमीन के हर कोने तक पहुंचे, सभी तक पहुंचे यह हमारी सरकार का commitment है। आज इस समारोह में उपस्‍थित मेरे मंत्री परिषद के साथी गृह मंत्री श्री अमित शाह जी, स्वास्थ्य मंत्री भाई डॉक्टर हर्षवर्धन जी, पीएमओ में मेरे साथ राज्यमंत्री के रूप में काम कर रहे भाई जीतेंद्र सिंह जी, जम्मू-कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर श्रीमान मनोज सिन्हा जी, संसद के मेरे अन्य सभी सहयोगी, जम्मू-कश्मीर के जन प्रतिनिधिगण और मेरे जम्‍मू-कश्‍मीर के प्यारे भाइयों और बहनों,

आज का दिन जम्मू कश्मीर के लिए बहुत ऐतिहासिक है। आज जम्मू कश्मीर के सभी लोगों को आयुष्मान योजना का लाभ मिलने जा रहा है। सेहत स्कीम- अपने आप में एक बहुत बड़ा कदम है। और जम्मू-कश्मीर को अपने लोगों के विकास के लिए ये कदम उठाता देख, मुझे भी बहुत खुशी हो रही है और इसलिए श्रीमान मनोज सिन्‍हा जी और उनकी पूरी टीम को, सरकार के सभी मुलाजिम को, जम्‍मू-कश्‍मीर के नागरिकों को मेरी तरफ से बहुत-बहुत बधाई है। वैसे मेरी इच्छा थी कि ये कार्यक्रम कल ही हो, अगर 25 तारीख को अटल जी के जन्‍मदिन पर ये हो पाता लेकिन मेरी अपनी कुछ व्‍यस्‍तताओं के कारण मैं कल इसे नहीं कर पाया इसलिए मुझे आज की date तय करनी पड़ी। अटल जी का जम्‍मू-कश्‍मीर से एक विशेष स्नेह था। अटल जी इंसानियत, जम्‍हूरियत और कश्मीरियत की बात को लेकर के हम सबको आगे के कामों के लिए लगातार दिशानिर्देश देते रहे हैं। इन्‍हीं तीन मंत्रों को लेकर के आज जम्मू-कश्मीर, इसी भावना को मजबूत करते हुए आगे बढ़ रहा है।

साथियों,

इस योजना के फायदों पर विस्तार से बात करने से पहले मैं आज, मुझे अवसर मिला है आपके बीच आने का तो मैं कहना चाहूँगा मैं जम्‍मू-कश्‍मीर के लोगों को लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए अनेक-अनेक-अनेक-अनेक बधाईयाँ देता हूँ। District Development Council के चुनाव ने एक नया अध्याय लिखा है। मैं इन चुनावों के हर Phase में देख रहा था कि कैसे इतनी सर्दी के बावजूद, कोरोना के बावजूद, नौजवान, बुजुर्ग, महिलाएं बूथ पर पहुंचे हैं। घंटों तक कतार में खड़े रहे हैं। जम्मू कश्मीर के हर वोटर के चेहरे पर मुझे विकास के लिए, डेवलपमेंट के लिए एक उम्मीद नजर आई, उमंग नजर आई। जम्मू कश्मीर के हर वोटर की आंखों में मैंने अतीत को पीछे छोड़ते हुए, बेहतर भविष्य का विश्वास भी देखा है।

साथियों,

इन चुनावों में जम्मू-कश्मीर के लोगों ने लोकतंत्र की जड़ों को और मजबूत करने का काम किया है और मैं ये भी कहना चाहूँगा कि जम्‍मू-कश्‍मीर का प्रशासन, सुरक्षा बल जिस प्रकार से उन्‍होंने इस चुनाव का संचालन किया है और सभी दलों की तरफ से ये चुनाव बहुत ही transparent हुए, नेक नियत से हुए। ये जब मैं सुनता हूँ तो इतना मुझे गर्व हो रहा है कि जम्‍मू-कश्‍मीर से चुनाव निष्‍पक्ष होना, स्‍वतंत्र होना, ये बात जम्‍मू-कश्‍मीर की तरफ से सुनता हूँ तो लोकतंत्र की ताकत का हमें और विश्‍वास मजबूत हो जाता है। मैं प्रशासन को भी, सुरक्षा बलों को भी ढेर सारी बधाईयाँ देता हूँ। आपने छोटा काम नहीं किया है, बहुत बड़ा काम किया है। आज मैं अगर रूबरू में होता तो सब प्रशासन के लोगों को जितनी तारीफ करता शायद मेरे शब्‍द कम पड़ जाते। इतना बड़ा काम आपने किया है। आपने देश में एक नया विश्‍वास पैदा किया है और उसका पूरा credit मनोज जी और उनके सरकार के, प्रशासन के सब लोगों को जाता है। भारत के लिए गौरव का पल है।

साथियों,

जम्मू-कश्मीर में ये त्रि-स्‍तरिय पंचायत व्‍यवस्‍था एक प्रकार से महात्मा गांधी का ग्राम स्वराज का सपना है , एक प्रकार से ये चुनाव गांधी के ग्राम स्‍वराज का सपना जीता है और देश में जो पंचायती राज व्यवस्था है, उसने आज जम्‍मू-कश्‍मीर की धरती पर पूर्णता को प्राप्त किया है। ये नए दशक में, नए युग के नए नेतृत्व का आरंभ है। बीते वर्षों में हमने जम्मू-कश्मीर में Grassroot Democracy को, जमीनी स्तर पर लोकतांत्रिक संस्थाओं को मजबूत करने के लिए दिन रात प्रयास किया है और जम्‍मू-कश्‍मीर के भाईयों-बहनों को पता होगा एक समय था, हम लोग जम्‍मू-कश्‍मीर की सरकार का हिस्‍सा थे। हमारे उप-मुख्‍यमंत्री थे, हमारे मंत्री थे लेकिन हमने उस सत्ता सुख को छोड़ दिया था। हम सरकार से बाहर आ गए थे। किस मुद्दे पर आए थे आपको मालूम हैं ना, हमारा मुद्दा यही था पंचायतों के चुनाव कराओ, जम्‍मू-कश्‍मीर के गांव-गांव के नागरिकों को उनका हक दो। उनको उनके गांव का फैसला करने की ताकत दो। इस मुद्दे पर हम सरकार छोड़ करके आपके साथ रास्‍ते पर आ के खड़े हो गए थे और आज मुझे खुशी है कि ब्लाक स्तर पर, पंचायत स्तर पर या फिर जिला स्तर पर आपने जिन लोगों को चुना है उनमें से ज्यादातर आपके बीच ही रहते हैं, वो आपके बीच से ही निकलकर चुनाव जीते हैं। उन्होंने भी वही परेशानियां उठाई हैं जो आपने उठाई हैं। उनके सुख-दुख, उनके सपने, उनकी उम्मीदें भी आपके सुख-दुख, आपके सपनों और उम्मीदों से पूरी तरह मेल खाते हैं। ये वो लोग हैं जो अपने नाम के बल पर नहीं बल्कि अपने काम के बल पर आपका आर्शीवाद ले पाए हैं और आज आपने उनको आपका प्रतिनिधित्व देने का हक दिया है। आज आपने जिन युवाओँ को चुना है वो आपके साथ काम करेंगे, आपके लिए काम करेंगे और जो लोग चुन करके आए हैं मैं उनका भी बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूँ और जो इस बार विजयी नहीं हो पाए हैं उनको भी मैं कहूँगा कि आप निराश मत होना, जनता की सेवा लगातार करते रहना। आज नहीं तो कल आपके नसीब में भी विजय आ सकता है। लोकतंत्र में यही होता है जिसको मौका मिले वो सेवा करे, जिसको मौका न मिले वो सेवा के फल में कोई रह जाता है तो उसके लिए लगातार सक्रिय रहे। आप आने वाले समय में उन्हें अपने क्षेत्र के साथ ही देश के लिए बड़ी भूमिकाओं के लिए भी तैयार कर रहे हैं। जम्मू-कश्मीर में इन चुनावों ने ये भी दिखाया कि हमारे देश में लोकतंत्र कितना मजबूत है। लेकिन मैं आज देश के सामने एक और पीड़ा भी व्‍यक्‍त करना चाहता हूँ। जम्‍मू-कश्‍मीर ने तो यू.टी. बनने के एक साल के भीतर-भीतर त्रि-स्‍तरीय पंचायती राज व्‍यवस्‍था के चुनाव करवा दिए, शांतिपूर्ण करवा दिए और लोगों को उनका हक दे दिया। अब यही चुने हुए लोग जम्‍मू-कश्‍मीर के अपने गांवों का, अपने जिले का, अपने ब्‍लॉक का भविष्‍य तय करेंगे। लेकिन, दिल्‍ली में कुछ लोग सुबह-शाम, आए दिन, मोदी को कोसते रहते हैं, टोकते रहते हैं, अपशब्‍दों का प्रयोग करते हैं और आए दिन मुझे लोकतंत्र सिखाने के लिए रोज नए-नए पाठ बताते रहते हैं। मैं उन लोगों को जरा आज आईना दिखाना चाहता हूँ। ये जम्‍मू-कश्‍मीर देखिए, यू.टी. बनने के इतने कम समय में उन्‍होंने त्रि-स्‍तरीय पंचायती राज व्‍यवस्‍था को स्‍वीकार करके काम आगे बढ़ाये। लेकिन दूसरी ओर विडम्बना देखिए, पुडुचेरी में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद पंचायत और म्यूनिसिपल इलेक्शन नहीं हो रहे है और जो मुझे यहां रोज लोकतंत्र के पाठ पढ़ाते हैं ना उनकी पार्टी वहां राज कर रही है। आप हैरान होंगे, सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में ये आदेश दिया था। लेकिन वहां जो सरकार है, जिसका लोकतंत्र पे रत्ती भर भी भरोसा नहीं है इस मामले को लगातार टाल रही है।

साथियों,

पुडुचेरी में दशकों के इंतजार के बाद साल 2006 में Local Body Polls हुए थे। इस चुनावों में जो चुने गए, उनका कार्यकाल साल 2011 में ही खत्म हो चुका है। कुछ राजनीतिक दलों की कथनी और करनी में कितना बड़ा फर्क है, लोकतंत्र के प्रति वो कितना गंभीर हैं, ये इस बात से भी पता चलता है। इतने साल हो गए, पुडुचेरी में पंचायत वगैराह के चुनाव नहीं होने दिए जा रहे हैं।

भाइयों और बहनों,

केंद्र सरकार ये लगातार कोशिश कर रही है कि गांव के विकास में, गांव के लोगों की भूमिका सबसे ज्यादा रहे। प्लानिंग से लेकर अमल और देखरेख तक पंचायती राज से जुड़े संस्थानों को ज्यादा ताकत दी जा रही है। आपने भी देखा है, गरीब से जुड़ी जरूरतों को पूरा करने के लिए पंचायतों का दायित्व अब कितना बढ़ा है। इसका लाभ जम्मू कश्मीर में देखने को भी मिल रहा है। जम्मू कश्मीर के गांव-गांव में बिजली पहुंची है। यहां के गांव आज खुले में शौच से मुक्त हो चुके हैं। गांव-गांव तक सड़क पहुंचाने के लिए मनोज जी के नेतृत्‍व में पूरा प्रशासन कठिनाईयों के बीच भी बहुत तेजी से काम पर लगा हुआ है। हर घर जल पहुंचाने का मिशन जम्मू कश्मीर में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। अगले 2-3 साल में राज्य के हर घर तक पाइप से पानी पहुंच जाए, इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं। जम्मू-कश्मीर में लोकल गवर्नेंस का मजबूत होना, डवलपमेंट के कामों में ये बहुत बड़ी तेज़ी लाएगा।

साथियों,

आज जम्मू-कश्मीर के लोगों का विकास, हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है। चाहे वो महिला सशक्तिकरण हो, युवाओं के लिए अवसर की बात हो, दलितों-पीड़ितों- शोषितों-वंचितों के कल्याण का लक्ष्य हो या फिर लोगों के संवैधानिक और बुनियादी अधिकार, हमारी सरकार राज्य की भलाई के लिए हर फैसले ले रही है। आज पंचायती राज जैसी लोकतांत्रिक संस्थाएं उम्मीद के इसी सकारात्मक संदेश को बढ़ा रही हैं। आज हम लोगों को ये विश्वास दिलाने में सफल हुए हैं कि परिवर्तन संभव है और ये परिवर्तन उनके चुने हुए पसंदीदा प्रतिनिधि ला सकते हैं। ज़मीनी स्तर पर लोकतंत्र लाकर हम लोगों की आकांक्षाओं को अवसर दे रहे हैं। जम्मू-कश्मीर की अपनी महान विरासत है और इसके शानदार लोग अपने इस क्षेत्र को सशक्त करने के तरीके अपना रहे हैं, नए तरीके सुझा रहे हैं।

साथियों,

जम्मू-कश्मीर की जीवन रेखा कही जाने वाली झेलम नदी में, रावी, ब्यास, सतलुज मिलने से पहले कई उपनदियां भी मिलती हैं और फिर ये सारी नदियां महान सिंधु नदी में समा जाती हैं। महान सिंधु नदी हमारी सभ्यता, हमारी संस्कृति और विकास यात्रा का पर्याय है। इसी तरह विकास की क्रांति भी उपनदियाँ, सहायक नदियाँ की तरह ही कई धाराओं में आती है और फिर बड़ी धारा बन जाती है। इसी सोच के साथ हम स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी परिवर्तन लाने की कोशिश कर रहे हैं। हमारी सरकार ने कई छोटी-छोटी धाराओं की तरह कई योजनाओं की शुरुआत की है और सबका एक ही लक्ष्य है- स्वास्थ्य के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाना। जब हमने उज्जवला योजना के तहत देश की बहनों को, बेटियों को गैस कनेक्शन दिया, तो इसे सिर्फ ईंधन पहुंचाने की एक योजना के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए। हमने इसके जरिए अपनी बहनों बेटियों को धुएं से मुक्ति दिलाई, पूरे परिवार की स्वास्थ्य को सुधारने का प्रयास किया। महामारी के दौरान भी यहां जम्मू-कश्मीर में करीब 18 लाख गैस सिलेंडर रिफिल कराए गए। उसी प्रकार से आप स्वच्छ भारत अभियान का ही उदाहरण लीजिए। इस अभियान के तहत जम्मू कश्मीर में 10 लाख से ज्यादा टॉयलेट बनाए गए। लेकिन इसका मकसद सिर्फ शौचालय बनाने तक सीमित नहीं, ये लोगों के स्वास्थ्य को सुधारने की भी कोशिश है। शौचालयों से स्वच्छता तो आई ही है, बहुत सी बीमारियों को भी रोका जा सका है। अब इसी कड़ी में आज जम्मू कश्मीर आयुष्मान भारत- सेहत स्कीम शुरु की गई है। आप सोचिए, जब इस स्कीम के तहत राज्य के प्रत्येक व्यक्ति को, 5 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज मिलेगा तो उनके जीवन में कितनी बड़ी सहूलियत आएगी। अभी तक आयुष्मान भारत योजना का लाभ राज्य के करीब 6 लाख परिवारों को मिल रहा था। अब सेहत योजना के बाद यही लाभ करीब-करीब 21 लाख परिवारों को मिलेगा।

साथियों,

बीते 2 सालों में, डेढ़ करोड़ से ज्यादा गरीबों ने आयुष्मान भारत योजना का लाभ उठाया है। इससे जम्मू कश्मीर के लोगों को भी मुश्किल के समय में बहुत राहत मिली है। यहां के करीब 1 लाख गरीब मरीज़ों का अस्पताल में 5 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज किया गया है। इसमें भी जिन बीमारियों का सबसे ज्यादा इलाज हो रहा है, उसमें कैंसर, हार्ट और ऑर्थो से जुड़ी बीमारियां सबसे ज्यादा है। ये ऐसी बीमारियां हैं, जिन पर होने वाला खर्च किसी भी गरीब की नींद उड़ा देता है और हमने तो देखा है कि कोई गरीब परिवार मेहनत करके थोड़ा ऊपर आए और मध्‍यम वर्गीय और आगे बढ़े और अगर परिवार में कोई अगर एक बिमारी आ जाए तो फिर वो गरीबी के चक्‍कर में वापिस फंस जाता है।

भाईयों-बहनों,

जम्मू-कश्मीर की वादियों में हवा इतनी शुद्ध है, प्रदूषण इतना कम है कि स्‍वाभाविक रूप से हर कोई चाहता है और मैं तो जरूर चाहूंगा कि आप हमेशा स्वस्थ रहें। हां, अब मुझे ये तसल्ली है कि बीमारी की स्थिति में आयुष्मान भारत- सेहत स्कीम आपकी एक साथी बनकर मौजूद रहेगी।

साथियों,

इस स्कीम का एक और लाभ होगा जिसका जिक्र बार-बार किया जाना जरूरी है। आपका इलाज सिर्फ जम्मू कश्मीर के सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों तक सीमित नहीं रहेंगा। बल्कि देश में इस योजना के तहत जो हज़ारों अस्पताल जुड़े हैं, वहां भी ये सुविधा आपको मिल पाएगी। आप मान लिजिए मुम्‍बई गए हैं और अचानक जरूरत पड़ी तो ये कार्ड मुम्‍बई में भी आपके काम आएगा। आप चेन्‍नई गए तो वहां भी ये काम आएगा, वहां के अस्‍पताल भी मुफ्त में आपकी सेवा करेगी। आप कोलकत्ता गए हैं, तो वहां मुश्‍किल होगा क्‍योंकि वहां कि सरकार आयुष्‍मान योजना से नहीं जुड़ी है, कुछ लोग होते हैं क्‍या करें। देशभर में ऐसे 24 हज़ार से ज्यादा अस्पताल इस वक्त हैं, जहां सेहत स्कीम के तहत आप इलाज करा पाएंगे। कोई बंदिश नहीं, कोई रोकटोक नहीं। किसी को कमीशन नहीं, कट का तो नाम और‍ निशान नहीं है, कोई सिफारिश नहीं, कोई भ्रष्टाचार नहीं। सेहत स्कीम का कार्ड दिखाकर, आपको हर जगह इलाज की सुविधा मिल जाएगी।

साथियों,

जम्मू-कश्मीर अब देश के विकास के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल पड़ा है। कोरोना को लेकर भी जिस तरह राज्य में काम हुआ है, वो प्रशंसनीय है। मुझे बताया गया है कि 3 हज़ार से ज्यादा डॉक्टर, 14 हज़ार से ज्यादा पैरामेडिकल स्टाफ, आशा कार्यकर्ता, दिनरात जुटे रहे और अब भी जुटे हुए हैं। आपने बहुत ही कम समय में राज्य के अस्पतालों को कोरोना से लड़ने के लिए भी तैयार किया। ऐसे ही इंतज़ाम के कारण कोरोना के ज्यादा से ज्यादा मरीज़ों को बचाने में हम कामयाब रहे हैं।

भाइयों और बहनों,

जम्मू कश्मीर में हेल्थ सेक्टर पर आज जितना ध्यान दिया जा रहा है, उतना पहले कभी नहीं दिया गया। आयुष्मान भारत योजना के तहत राज्य में 1100 से ज्यादा हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर बनाने का लक्ष्य है। इसमें से 800 से ज्यादा पर काम पूरा हो चुका है। जन औषधि केंद्रों पर बहुत ही कम दामों में मिल रही दवाइयों और मुफ्त डायलिसिस की सुविधा ने भी हजारों लोगों को लाभ पहुंचाया है। जम्मू और श्रीनगर डिविजन में दोनों जगह 2 कैंसर इंस्टीट्यूट्स भी बनाए जा रहे हैं। दो एम्स का काम भी तेज़ी से चल रहा है। नौजवानों को मेडिकल और पैरामेडिकल एजुकेशन के लिए जम्मू कश्मीर में ही ज्यादा से ज्यादा मौके मिले, इसके लिए भी काम हो रहा है। जम्मू कश्मीर में 7 नए मेडिकल कॉलेज को मंजूरी मिल चुकी है। इससे MBBS की सीटें दोगुनी से भी ज्यादा होने वाली हैं। इसके अलावा जिन 15 नए नर्सिंग कॉलेजों को मंज़ूरी दी गई है, उनसे युवाओं के लिए नए अवसर बनेंगे। इसके अलावा जम्मू में IIT और IIM की स्थापना भी यहां के नौजवानों को Higher Education के बेहतर मौके उपलब्ध कराएगी। राज्य में स्पोर्ट्स फेसिलिटी बढ़ाने के लिए जो परियोजनाएं शुरू हुई हैं, वो यहां के टैलेंट को स्पोर्ट्स की दुनिया में छा जाने में मदद करेगी।

भाइयों और बहनों,

हेल्थ के साथ ही दूसरे इंफ्रास्ट्रक्चर में भी नए जम्मू कश्मीर के कदम तेज़ी से आगे बढ़ रहे हैं। पिछले 2-3 साल में इसको लेकर कैसे तेज़ी आई है, इसका एक बेहतरीन उदाहरण हाइड्रो पावर है। 7 दशकों में जम्मू कश्मीर में साढ़े 3 हज़ार मेगावॉट बिजली की कैपेसिटी तैयार हुई थी। बीते 2-3 सालों में ही इसमें 3 हज़ार मेगावॉट कैपेसिटी हमने और जोड़ दी है। Prime Ministers Development Package के तहत चल रहे प्रोजेक्ट्स पर भी अब काम बहुत तेजी से हो रहा है। खासतौर पर कनेक्टिविटी से जुड़े प्रोजेक्ट्स से राज्य की तस्वीर और तकदीर दोनों बदलने वाली है। मैंने चिनाब पर बन रहे बेहतरीन रेलवे ब्रिज की तस्वीरें देखी हैं और आजकल तो सोशल मिडिया पर शायद हिन्‍दुस्‍तान के हर किसी ने देखी होंगी। उन तस्वीरों को देखकर किस नागरिक का माथा गर्व से ऊंचा नहीं होगा। रेलवे का पूरा ज़ोर है कि अगले 2-3 साल में वैली रेलवे से कनेक्ट हो जाए। जम्मू और श्रीनगर में लाइट रेल ट्रांज़िट मेट्रो को लेकर भी बात आगे बढ़ रही है। बनिहाल टनल को भी अगले साल तक पूरा करने की कोशिश की जा रही है। जम्मू में जो सेमी रिंग रोड का काम चल रहा है, उसे भी जल्द से जल्द पूरा करने में सरकार जुटी हुई है।

साथियों,

कनेक्टिविटी जब बेहतर होती है तो इससे टूरिज्म और इंडस्ट्री दोनों को बल मिलता है। टूरिज्म जम्मू की भी ताकत रहा है और कश्मीर की भी ताकत रहा है। कनेक्टिविटी की जिन योजनाओं पर सरकार काम कर रही है, उससे जम्मू को भी लाभ होगा और कश्मीर को भी लाभ होगा। कालीन से लेकर केसर तक, सेब से लेकर बासमती तक जम्मू कश्मीर में क्या नहीं है? कोरोना की वजह से हुए लॉकडाउन के दौरान भी सरकार ने इस बात का ध्यान रखा कि यहां के apple किसानों को दिक्कत कम से कम हो। बाजार में सही तरीके से समय पर माल पहुंचे, हमारी सरकार ने कुछ महीने पहले ये निर्णय भी लिया कि apple की खरीद के लिए Market Intervention Scheme को पिछले साल की तरह ही इस साल भी लागू रखा जाएगा। इसके तहत सरकार द्वारा apple की खरीद, नाफेड के माध्यम से और सीधे किसानों से की जा रही है। जो apple खरीदा जा रहा है, उसका भुगतान भी Direct Benefit Transfer के जरिए सीधे किसानों के बैंक खातों में किया जा रहा है। इस स्कीम के तहत 12 लाख मीट्रिक टन apple खरीदा जा सका है और ये जम्‍मू-कश्‍मीर के किसानों को एक प्रकार से बहुत बड़ी सुविधा हुई है। हमारी सरकार ने नाफेड को इस बात के लिए भी स्वीकृति दी है कि वो 2500 करोड़ रुपए की सरकारी गारंटी का उपयोग कर सके। apple की खरीद के लिए, आधुनिक मार्केटिंग प्लेटफार्म उपलब्ध कराने के लिए, ट्रांसपोर्टेशन की सुविधाएं बढ़ाने पर सरकार ने लगातार प्रगति की है। apple की स्टोरेज के लिए सरकार जो सहायता कर रही है, उससे भी किसानों को बहुत लाभ हुआ है। यहां पर नए किसान उत्पादक संघ- FPO’s का निर्माण हो, अधिकतम बनें, इसके लिए भी लगातार प्रशासन प्रयास कर जा रहा है। नए कृषि सुधारों ने जम्मू में भी और घाटी में भी, दोनों जगह फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री के लिए नए अवसर बना दिए हैं। इससे हज़ारों लोगों को, रोज़गार और स्वरोजगार के मौके मिलने वाले हैं।

भाइयों और बहनों,

आज जम्मू-कश्मीर में जहां एक तरफ हज़ारों सरकारी नौकरियां नोटिफाई की जा रही हैं, वहीं दूसरी तरफ स्वरोजगार के लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं। बैंकों के ज़रिए अब जम्मू कश्मीर के नौजवान कारोबारियों को आसानी से लोन मिलना शुरु हुआ है। इसमें भी हमारी बहनें, जो सेल्फ हेल्प ग्रुप्स से जुड़ी हैं, वो ज्यादा से ज्यादा संख्या में आगे आ रही हैं।

साथियों,

पहले देश के लिए अधिकतर जो स्कीम बनती थी, जो कानून बनते थे, उनमें लिखा होता था-Except (एक्सेप्ट) J and K. अब ये इतिहास की बात हो चुकी है। शांति और विकास के जिस मार्ग पर जम्मू और कश्मीर बढ़ रहा है, उसने राज्य में नए उद्योगों के आने का मार्ग भी बनाया है। आज जम्मू-कश्मीर आत्मनिर्भर भारत अभियान में अपना योगदान दे रहा है। पहले 170 से ज्यादा सेंट्रल लॉ जो पहले एप्लीकेबल नहीं थे वो अब एडमिनिस्ट्रेशन का हिस्सा हैं। जम्‍मू-कश्‍मीर के नागरीकों का हक का अवसर है।

साथियों,

हमारी सरकार के फैसलों के बाद, पहली बार जम्मू कश्मीर के गरीब सामान्य वर्ग को आरक्षण का लाभ मिला है। पहली बार पहाड़ी लोगों को आरक्षण का लाभ मिला है। अंतरराष्ट्रीय सीमा पर रहने वालों को भी 4 प्रतिशत आरक्षण का लाभ हमारी सरकार ने दिया है। फ़ारेस्ट एक्ट लागू होने से भी लोगों को नए अधिकार मिले हैं। इससे गुज्जर बकरवाल, अनुसूचित जनजातियों और पारंपरिक रूप से जंगलों के आसपास रहने वालों को जंगल की जमीन के इस्तेमाल का कानूनी अधिकार मिला है। अब किसी के साथ भी भेदभाव की गुंजाइश नहीं है। जम्मू कश्मीर में दशकों से रह रहे साथियों को Domicile Certificate भी दिए जा रहे हैं। यही तो है सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास।

साथियों,

सीमा पार से होने वाली शेलिंग हमेशा से चिंता का विषय रही है। शेलिंग की समस्या के समाधान के लिए बॉर्डर पर बंकर बनाने का काम तेज गति से किया जा रहा है। सांबा, पुंछ, जम्मू, कठुआ और राजौरी जैसी संवेदनशील जगहों पर बड़ी तादाद में ना सिर्फ़ बंकर बनाए गए हैं बल्कि नागरिकों के सुरक्षा के लिए सेना और सुरक्षाबलों को भी खुली छूट दी गई है।

साथियों,

हमारे देश में जिन लोगों ने दशकों तक शासन किया, उनकी एक बहुत बड़ी भूल ये भी रही है कि उन्होंने देश के सीमावर्ती यानी सीमा के पास के इलाकों के विकास को पूरी तरह नजरअंदाज किया। उनकी सरकारों की इस मानसिकता ने जम्मू-कश्मीर हो या नॉर्थ ईस्ट हो, इन क्षेत्रों को पिछड़ेपन में रहने के लिए मजबूर कर दिया है। जीवन की बुनियादी जरुरतें, एक सम्मानजनक जीवन की जरुरतें, विकास की जरुरतें, यहां के सामान्य मानवी तक उतनी पहुंची ही नहीं, जितनी पहुंचनी चाहिए थीं। ऐसी मानसिकता कभी भी देश का संतुलित विकास नहीं कर सकती। ऐसी नकारात्मक सोच की हमारे देश में कोई जगह नहीं। न सीमा के पास न सीमा से दूर। हमारी सरकार की प्रतिबद्धता है कि देश का कोई भी क्षेत्र विकास की धारा में अब और वंचित नहीं रहेगा। ऐसे क्षेत्रों में लोगों का बेहतर जीवन भारत की एकता और अखंडता को भी मज़बूती देगा।

साथियों,

देश के हर क्षेत्र का विकास हो, जम्मू का विकास हो, कश्मीर का विकास हो, हमें निरंतर इसके लिए काम करना है। एक बार फिर मैं श्रीमान मनोज सिन्‍हा जी को और उनकी टीम को आज जरूर बधाई देना चाहूंगा जब मैं अभी मनोज जी का भाषण सुन रहा था, कितने काम उन्‍होंने गिनाए और जम्‍मू-कश्‍मीर के लोगों के बीच में खड़े रहकर के गिनाए हैं। जिस तेजी से काम हो रहे हैं, पूरे देश के अंदर एक नया विश्‍वास, नई आशा पैदा करेंगे और मुझे विश्‍वास है जम्‍मू-कश्‍मीर के नागरिकों का कई दशकों का जो काम अधूरा रहा है वो मनोज जी और वर्तमान की प्रशासन टीम के माध्‍यम से अवश्‍य पूरा होगा, समय से पहले पूरा होगा। ऐसा मेरा पूरा विश्‍वास है। एक बार फिर आप सभी को सेहत स्कीम के लिए, आयुष्‍मान भारत योजना के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। माता वैष्णो देवी और बाबा अमरनाथ की कृपा हम सभी पर बनी रहे। यही अपेक्षा के साथ बहुत-बहुत धन्यवाद !

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Source :PIB

Pm-yojana

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