केंद्र सरकार के लाखों कर्मियों-पेंशनरों को मिल सकता है महगाई भत्ता, कई महीनों से लगी हुई है रोक
केंद्र सरकार के लाखों कर्मचारियों और पेंशनरों को महगाई भत्ता मिलने की आशा बढ़ रही है. उम्मीद जताई जा रही है कि कोरोना महामारी के कारण अर्थव्यवस्था को हुए नुकसान की भरपाई के लिए अप्रैल 2020 से लगी हुई रोक हट सकती है और साथ ही महगाई भत्ता 11 प्रतिशत अतिरिक्त जुड़कर कुल 28 प्रतिशत महगाई भत्ता मिलेगी. ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि लॉकडाउन खुलने के बाद अर्थव्यवस्था में कुछ सुधार देखने को मिल रहा है.
ZeeNews: नई दिल्ली: केंद्र सरकार (Central Government) के लाखों कर्मचारियों (Employees) और पेंशनरों (Pensioners) के लिए एक खुशखबरी आई है. उम्मीद जताई जा रही है कि सरकार इन्हें महंगाई की मौजूदा 28 फीसदी की दर के हिसाब से महंगाई भत्ता (Dearness Allowance) और महंगाई राहत (Dearness Relief) दे देगी. इससे केंद्र सरकार के 49.63 लाख कर्मचारियों और 65.26 लाख पेंशनरों को फायदा होगा.
ऐसे जगी उम्मीद
दरअसल, कर्मचारियों की एसोसिएशन कॉन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एम्प्लाइज एंड वर्कर्स ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) के सामने मौजूदा सरकारी खजाने की सच्चाई यानी लेखा-जोखा रख दिया है. साथ ही आग्रह किया है कि अब सभी सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों को वर्तमान महंगाई दर 28 फीसदी के हिसाब से महंगाई भत्ता दिया जाए.
आर्थिक हालातों में हुए सुधार
देश में अब स्थिति बेहतर हो रही है. कोविड-19 के कारण कई महीनों से हालात ठीक नहीं थे लेकिन अब कोविड को लेकर स्थिति में सुधार हो रहा है. सितंबर 2020 में जहां संक्रमण के रोजाना 95 हजार नए मामले सामने आते थे, अब उनकी संख्या घटकर 15 हजार के आसपास आ गई है.
औद्योगिक उत्पादन की बात करें तो इसमें 3.6 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. मार्च 2020 में 97,597 करोड़ रुपये जीएसटी कलेक्शन हुआ था, वहीं दिसंबर 2020 में यह आंकड़ा 1,15,000 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है.
इन सुधारों का हवाला देते हुए ही कर्मचारियों की एसोसिएशन ने सरकार से कहा है कि वे महंगाई भत्ता और महंगाई राहत अभी दें ना कि इसके लिए जुलाई 2021 तक का इंतजार करें.
महंगाई भत्ते पर लगी है रोक
दरअसल, अप्रैल 2020 में सरकार ने इन कर्मचारियों और पेंशनरों को मिलने वाला महंगाई भत्ता और महंगाई राहत रोक दिया था. सरकार ने कोरोना संक्रमण के कारण बने मुश्किल हालातों को देखते हुए यह निर्णय लिया था. सरकार ने जुलाई 2021 तक के लिए इस पर रोक लगाई थी.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कॉन्फेडरेशन के महासचिव आरएन पराशर ने वित्त मंत्री को भेजे अपने ज्ञापन में कहा है कि अब कोविड संक्रमण के मामले और मौतों की संख्या घट रही है, टीकाकरण की प्रक्रिया भी शुरू होने वाली है. अर्थव्यवस्था भी अप्रैल-मई 2020 से बेहतर है और आगे बढ़ रही है. कोविड के दौरान जो औद्योगिक उत्पादन माइनस 57 फीसदी पर चल गया था, अक्टूबर में उसका स्तर 3.6 फीसदी ज्यादा रहा है. जीएसटी कलेक्शन में भी खासी बढ़ोतरी हुई है. साथ ही कोविड के दौरान केंद्र सरकार के कर्मचारियों ने पूरे समर्पण और तन्मयता के साथ काम किया. यहां तक कि ड्यूटी निभाने के दौरान कई कर्मचारियों की जान भी चली गई. इन सबको ध्यान में रखते हुए वित्त मंत्री को सभी कर्मचारियों और पेंशनरों को उनका जनवरी 2020 से बकाया महंगाई भत्ता और महंगाई राहत 28 फीसदी की दर से दे दिया जाना चाहिए.
Source: ZeeNews