Beti Bachao, Beti Padhao Abhiyan
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान
Beti Bachao, Beti Padhao is a Government of India scheme that aims to generate awareness and improving the efficiency of welfare services meant for women. It is a joint initiative of Ministry of Women and Child Development, Ministry of Health and Family Welfare and Ministry of Human Resource Development. Prime Minister Shri Narendra Modi launched the scheme on 22 January 2015 from Panipat, Haryana.
‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान के मुख्य बिंदु :
- सभी ग्राम पंचायतों में गुड्डा-गुड्डी बोर्ड लगाए जाएंगे। हर महीने इस बोर्ड में संबंधित गांव के बालक-बालिका अनुपात को दर्शाया जाएगा।
- ग्राम पंचायत हर लड़की का जन्म होने पर उसके परिवार को तोहफा भेजेगी।
- ग्राम पंचायत साल में कम-से-कम एक दर्जन लड़कियों का जन्मदिन मनाएगी।
- सभी ग्राम पंचायतों में लोगों को ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ की शपथ दिलाई जाएगी।
- किसी गांव में अगर बालक-बालिका अनुपात बढ़ता है, तो वहां की ग्राम पंचायत को सम्मानित किया जाएगा
- बाल विवाह के लिए ग्राम प्रधान को जिम्मेदार माना जाएगा और उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।
- कन्या भ्रूण हत्या रोकने के बारे में जागरुकता फैलाने के लिए स्थानीय स्कूलों और कॉलेजों को अभियान में शामिल किया जाएगा।
‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ कार्यक्रम के तहत 100 जिलों के चयन/पहचान का तरीका/नियम कुछ इस तरह से किया जाएगा :
क). 23 राज्यों /केंद्र शासित प्रदेशों में 918 के राष्ट्रीय औसत बालक-बालिका अनुपात वाले 87 जिले चुने जाएंगे।
ख). 918 के राष्ट्रीय औसत बालक-बालिका अनुपात से ज्यादा, लेकिन गिरावट का रूझान दर्शा रहे 8 जिले चुने जाएंगे।
ग). इसी तरह 918 के राष्ट्रीय औसत बालक-बालिका अनुपात से ज्यादा, लेकिन इसमें बढ़ोतरी का रूझान वाले 5 जिले चुने जाएंगे। माना यह जा रहा है कि इससे देश के अन्य भागों में स्थित जिले भी इन चुनिंदा जिलों से सीख ले सकेंगे।
इस अभियान के तहत सम्बद्ध तीनो मंत्रालयो की भूमिका भी तय की गयी है-
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय : आंगनवाड़ी केंद्रों पर गर्भावस्था के पंजीकरण को प्रोत्साहित करना, भागीदारों को प्रशिक्षित करना, सामुदायिक लामबंदी और आपसी संवाद को बढ़ावा देना, बालक-बालिका अनुपात को कम करने के अभियान में जुटे “चैंपियनों” को शामिल करना, अग्रिम मोर्चे पर काम कर रहे कार्यकर्ताओं एवं संस्थानों को मान्यता और पुरस्कार देना।
स्वास्थय एवं परिवार कल्याण मंत्रालय : गर्भधारण पूर्व और जन्म पूर्व जांच तकनीकों पर कड़ी नजर रखना, अस्पतालों में प्रसव को बढ़ावा देना, जन्म पंजीकरण, निगरानी समितियों का गठन करना।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय : लड़कियों का पंजीकरण, स्कूलों में लड़कियों की ड्रॉप आउट दर में कमी लाना, विद्यालयों में लड़कियों के अनुरूप मानक बनाना, शिक्षा के अधिकार अधिनियम पर सख्ती से अमल करना, स्कूलों में लड़कियों के लिए शौचालय बनाने पर विशेष ध्यान देना।
‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ यानी बेटियों का उनका हक दिलाने वाला अभियान निश्चित रूप से एक जनहित और राष्ट्रहित क्रांति है।