नागरिक उड्डयन क्षेत्र से जुड़े लोगों को तेज और कुशल टीकाकरण के लिए गाइडलाइन जारी

नागरिक उड्डयन क्षेत्र से जुड़े लोगों को तेज और कुशल टीकाकरण के लिए गाइडलाइन जारी

नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने अपने कर्मचारियों की सुरक्षा को देखते हुए इस महामारी के दौर में नागरिक उड्डयन क्षेत्र से जुड़े सभी लोगों को तेज और कुशल टीकाकरण प्रदान कराने के लिए दिशा-निर्देश जारी किया है. टीकाकरण की यह सुविधा एअरपोर्ट ऑपरेटर्स द्वारा प्रदान की जाएगी और इस टीकाकरण के दौरान कोविड-19 प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन किया जाएगा. 
नागरिक उड्डयन मंत्रालय
नागरिक उड्डयन क्षेत्र से जुड़े लोगों को तेज और कुशल टीकाकरण के लिए दिशानिर्देश जारी

एयरपोर्ट ऑपरेटरों द्वारा मिलेगी टीकाकरण सुविधा

एयरपोर्ट ऑपरेटर्स को नोडल अधिकारियों को नामित करने की सलाह

टीकाकरण के लिए कोविड-19 सुरक्षा प्रोटोकॉल का करना होगा पालन
06 MAY 2021
नागरिक उड्डयन मंत्रालय (एमओसीए) ने विमानन समुदाय के लोगों का समय पर टीकाकरण सुनिश्चित करने के लिए टीकाकरण कार्यक्रम को तेजी, कुशलता और सुविधा के साथ करने के दिशानिर्देश जारी किए हैं। कोविड-19 के मामलों में आई तेजी को देखते हुए विमानन समुदाय ने लोगों की आवाजाही के लिए सेवाएं सुचारू रूप से निश्चित करने के लिए अथक परिश्रम किया है। और इसके साथ ही आवश्यक चिकित्सा सामग्रियांजैसे वैक्सीन, दवाइयां, ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर आदि का बिना किसी बाधा के परिवहन किया है। ऐसे में नागरिक उड्डयन सचिव ने सभी राज्य सरकारों को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि टीकाकरण कार्यक्रम के तहत उड्डयन और उससे संबंधित सेवाओं में शामिल व्यक्तियों को प्राथमिकता समूह में शामिल कर टीका लगाया जाय।
दिशानिर्देशों के अनुसार, नागरिक उड्डयन क्षेत्र से जुड़ी सभी कंपनियों को सलाह दी गई कि वे अपने कर्मचारियों को चल रहे टीकाकरण कार्यक्रम के तहत कवर करें। दिशानिर्देशों में आगे कहा गया है कि जिन संगठनों ने पहले से ही अपने कर्मचारियों को टीकाकरण के लिए सरकारी / निजी सेवा प्रदाताओं के साथ व्यवस्था की है, वे ऐसा करना जारी रख सकते हैं।
इसके अलावा, एयरपोर्ट ऑपरेटर्स द्वारा अपने संबंधित हवाई अड्डों पर एक टीकाकरण सुविधा स्थापित करने की सलाह दी गई है। जिससे कि विमानन या संबंधित सेवाओं (अनुबंध, आकस्मिक सहित) में शामिल कर्मियों को शीघ्र टीकाकरण की सुविधा मिल सके। दिशानिर्देश में यह भी कहा गया है किएयरपोर्ट ऑपरेटर्स कोतुरंत ऐसी राज्य सरकारों / निजी सेवा प्रदाताओं (अस्पतालों) से संपर्क करना चाहिए, जो हवाई अड्डों पर कोविड टीकाकरण केंद्र स्थापित करने के इच्छुक हैं।
दिशानिर्देशों में यह भी कहा गया है कि टीकाकरण काउंटरों की स्थापना, अलग से प्रतीक्षा क्षेत्र (टीकाकरण से पहले और उसके बाद) जैसी सुविधाओं की व्यवस्था एयरपोर्ट ऑपरेटर्स को करनी होगी। इस दौरान टीकाकरण के लिए आऩे वाले लोगों के कोविड प्रोटोकाल के तहत दी जाने वाली मूलभूत सुविधाओंजैसे (सहायता डेस्क, पेयजल, खुली हवा, पंखे, वॉशरूम, आदि) की व्यवस्था भी करनी होगी। प्रति खुराक टीके की लागत एयरपोर्ट ऑपरेटर्स और सेवा प्रदाता कंपनियां तय कर सकेंगी। ये सुविधाएं विमानन क्षेत्र से जुड़े सभी संबंधित पक्षों के लिए एक ही कीमत पर उपलब्ध होंगी। आगे कहा गया है कि हवाई अड्डों के इकोसिस्टम में काम करने वाली सभी एजेंसियां ​​अपने कर्मचारियों का टीकाकरण कराने की व्यवस्था करें। इसके लिए ऑपरेटर / सेवा प्रदाता कंपनियां व्यक्तिगत स्तर पर टीकाकरण नहीं करेंगी। इसके अलावा, संबंधित कर्मचारियों के वैक्सीन खुराक का भुगतान करने के लिए सेवा प्रदाता ऑनलाइन भुगतान सिस्टम भी तैयार करें।
इसके अलावा छोटे हवाई अड्डों के लिए (जहां टीकाकरण के लिए कर्मचारियों की संख्या कम है और निजी कंपनियों को यह व्यवहारिक नहीं लगता है), एयरपोर्ट ऑपरेटर टीकाकरण कार्यक्रम का विस्तार करने के लिए जिला / स्थानीय प्रशासन से संपर्क कर सकते हैं। एयरपोर्ट ऑपरेटर द्वारा बनाई गई सुविधाएं पहले चरण में सभी नागरिक उड्डयन कर्मचारियों के लिए उपलब्ध होंगी और बाद में उसका परिवार के सदस्यों के लिए दायरा बढ़ाया जा सकता है।
दिशानिर्देशों में कहा गया है कि एटीसी कर्मचारी, एयरलाइंस के चालक दल (कॉकपिट और केबिन दोनों), जोखिम मिशन और यात्रियों के सीधे संपर्क में आने वाले कर्मचारियों को टीकाकरण करने में प्राथमिकता दी जानी चाहिए। सभी एयरपोर्ट ऑपरेटर्स को सलाह दी जाती है कि टीकाकरण कार्यक्रम के समन्वय के लिए एक नोडल अधिकारी (एक वैकल्पिक नोडल अधिकारी को भी तुरंत रखा जा सकता है) को नियुक्त करें।
दिशानिर्देशों में कहा गया है किएएआई चेयरमैन समन्वय, कार्य की समीक्षा, समस्याओं और चुनौतियों का समाधान करने के लिए मंत्रालय और डीजीसीए के साथ नियमित बैठकें करेंगे। यदि वैक्सीन की उपलब्धता का कोई मुद्दा हैतो मंत्रालय अबाध आपूर्ति के लिए उपयुक्त स्तर पर कदम उठाएगा।
आदेश में आगे उल्लेख किया गया है कि स्थानीय जरूरतों को देखते हुए सुझाए गए दिशानिर्देशों को प्रासंगिक और बेहतर बनाया जा सकता है।लेकिन इसके तहत गृह मंत्रालय और राज्य सरकारों द्वारा बनाए गए सभी सुरक्षा प्रोटोकॉल और निर्देश पालन करना जरूरी होगा।
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Source: PIB

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