क्रम सं.
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प्रश्न
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उत्तर
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1 |
सबके लिए आवास(एचएफए) क्या है, इसके लक्ष्य और कार्य क्षेत्र क्या हैं
? |
सबके लिए आवास, आवास और शहरी गरीबी उपशमन मंत्रालय द्वारा मिशन मोड में
संचालित एक कार्यक्रम है जिसमें देश जब स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरा करेगा,
वर्ष 2022 तक सबके लिए आवास का प्रावधान है। मिशन का उद्येश्य निम्नलिखित 4
कार्यक्रम घटकों के माध्यम से स्लम वासियों एवं शहरी गरीबों की आवासीय
आवश्यकताओं को पूरा करना है:
(i) भूमि का संसाधन के रूप में उपयोग करते हुए निजी प्रवर्तकों की भागीदारी
से स्लमवासियों का स्लम पुनर्वास;
(ii) ऋण से जुड़ी ब्याज सब्सिडी के माध्यम से कमजोर वर्ग के लिए किफायती
आवास को प्रोत्साहन;
(iii) सार्वजनिक तथा निजी क्षेत्रों के साथ भागीदारी में किफायती आवास;
(iv) लाभार्थी आधारित व्यक्तिगत आवास निर्माण के लिए सब्सिडी। |
2 |
एचएफए का कवरेज और अवधि क्या है ? |
500 श्रेणी—। शहरों पर ध्यान केन्द्रित करने के साथ जनगणना 2011 के
अनुसार सभी 4041 सांविधिक कस्बों को तीन चरणों में कवर किया जाएगा जिनका
ब्यौरा इस प्रकार है:
(i) चरण—। (अप्रैल, 2015—मार्च, 2017) — राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों से
उनकी इच्छा के अनुसार 100 शहरों को कवर करने के लिए।
(ii) चरण—।। (अप्रैल, 2017—मार्च, 2019) — अतिरिक्त 200 शहरों को कवर करने
के लिए।
(iii) चरण—।।। (अप्रैल, 2019—मार्च, 2022) — अन्य सभी शेष शहरों को कवर
करने के लिए तथापि, मंत्रालय को उस मामले में पूर्व चरणों में अतिरिक्त
शहरों को शामिल करने के संबंध में शिथिलता होगी, जब राज्यों/संघ राज्य
क्षेत्रों द्वारा संसाधन आधारित मांग की जाती है। |
3 |
एचएफए मिशन में राज्यों को सबके लिए आवास कार्य योजना तैयार करने के
लिए क्या वित्तीय सहायता दी जाएगी ? |
मिशन राज्यों/शहरों की क्षमता निर्माण और प्रशासनिक तथा अन्य व्यय (ए एण्ड
ओ ई) निधियों के अन्तर्गत एचएफएपीओए को तैयार करने के लिए इन कार्यकलापों
को चलाने में सहायता करेगा। राज्यों और शहरों जिन्हें पहले ही स्लम मुक्त
शहर कार्य योजना (एसएफसीपीओए) तैयार करने के लिए पूर्ववर्ती राजीव आवास
योजना के अंतर्गत सहायता दी जा चुकी है। वे उन्हें एचएफएपीओए को तैयार करने
के लिए उस धनराशि का उपयोग करना चाहिए तथा जारी की गई निधियों में से 70%
निधियों का उपयोग कर लिए जाने के बाद अगली किस्त का दावा करना चाहिए।
यहां यह उल्लेख किया जाता है कि सभी के लिए आवास कार्य योजना में उस शहरी
गरीब की समस्या का समाधान होता है जिसका स्लमवासी होना अनिवार्य नहीं है और
इस प्रकार यह अपेक्षित है कि सभी चार कार्यक्रम विकल्पों का एकीकरण किया
जाए जबकि स्लम मुक्त शहर कार्य योजना को केवल स्लम वासियों के साथ एकीकृत
किया गया था।
आवास और शहरी गरीबी उपशमन मंत्रालय द्वारा एचएफएपीओए तैयार करने के लिए
अपेक्षित कार्यकलापों हेतु 75:25 और पूर्वोत्तर तथा विशेष श्रेणी के
राज्यों के मामले में 90:10 के आधार पर वित्तपोषण किया जाएगा। सीएसएमसी
द्वारा विभिन्न कार्यकलापों के लिए यूनिट लागत / वित्तीय मानदंड निर्धारित
किए जाएंगे और तब तक राजीव आवास योजना के अंतर्गत विद्यमान मानदंडो का
उपयोग किया जाना चाहिए
|
4 |
राज्य और शहरों में ‘सबके लिए आवास’ के
कार्यान्वयन केे लिए प्रशासनिक अपेक्षा क्या है |
आवास और शहरी गरीबी उपशमन मंत्रालय राज्यों और शहर
की सरकार को आयोजना, अभियांत्रिकी, सामाजिक गतिशीलता, वित्तीय आयोजना
इत्यादि इन प्रचालनात्मक क्षेत्रों में उनके कर्मचारियों/अधिकारियों की
क्षमता बढ़ाने में सहायता प्रदान करेगा।
आवास और शहरी गरीबी उपशमन मंत्रालय शहर और राज्य की सरकार को राज्य और शहर
स्तर पर तकनीकी और परियोजना प्रबंधन कक्ष के गठन में भी सहायता करेगा।
5—10 व्यवसायियों वाले एक राज्य स्तरीय तकनीकी कक्ष (एसएलटीसी) की सहायता
की जाएगी।
शहर के आकार और कार्य की मात्रा के आधार पर 2—4 व्यवसायियों वाले शहर
स्तरीय तकनीकी कक्ष (सीएलटीसी)। सीएसएमसी के अनुमोदन से महानगरीय शहरों
जैसे बड़े शहरों के मामले में सीएलटीसी में व्यवसायियों की संख्या 4 से
अधिक हो सकती है।
संबंधित एसएलटीसी और सीएलटीसी में निम्नलिखित क्षेत्रों में विशेषज्ञता
अनिवार्य रूप से प्रदान की जानी है :
शहर आयोजना/नगर नियोजन विशेषज्ञ
आवास वित्त विशेषज्ञ
भवन प्रौद्योगिकी विशेषज्ञ
सीएसएमसी, राज्य/संघ राज्य क्षेत्र की आवश्यकता होने पर ऐसे प्रकोष्ठ का
आकार बढ़ा सकती है।
सीएलटीसी और एसएलटीसी के लिए आवास और शहरी गरीबी उपशमन मंत्रालय की सहायता
75:25 होगी और पूर्वोत्तर तथा विशेष श्रेणी के राज्यों के मामले में यह
90:10 के अनुपात में होगी।
सीएसएमसी द्वारा ऐसे कक्षों के लिए वित्तीय मानदंड निर्धारित किए जाएंगे और
सीएसएमसी द्वारा इन मानदंडों को निर्धारित करने के समय तक राजीव आवास योजना
के अंतर्गत पहले से ही अनुमोदित मानदंड लागू होंगे।
अन्य कोई कार्यकलाप जिसकी मिशन को कार्यान्वित करने के लिए क्षमता निर्माण
अथवा सामान्यत: इस क्षेत्र में केन्द्र, राज्यों और शहरी स्थानीय निकायों
की क्षमता बढ़ाने के लिए आवश्यकता, को सीएसएमसी के अनुमोदन से शुरू किया जा
सकता है। |
5 |
सबके लिए आवास के अंतर्गत लाभार्थी के रूप में
किसे परिभाषित किया गया है? |
एक लाभार्थी को पति, पत्नी और अविवाहित बच्चे वाले
परिवार के रूप में परिभाषित किया गया है। ऐसे लाभार्थी के पास मिशन के
अंतर्गत केन्द्रीय सहायता प्राप्त करने के लिए अपने नाम से अथवा उसके
परिवार के किसी सदस्य के नाम से भारत के किसी भी भाग में पक्का मकान नहीं
होना चाहिए।
ईडव्ल्यूएस श्रेणी के लाभार्थी मिशन के सभी 4 विकल्पों में सहायतार्थ पात्र
हैं जबकि एलआईजी श्रेणी मिशन के केवल सीएलएसएस घटक के अंतर्गत पात्र हैं। |
6 |
इस स्कीम के प्रयोजन हेतु ईडब्ल्यूएस/एलआईजी
श्रेणियों को परिभाषित करें। |
ईडब्ल्यूएस/एलआईजी श्रेणियों को निम्नवत परिभाषित
किया गया है :
3 लाख रू0 तक की वार्षिक आय वाले ईडब्ल्यूएस परिवार की श्रेणी
3 लाख रू0 से 6 लाख रू0 के बीच वार्षिक आय वाले एलआईजी परिवार की श्रेणी।
राज्य / संघ राज्य क्षेत्रों को मंत्रालय के अनुमोदन से उनकी स्थानीय
आवश्यकतानुसार वार्षिक आय मापदंड को पुन:परिभाषित करने की नम्यता होगी। |
7 |
ईडब्ल्यूएस/एलआईजी के लिए आय को कैसे प्रमाणित
किया जाएगा? |
इस स्कीम के अंतर्गत ईडब्ल्यूएस अथवा एलआईजी
लाभार्थी के रूप में पहचान करने के लिए व्यक्तिगत ऋण आवेदक को आय के प्रमाण
के रूप में स्व—प्रमाणन/हलफनामा प्रस्तुत करना होगा। |
8 |
क्या लाभार्थी एक से अधिक घटक के अंतर्गत लाभ
प्राप्त कर सकता है? |
नहीं। मिशन के अंतर्गत लाभार्थी केवल एक घटक का
लाभ उठा सकता है। |
9 |
स्लम (एचएफए मिशन वित्तपोषण कार्यक्रम के अनुसार)
की परिभाषा क्या है |
स्लम को खराब तरीके से बने ऐसे संकुचित क्षेत्र
जहां लगभग 60—70 परिवार अथवा कम से कम 300 आबादी वाले सघन क्षेत्र के रूप
में परिभाषित किया गया है जहां सामान्यतया अपर्याप्त अवसंरचना वाले अस्वच्छ
वातावरण और उचित सफाई एवं पेयजल सुविधाओं का अभाव रहता हो।
जनगणना 2011 के अनुसार स्लमों की भी यह परिभाषा दी गई है। |
10 |
‘आवास’ को ईडब्ल्यूएस आवास अथवा एलआईजी आवास के
रूप में कैसे परिभाषित किया जाता है? |
आवास को सभी मौसम में टिकने वाली एकल इकाई अथवा 30
वर्ग मी तक के कारपेट क्षेत्र वाले बहुमंजिले अधोसंरचना में एक इकाई के रूप
में परिभाषित किया गया है जिसमें शौचालय, जल, बिजली इत्यादि जैसी पर्याप्त
बुनियादी सेवाएं और अवस्थापना सेवाएं हो। |
11 |
कॉरपेट क्षेत्र की परिभाषा क्या है? |
सभी मौसम में टिकने वाली एकल इकाई अथवा ईडब्ल्यूएस
श्रेणी के लिए 30 वर्ग मी और एलआईजी श्रेणी के लिए 60 वर्ग मी तक कॉरपेट
क्षेत्र वाले बहुमंजिले अधोसंरचना में एक इकाई जिसमें शौचालय, जल, बिजली
इत्यादि जैसी पर्याप्त बुनियादी सेवाएं और अवस्थापना सेवाएं हो। |
12 |
विकास अधिकार का अंतरण (टीडीआर) क्या है? |
टीडीआर का अर्थ भूमि के स्वामी द्वारा छोड़े गए
क्षेत्र के स्थान पर अतिरिक्त निर्मित क्षेत्र की निश्चित धनराशि उपलब्ध
कराना है ताकि वह किसी अन्य भूमि पर अतिरिक्त निर्मित क्षेत्र का उपयोग कर
सके। |
13 |
प्राथमिक ऋणदाता संस्थाए कौन सी है? |
प्राथमिक ऋणदाता संस्थाओं में अनुसूचित वाणिज्यिक
बैंक, आवास वित्त कंपनियां, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक(आरआरबी), राज्य सहकारी
बैंक, शहरी सहकारी बैंक अथवा आवास और शहरी गरीबी उपशमन मंत्रालय द्वारा
निर्धारित की जाने वाली अन्य संस्थाएं शामिल है। |
14 |
क्या राज्य के पास ईडब्ल्यूएस/एलआईजी श्रेणी के
अंतर्गत आवास के लिए क्षेत्र के निर्धारण हेतु लचीलापन है? |
राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के पास मंत्रालय से
परामर्श कर राज्य स्तर पर आवासों के आकार और अन्य सुविधाओं के निर्धारण के
संबंध में यह लचीलापन होगा परंतु यह लचीलापन केन्द्र से किसी संवर्द्धित
वित्तीय सहायता के बिना होगा। |
15 |
‘स्व—स्थाने स्लम पुनर्विकास’ और इसके घटक क्या
हैं? |
इस घटक को पात्र स्लम वासियों को आवास प्रदान करने
के लिए निजी क्षेत्र की भागीदारी के साथ ‘भूमि—एक संसाधन के रूप में’ की
संकल्पना के साथ कार्यान्वित किया जाएगा। स्लम, चाहे वे केन्द्र सरकार की
भूमि/राज्य सरकार की भूमि/शहरी स्थानीय निकाय की भूमि, निजी भूमि पर हों,
को सभी पात्र स्लम वासियों को आवास प्रदान करने के लिए ‘स्व—स्थाने’
पुनर्विकास के लिए लिया जाना चाहिए। ऐसे पुनर्विकसित स्लमों की अधिसूचना
को अनिवार्य रूप से रद्द किया जाना चाहिए। |
16 |
‘स्व—स्थाने स्लम पुनर्विकास’ में निजी क्षेत्र
किस प्रकार भाग ले सकते हैं? |
स्लम पुनर्विकास के लिए निजी भागीदार का चयन खुली
बोली प्रक्रिया के माध्यम से किया जाएगा। इस परियोजना के सभी वित्तीय और
गैर—वित्तीय प्रोत्साहनों तथा शर्तों को बोली दस्तावेज में ‘प्राथमिकी’
घोषित किया जाएगा। |
17 |
‘स्व—स्थाने स्लम पुनर्विकास’ के लिए निजी
विकासकों को राज्य सरकारों से क्या सहायता प्राप्त है? |
राज्य सरकारें और नगर, स्लम पुनर्विकास परियोजनाओं
को वित्तीय रूप से व्यवहार्य बनाने के लिए अतिरिक्त फर्शी क्षेत्र अनुपात
(एफएआर)/फ्लोर स्पेस इनडैक्स (एफएसआई)/हस्तांतरणीय विकास अधिकार (टीडीआर)
यदि अपेक्षित हुआ, प्रदान करेंगे। |
18 |
‘स्व—स्थाने स्लम पुनर्विकास’ के लिए कौन सी
केन्द्र सरकार सहायता है? |
ऐसी सभी परियोजनाओं में पात्र स्लम वासियों के लिए
सभी निर्मित आवासों के लिए एक लाख रू0 प्रति आवास, औसतन का स्लम पुनर्वास
अनुदान स्वीकार्य होगा। राज्यों/संघ शासित प्रदेशों को यह छूट प्राप्त होगी
की वे केन्द्रीय अनुदान को निजी भूमि पर स्लमों को छोड़कर, निजी भागीदारी
से पात्र स्लम वासियों के आवास प्रदान करने के लिए पुनर्विकसित किये जा रहे
अन्य स्लमों में लगा सकते हैं। इसका अर्थ यह है कि, राज्य/संघ राज्य प्रदेश
कुछ परियोजनाओं में प्रत्येक आवास के लिए 1 लाख रू0 प्रति आवास से भी अधिक
और अन्य परियोजनाओं में इससे कम राशि का उपयोग कर सकते हैं परन्तु यह
राज्य/संघ शासित प्रदेश में परिकलित औसतन 1 लाख रू. प्रति आवास के भीतर ही
रहेगा। |
19 |
यदि भूमि ‘स्व—स्थाने स्लम पुनर्विकास’ के लिए
निजी क्षेत्र के स्वामित्वाधीन हो तो क्या निजी क्षेत्र केन्द्रीय सहायता
के लिए पात्र होगा? |
पात्र स्लमवासियों को आवास प्रदान करने के लिए
निजी स्वामित्व की भूमियों पर स्लमों के ‘स्व—स्थाने’ पुनर्विकास को राज्य
सरकारें/संघ शासित प्रदेश अथवा यूएलबी अपनी नीति के अनुसार भू—स्वामियों को
अतिरिक्त एफएसआई/एफएआर अथवा टीडीआर देकर प्रोत्साहित कर सकते हैं। ऐेसे
मामलों में केन्द्रीय सहायता उपयोग नहीं किया जा सकता। |
20 |
निजी भागीदारी के साथ स्लम पुनर्विकास के लिए क्या
दृष्टिकोण है? |
कृपया दिशा—निर्देशों के 4.8 में उल्लिखित सभी चरण
देखें। |
21 |
स्लमों द्वारा कब्जा की गई केन्द्र सरकार की भूमि
पर ‘स्व—स्थाने स्लम पुनर्विकास’ का क्या निजी क्षेत्र की भागीदारी के
माध्यम से पुनर्विकास किया जा सकता है? |
निजी विकासकों के साथ भागीदारी में स्लम विकास कर
रही केन्द्र सरकार एजेंसियां अपनी भूमि पर सभी स्लमों के लिए औसतन 1 लाख
रू. प्रति आवास के स्लम पुनर्वास अनुदान के पात्र होंगे जिनमें निजी
भागीदारों के साथ पुनर्विकास शुरू किया गया है। |
22 |
ऋण से जुड़ी सब्सिडी के माध्यम से किफायती आवास
क्या है? |
ऋण से जुड़ी सब्सिडी के अंतर्गत आर्थिक रूप से
कमजोर वर्ग और निम्न आय वर्ग के लाभार्थी विस्तारणीय आवास के रूप में नए
निर्माण और मौजूदा आवासों के विस्तार के लिए बैंकों, आवास वित्त—पोषण
कंपनियों तथा अन्य ऐसे संस्थाओं से आवास ऋण ले सकते हैं। ऋण आधारित सब्सिडी
केवल 6 लाख रू. तक की ऋण राशि के लिए उपलब्ध होगी और ऐसे ऋण 15 वर्ष की
अवधि अथवा ऋण की अवधि के दौरान, जो भी कम हो, 6.5% की दर से ब्याज सब्सिडी
के पात्र होंगे। ब्याज सब्सिडी के निवल वर्तमान मूल्य की गणना 9% की छूट दर
पर की जाएगी। 6 लाख रू0 से अधिक का कोई अतिरिक्त ऋण पर गैर—सब्सिडीकृत दर
से गणना की जाएगी। सब्सिडी ऋणदाता संस्थाओं के माध्यम से लाभार्थियों के ऋण
खाते में अग्रिम रूप से जमा कर दी जाएगी, इससे प्रभावी आवास ऋण और समान
मासिक किस्त में कमी (ईएमआई) आएगी। |
23 |
ब्याज सब्सिडी को जमा करने की क्या प्रक्रिया है? |
केन्द्रीय नोडल एजेंसियां (सीएनए) लाभार्थियों को
पीएलआई द्वारा किए गए भुगतान के आधार पर सब्सिडी जारी करेंगी। सब्सिडी,
जैसा कि सीएनए द्वारा पीएलआई को भुगतान किया गया है, को मूल ऋण खाते राशि
घटाकर ऋणी के खाते में पीएलआई द्वारा जमा करा दिया जाएगा। परिणामस्वरूप,
ऋणी शेष मूल ऋण राशि पर ईएमआई का भुगतान करेगा उदाहरणार्थ — ऋणी 6 लाख रू.
का ऋण लेता है और उस पर सब्सिडी 2.20 लाख रू. बनती है, तब ऋण की राशि से इस
राशि (2.20 लाख रू) को कम कर दिया जाएगा (अर्थात यह ऋण घटकर 3.80 लाख रू.
हो जाएगा) तथा ऋणी 3.80 लाख रू. की घटी हुई राशि पर ईएमआई का भुगतान करेगा। |
24 |
क्या ऋण से जुड़ी सब्सिडी घटक के अंतर्गत सब्सिडी
प्राप्त करने के लिए स्कीम में कोई क्षेत्र सीमाएं है? |
इस घटक के अंतर्गत निर्मित किए जा रहे आवासों का
फर्शी क्षेत्र ईडब्ल्यूएस श्रेणी के लिए 30 वर्ग मी. तक तथा एलआईजी श्रेणी
के लिए 60 वर्ग मी. तक है।
इसका तात्पर्य है कि यदि फर्शी क्षेत्र संबंधित सीमा से अधिक होता है, तब
लाभार्थी इस घटक के अंतर्गत लाभ प्राप्त करने के पात्र नहीं होंगे। |
25 |
ऋण से जुड़ी सब्सिडी स्कीम के माध्यम से किफायती
आवास के लिए राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों शहरी स्थानीय निकायों की क्या
भूमिका है? |
इस घटक के अंतर्गत राज्यों/संघ राज्य
क्षेत्रों/यूएलबी की भूमिका इस प्रकार है:
राज्य/संघ राज्य क्षेत्र / शहरी स्थानीय निकाय/ प्राथमिक ऋणदाता संस्थान
दोहराव से बचने के लिए लाभार्थी की पहचान को आधार, मतदाता पहचान पत्र, किसी
अन्य विशिष्ट पहचान अथवा लाभार्थी के पैतृक जिले के राजस्व प्राधिकारी से
जारी आवास स्वामित्व प्रमाण—पत्र से जोड़ेंगे।
मिशन के कार्यान्वयन हेतु राज्य/क्षेत्र संघ राज्य द्वारा निर्धारित राज्य
स्तरीय नोडल एजेंसी (एसएलएनए) ऋण आधारित सब्सिडी उपलब्ध कराने हेतु अनुमोदन
और दस्तावेजों आदि को प्राप्त करने में मदद करेगी। |
26 |
वे नोडल एजेंसियां कौन सी है जो संचालन करेंगी तथा
सीएलएसएस के अंतर्गत सब्सिडी के भुगतान हेतु उत्तरदायी होगी? |
आवास और शहरी विकास कॉरपोरेशन (हडको) और राष्ट्रीय
आवास बैंक (एनएचबी) को ऋणदाता संस्थाओं को इस सब्सिडी का वितरण और इस घटक
की प्रगति की निगरानी करने के लिए केंद्रीय नोडल एजेंसियों (सीएनए) के रूप
में निर्धारित किया गया है। मंत्रालय भविष्य में अन्य संस्थाओं को सीएनए के
रूप में अधिसूचित कर सकता है। |
27 |
वे पीएलआई कौन सी हैं जिनके माध्यम से यह सब्सिडी
जारी अथवा जमा की जाएगी? |
ऋणदात्री संस्थाएं जैसे बैंक, एचएफसी, एमएफआई आदि
जिन्होंने किसी केन्द्रीय नोडल एजेंसियों में से एक के साथ समझौता ज्ञापन
पर हस्ताक्षर किए हैं, पीएलआई होंगी, जो स्कीम का संचालन करेंगी। |
28 |
क्या पीएलआई को सब्सिडी का दावा करने के लिए
केन्द्रीय नोडल एजेंसी (सीएनए) के साथ किसी समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर
करने की आवश्यकता है? |
हाँ, पीएलआई को निजी सीएनए के साथ समझौता ज्ञापन
पर हस्ताक्षर करने हैं जिससे वे सीएलएसएस के अंतर्गत लाभ का दावा कर सकें। |
29 |
केन्द्रीय नोडल एजेंसियों को सब्सिडी कैसे वितरित
की जाएगी? |
एक अग्रिम सब्सिडी स्कीम के आरंभ में प्रत्येक
सीएनए को जारी की जाएगी। पूर्ववर्ती राशि के 70% के उपयोग के पश्चात सीएनए
को ऋण से जुड़ी सब्सिडी की अनुवर्ती राशि अनुलग्नक 10 (स्कीम का पैराग्राफ
15.1 देखें) में निर्धारित प्रारूप के अनुसार त्रैमासिक आधार और सीएनए
द्वारा किए गए दावों के आधार पर की जाएगी। |
30 |
क्या ऋण से जुड़ी सब्सिडी के माध्यम से किफायती
आवास के लिए लाभार्थियों हेतु कोई विशेष व्यवस्था प्रस्तावित है? |
स्कीम के अंतर्गत हाथ से मैला ढोने वाले, महिलाओं
(विधवाओं को वरीयता दी जाएगी), अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/अन्य पिछड़े
वर्गों के व्यक्तियों, अल्पसंख्यकों, विकलांगों और उभयलिंगी को वरीयता दी
जानी चाहिए बशर्ते कि लाभार्थी ईडब्ल्यूएस एलआईजी वर्गों से संबंधित हो। |
31 |
क्या होगा जहां एक लाभार्थी किसी एक पीएलआई से
आवास ऋण ले चुका हो तथा सीएलएसएस के अंतर्गत भी लाभ ले रहा हो और घटी हुई
ब्याज दर का लाभ लेने के लिए अन्य पीएलआई में परिवर्तन करता है? |
यदि किसी लाभार्थी ने स्कीम के अंतर्गत एक आवास ऋण
लिया है और ब्याज सहायता प्राप्त की है, लेकिन बाद में शेष अंतरण के लिए
अन्य पीएलआई में परिवर्तन किया जाता है तो, ऐसे लाभार्थी पात्र नहीं होंगे
अथवा फिर से ब्याज सहायता के लाभ का दावा नहीं कर सकेंगे। लाभार्थी केवल एक
ऋण खाते पर ऋण से जुड़ी सब्सिडी का दावा कर सकते हैं। |
32 |
यह सब्सिडी लाभार्थियों को कैसे जारी की जाए? |
मूल ऋण राशि से घटाकर लाभार्थियों के खाता अपफ्रंट
में सब्सिडी का भुगतान किया जाएगा। परिणामस्वरूप, शेष ऋणी मूल ऋण राशि के
पर ईएमआई का भुगतान करेगा। |
33 |
क्या होगा जब सब्सिडी का पहले ही भुगतान कर दिया
गया हो परंतु निश्चित कारणों से आवास का निर्माण रूक गया हो? |
ऐसे मामलों में, इस सब्सिडी की वसूली की जाती है
तथा केन्द्र सरकार को वापस कर दी जाती है। |
34 |
क्या हम ईडब्ल्यूएस लाभार्थी के लिए 30 वर्ष का
गृह ऋण प्राप्त कर सकते हैं? |
जी हां लाभार्थी 30 वर्षों की अवधि के लिए गृह ऋण
की मंजूरी के लिए आवेदन कर सकते हैं जो संबंधित पीएलआई की प्राप्त उद्यमिता
मानदंडो पर निर्भर करेगा। तथापि ऐसे मामलों में ब्याज सब्सिडी को 15 वर्षों
तक की अवधि के लिए ही 6 लाख रूपये तक के गृह ऋणों के लिए सीमित किया जाएगा। |
35 |
ऋणी के आय प्रमाण के प्रयोजन के लिए कौन—कौन से
दस्तावेज लिए जाएंगे अथवा पर भरोसा किया जाएगा? |
स्कीम के अंतर्गत ईडब्ल्यूएस अथवा एलआईजी लाभार्थी
के रूप में पहचान के लिए व्यक्तिगत ऋण आवेदक को आया प्रमाण के रूप में
स्व—प्रमाण पत्र/शपथ पत्र प्रस्तुत करना होगा। |
36 |
शहरी स्थानीय निकायों/गैर—सरकारी संगठनों को कैसे
सीएलएसएस के लिए आवास ऋण आवेदन हेतु प्रोत्साहित किया जाएगा? |
आवेदकों की उपयुक्त फार्म और प्रमाण—पत्रों में
अपने आवेदन प्रस्तुत करने में सहायता करने के लिए राज्य सरकारों के माध्यम
से शहरी स्थानीय निकायों/गैर—सरकारी संगठनों के नामित स्टाफ को सीएलएस
स्कीम की निधियों में से 250/— रूपये की राशि का प्रति स्वीकृत आवेदन पर
भुगतान किया जाएगा। |
37 |
भागीदारी के माध्यम से किफायती आवास क्या है? |
भागीदारी के माध्यम से किफायती आवास को निम्नलिखित
के माध्यम से कार्यान्वित किया जाएगा:
राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों /शहरी स्थानीय निकायों/निजी क्षेत्र की
भागीदारी के बिना पैरा—स्टेटल।
यह मिशन राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों/शहरों द्वारा इन अलग—अलग भागीदारियों
के अंतर्गत बनाए जा रहे 1.5 लाख रूपये प्रति ईडब्ल्यूएस आवास की दर से
वित्तीय सहायता प्रदान करेगा। |
38 |
लाभार्थियों का चयन कैसे किया जाएगा? |
राज्य/शहर आवास और संभावित लाभार्थियों के लिए
वास्तविक मांग का मुल्यांकन करने के लिए उपयुक्त साधनों के माध्यम से मांग
का सर्वेक्षण करेंगे। इस सर्वेक्षण से पात्र लाभार्थियों और अन्य उपलब्ध
आंकड़ों के बारे में जानकारी इस मिशन के चार विकल्पों में से चयनित
कार्यक्रमों के साथ निर्धारित प्रपत्रों में सबके लिए आवास कार्य योजना
(एचएफएपीओए) में अन्तर्विष्ट होगी। |
39 |
भागीदारी में किफायती आवास स्कीम के लिए राज्य/संघ
राज्य क्षेत्रों/पैरा स्टेट्ल निकायों की क्या भूमिका और योगदान होगा? |
राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों/पैरास्टेट्ल निकायों
की निम्नलिखित भूमिकाएं होंगी :
कार्यान्वयन तंत्र पर निर्णय लेना।
लक्षित लाभार्थियों तक उनको वहनीय और उनकी पहुंच बनाने के लिए उद्येश्य से
ईडब्ल्यूएस आवासों की रूपए में प्रतिवर्ग मीटर के कारपेट क्षेत्र के विक्रय
मूल्य पर अधिकतम विक्रय मूल्य पर निर्णय लेना।
राज्य सब्सिडी, किफायती लागत पर भूमि, स्टाम्प ड्यूटी छूट इत्यादि जैसी
अन्य रियायतों का प्रावधान अथवा उनको बढ़ाना।
एसएलएसएमसी द्वारा ऐसी परियोजनाओं के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्टें
अनुमोदित की जाएंगी।
एसएलएसएमसी द्वारा पात्र लाभार्थियों को आवंटन के लिए एक पारदर्शी
प्रक्रिया अनुमोदित की जाएगी। |
40 |
राज्य/संघ राज्य क्षेत्रों/शहरों द्वारा भागीदारी
स्कीम में किफायती आवास के लिए विक्रय मूल्य कैसे नियत किया जाएगा? |
विक्रय मूल्य को परियोजना अथवा शहर के आधार पर
नियत किया जा सकता है। सिद्धांत सबके लिए आवास (एचएफए) के दिशानिर्देशों के
क्रम सं. 6.3 में प्रस्तुत किए गए हैं। |
41 |
क्या भागीदारी स्कीम में किफायती आवास के लिए
भिन्न—भिन्न श्रेणियों (ईडब्ल्यूएस, एलआईजी, एचआईजी इत्यादि) के लिए आवासों
का योग संभव है? |
किफायती आवास परियोजना विभिन्न श्रेणियों
(ईडब्ल्यूएस, एलआईजी, एचआईजी) के लिए आवासों का योग हो सकता है परंतु यह
केन्द्रीय सहायता का पात्र तभी होगा, यदि परियोजना में आवासों का कम से कम
35% आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए हो तथा एक परियोजना में
कम से कम 250 आवास हों। तथापि, सीएसएमसी राज्य सरकार के अनुरोध पर एक
परियोजना में आवासों की न्यूनतम संख्या की आवश्यकता को कम कर सकता है। |
42 |
एएचपी परियोजनाओं में चिन्हित पात्र लाभार्थियों
को आवासों के आवंटन की क्या प्रक्रिया है? |
आबंटन एसएलएसएमसी द्वारा यथा अनुमोदित पारदर्शी
प्रक्रिया का अनुपालन करते हुए किया जाना चाहिए तथा चयनित लाभार्थी
एचएफएपीओए का हिस्सा हों। आवंटन में प्राथमिकता शारीरिक रूप से नि:सहाय
लोगों, वरिष्ठ नागरिकों, अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों, अन्य
पिछड़े वर्गों, अल्पसंख्यकों, एकल महिलाओं, उभयलिंगी तथा समाज के अन्य
कमजोर तथा उपेक्षित वर्गों को दी जाए। आवंटन करते समय नि:सहाय व्यक्तियों
तथा वरिष्ठ नागरिकों वाले परिवारों को प्राथमिक रूप से भूतल अथवा नीचे
तलों पर आवासों का आवंटन किया जाए। |
43 |
लाभार्थी आधारित व्यक्तिगत आवास निर्माण के लिए
क्या सब्सिडी है? |
यह सहायता मिशन के किसी अन्य घटक का लाभ लेने में
अक्षम लाभार्थियों को शामिल कर स्वयं उनके द्वारा नए आवासों के निर्माण
अथवा मौजूदा आवासों के विस्तार के लिए आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की
श्रेणियों से संबंधित व्यक्तिगत पात्र परिवारों के लिए है। ऐसे परिवार 1.5
लाख रू की केन्द्रीय सहायता का लाभ कर सकते हैं। ऐसे लाभार्थी एचएफएपीओए का
हिस्सा होने चाहिए। |
44 |
‘लाभार्थी आधारित व्यक्तिगत आवास निर्माण स्कीम के
लिए सब्सिडी’ हेतु लाभ प्राप्त करने में लाभार्थियों की क्या भूमिका होगी? |
इस सहायता प्राप्ति का इच्छुक लाभार्थी उनके
स्वामित्वाधीन भूमि की उपलब्धता के संबंध में पर्याप्त दस्तावेजों के साथ
शहरी स्थानीय निकायों से संपर्क करेगा। ऐसे लाभार्थी स्लमों में अथवा
स्लमों के बाहर रहने वाले हो सकते हैं। पुनर्विकसित नहीं किए जा रहे स्लमों
के लाभार्थियों को इस घटक के अंतर्गत शामिल किया जा सकता है यदि
लाभार्थियों के पास कच्चा आवास अथवा अर्ध पक्का आवास है। |
45 |
‘लाभार्थी आधारित व्यक्तिगत आवास निर्माण स्कीम के
लिए सब्सिडी’ हेतु लाभ प्रदान करने में शहरी स्थानीय निकायों की क्या
भूमिका होगी? |
शहरी स्थानीय निकाय लाभार्थी द्वारा दी गई सूचना
तथा उसके द्वारा प्रस्तुत की गई आवास की भवन—निर्माण योजना को प्रमाणित
करेंगे जिससे भूमि के स्वामित्व तथा लाभार्थी के अन्य ब्यौरों, जैसे—
आर्थिक स्थिति और पात्रता का पता लगाया जा सके। इसके अलावा, नए आवासों के
निर्माण हेतु लाभार्थी की परिणामी पात्रता सुनिश्चित करने के लिए
लाभार्थियों हेतु कच्चा, अर्द्ध कच्चा आदि जैसे आवासों की स्थिति की जांच
सामाजिक—आर्थिक एवं जाति जनगणना (एसईसीसी) आंकड़ों के साथ की जाए।
लाभार्थी की आवासों में वृद्धि की पात्रता सुनिश्चित करने के लिए कमरों की
संख्या, परिवार के सदस्यों आदि से संबंधित एसईसीसी आंकड़ों की भी जांच होनी
चाहिए। |
46 |
‘लाभार्थी आधारित व्यक्तिगत आवास निर्माण स्कीम’
परियोजना को कौन और कैसे बनाएगा? |
दिशानिर्देशों के बिंदु संख्या 7.1 और 7.2 में
उल्लिखित आवेदनों के आधार पर शहरी स्थानीय निकाय नगर विकास योजना (सीडीपी)
अथवा शहर की ऐसी योजनाओं के अनुसार ऐसे वैयक्तिक लाभार्थियों के लिए एक
एकीकृत शहर व्यापी आवास परियोजना यह सुनिश्चित करते हुए तैयार करेंगे कि
प्रस्तावित आवासों का निर्माण शहर के आयोजना मानकों के अनुरूप है तथा स्कीम
का कार्यान्वयन एकीकृत रूप में हुआ है। सहायता हेतु व्यक्तिगत आवेदकों पर
विचार नहीं किया जाएगा। |
47 |
क्या एचएफए के अंतर्गत लाभार्थी—आधारित व्यक्तिगत
सब्सिडी का दावा करने के लिए पात्रता संबंधी मानदंडों को पूरा करने वाले
लाभार्थी एक सामूहिक सहकारी आवास सोसाईटी बना सकते हैं? |
जी हां, इस स्कीम के अंतर्गत जो लाभार्थी सामूहिक
सहकारी आवास सोसाइटी बनाने की मंशा रखते हैं और एचएफए के अंतर्गत पात्रता
संबंधी अपेक्षाओं को पूरा करते हैं, वे लाभार्थी आधारित व्यक्तिगत सब्सिडी
का दावा कर सकते हैं। |
48 |
व्यक्तिगत आवास निर्माण के लिए परियोजना को
अनुमोदित करते समय कोई जांच का बिन्दु है? |
शहरी स्थानीय निकायों तथा राज्य/संघ राज्य क्षेत्र
को सुनिश्चित करना चाहिए कि नियोजित आवास के निर्माण हेतु अपेक्षित
वित्त—पोषण लाभार्थी को उसके स्वयं के योगदान सहित, भारत सरकार और राज्य
सरकार सहायता इत्यादि से विभिन्न स्रोतों से उपलब्ध हो।
ऐसे आवास के लिए भारत सरकार द्वारा सहायता जारी नहीं की जाएगी जिसमें
निर्माण की शेष लागत संबंद्ध नहीं है, अन्य रूप से अधूरे निर्मित आवासों के
मामले में भारत सरकार सहायता जारी की जा सकती है। |
49 |
लाभार्थियों को व्यक्तिगत आवास निर्माण के लिए
केन्द्रीय सहायता कैसे जारी की जाएगी? |
राज्य/संघ राज्य क्षेत्र अथवा शहर भी ऐसे
व्यक्तिगत आवास निर्माण हेतु वित्तीय योगदान दे सकते हैं। राज्य/संघ राज्य
क्षेत्र की सिफारिशों के अनुसार राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के माध्यम से
केन्द्रीय सहायता परियोजनाओं में चिन्हित लाभार्थियों के बैंक खातों में
जमा की जाएगी। |
50 |
व्यक्तिगत आवास निर्माण की परियोजना के लिए
वित्तीय सहायता जारी करने का क्या समय और मानदंड है? |
राज्य सरकार को आवास के निर्माण की प्रगति के आधार
पर 3—4 किस्तों में लाभार्थियों को वित्तीय सहायता जारी करनी चाहिए।
लाभार्थी स्वयं की धनराशि अथवा किसी अन्य निधि का प्रयोग करते हुए निर्माण
आरंभ कर सकता है तथा व्यक्तिगत लाभार्थी द्वारा निर्माण के अनुपात में भारत
सरकार सहायता जारी की जाएगी। भारत सरकार द्वारा सहायता की 30,000/— रू. की
अंतिम किस्त आवास के पूर्ण हो जाने के पश्चात ही जारी की जाएगी। |
51 |
क्या यह मिशन किराया आवास स्टाक उत्पन्न करने में
कोई सहायता करेगा? |
राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों द्वारा भवन निर्माण
और अन्य निर्माण कामगार (रोजगार का विनियमन और सेवा शर्तें) अधिनियम, 1996
के केन्द्रीय कानून के अंतर्गत निर्माण कामगार कल्याण कोष स्थापित किया गया
है। राज्य/संघ राज्य क्षेत्र निर्माण परियोजनाओं पर शुल्क एकत्र करते हैं
और निर्माण कामगारों के लिए इस कल्याण कोष में धनराशि अन्तरित करते हैं।
श्रम मंत्रालय से अनुरोध किया गया है कि वे राज्य/संघ राज्य क्षेत्रों को
कामगारों के लिए एक कल्याण उपाय के रूप में किराया आवास स्टाक बनाने के लिए
कहें। |
52 |
लाभार्थी आधारित व्यक्तिगत आवास निर्माण के
अन्तर्गत राज्य निगरानी की क्या भूमिका निभायेंगे? |
राज्यों को जियो—टैग्ड छायाचित्रों के माध्यम से
लाभार्थी आधारित आवासों की निगरानी के लिए एक प्रणाली के विकास की आवश्यकता
होगी। |
53 |
एचएफए मिशन के अन्तर्गत प्रस्तावित सुधार क्या
हैं? |
मिशन में भाग लेने तथा केन्द्र सरकार से वित्तीय
सहायता प्राप्त करने के लिए राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों को निम्नलिखित
अनिवार्य शर्तों को पूरा करने हेतु सहमत होना चाहिए:—
(i) यदि भूमि अथवा क्षेत्र पहले ही नगर के मास्टर प्लान में निर्धारित
रिहायशी जोन में आते हैं तो राज्य/संघ राज्य क्षेत्र को पृथक गैर—कृषि
(एनए) अनुमति के लिए आवश्यकता को समाप्त करने हेतु क्रिया विधि और नियमों
में समुचित परिवर्तन करने होंगे।
(ii) राज्य/संघ राज्य क्षेत्र किफायती आवास के लिए भूमि का निर्धारण करते
हुए अपने—अपने मास्टर प्लान तैयार/संशोधित करेंगे।
(iii) शहरी स्थानीय निकाय स्तर पर ले आउट अनुमोदन तथा भवन निर्माण की
अनुमति के लिए एकल खिड़की, समयबद्ध मंजूरी सुनिश्चित करने हेतु एक प्रणाली
कार्यान्वित की जानी चाहिए।
(iv) राज्य/संघ राज्य क्षेत्र ईडब्ल्यूएस/एलआईजी आवास के लिए पूर्व
अनुमोदित ले—आउट तथा भवन निर्माण नक्शों के आधार पर मान्य भवन—निर्माण
अनुमति तथा ले—आउट अनुमोदन के दृष्टिकोण को अपनाएंगे अथवा कतिपय निर्मित
क्षेत्रफल अथवा भूखंड क्षेत्रफल से कम क्षेत्र के आवासों के लिए अनुमोदन से
छूट देंगे।
(v) मंत्रालय द्वारा तैयार किए गए मॉडल किराया अधिनियम की तर्ज पर
राज्य/संघ राज्य क्षेत्र या तो किराया कानून बनाएंगे अथवा मौजूदा किराया
कानूनों में संशोधन करेंगे।
(vi) राज्य/संघ राज्य क्षेत्र यदि आवश्यक हो तो स्लम पुनर्विकास तथा निम्न
लागत आवास के लिए अतिरिक्त एफएआर/एफएसआई/टीडीआर मुहैया कराएंगे और सघनता
मानदंडों में ढील देंगे। |
54 |
वार्षिक कार्यान्वयन योजना क्या है? |
एचएफएपीओए के आधार पर, राज्य/शहर बाद में संसाधनों
और प्राथमिकता की उपलब्धता को देखते हुए वर्ष 2022 तक कार्य को विभाजित
करके वार्षिक कार्यान्वयन योजना (एआईपी) तैयार करेंगे। बड़े शहरों के लिए
एचएफएपीओए और एआईपी, संबंधित राज्य/संघ राज्य क्षेत्र सरकार के अनुमोदन से,
उप—नगर (वार्ड/जोन इत्यादि) स्तर पर तैयार की जा सकती है। मंत्रालय की
वेबसाईट (www.mhupa.gov.in) पर स्कीम संबंधी दिशानिर्देश देखे जा सकते हैं। |
55 |
राज्य स्तरीय नोडल एजेंसी (एसएलएनए) क्या है और
इसकी क्या भूमिका है? |
एसएलएनए, राज्य में एचएफए के अंतर्गत सभी स्कीमों
के समन्वय और सुधार संबंधी कार्यकलापों के लिए राज्य सरकार द्वारा
निर्दिष्ट नोडल एजेंसी है। यह राज्य में एचएफए कार्यकलापों की निगरानी और
मूल्यांकन करेगी और केन्द्रीय मंत्रालय (एमओएचयूपीए) को आवश्यक
प्रगति/सम्पूर्णता रिपोर्ट भेजने में समन्वय करेगी। यह ऋण संबद्ध सहायता के
पता लगाये गए पात्र लाभार्थियों के लिए अनुमोदन प्राप्त करने और दस्तावेज
आदि को सुविधाजनक बनायेगी। |
56 |
क्या राज्य सरकार सभी चारों शीर्षों के अन्तर्गत
सहायता की इस स्कीम में भी योगदान करेगी? |
जी हां, राज्य सरकार और स्थानीय निकायों से स्लमों
के पुनर्वास और सबके लिए आवास प्रदान करने के लिए भिन्न शीर्षों में योगदान
करने की प्रत्याशा है। |
57 |
स्लम निवासियों की पात्रता के प्रयोजन से कट—आॅफ
तारीख का निर्णय कैसे लिया जायेगा? |
राज्य/संघ राज्य क्षेत्र अपने विवेकानुसार किसी
कट—आॅफ तारीख का, अधिमानत: विधायिका के माध्यम से, निर्णय लेंगी जिस तारीख
को लाभार्थी उस स्लम का आवासी होना चाहिए। |
58 |
स्कीम में कहा गया है कि मिशन के अन्तर्गत
केन्द्रीय सहायता परिवार की महिला मुखिया के नाम से होना चाहिए। तब क्या
स्थिति होगी यदि किसी परिवार की कोई महिला मुखिया न हो, क्या वह परिवार
मिशन के अन्तर्गत सहायता का पात्र होगा? |
इस मिशन के अंतर्गत केन्द्रीय सहायता से
निर्मित/अधिग्रहण किए गए आवास, परिवार की महिला मुखिया अथवा परिवार के
पुरूष मुखिया और उसकी पत्नी के संयुक्त नाम में होना चाहिए और केवल उन
मामलों में, जब परिवार में कोई वयस्क महिला सदस्य नहीं हो, आवास को परिवार
के पुरूष सदस्य के नाम में किया जा सकता है। |
59 |
एचएफए के अन्तर्गत केन्द्रीय सहायता कैसे जारी की
जायेगी? |
3 शीर्षों के अन्तर्गत (सीएलएसएस को छोड़कर)
केन्द्रीय सहायता राज्यों/संघ राज्य क्षेत्र के माध्यम से वितरित की
जायेगी। |
60 |
क्या एचएफए स्मार्ट सिटीज और अमृत के अंतर्गत
मिलने वाले लाभों का उपयोग कर सकता है यदि हां, तो कैसे? |
केन्द्रीय स्कीमों और अन्य स्कीमों का बाहरी
अवसंरचना के प्रावधान के लिए निधियों की प्रत्याशा के साथ सामंजस्य स्थापित
किया जा सकता है। अमृत के अन्तर्गत सेवा स्तरीय सुधार योजना (एसएलआईपी) की
तैयारी के चरण में नगर एचएफए के साथ समामिरूपता स्थापित कर सकते हैं।
स्मार्ट सिटी के कोर अवसंरचना तत्वों में किफायती आवास, विशेषकर गरीबों के
लिए, हरित क्षेत्र विकास का (250 एकड़ से अधिक) किफायती आवास (किफायती
आवास श्रेणी में कम से कम 15%) विशेषकर निर्धनों के लिए जोड़ा जा सकेगा। |
61 |
क्या आरएवाई के अधीन चयनित परियोजनाएं परंतु स्कीम
के समाप्त कर देने के कारण निरस्त, इस स्कीम के अन्तर्गत कवर किए जाने की
पात्र हैं? |
तत्कालीन आरएवाई स्कीम के अन्तर्गत 183 परियोजनाओं
को केन्द्रीय सहायता, जहां कार्य आरम्भ हो गया था, मिलना जारी रहेगा। अन्य
सभी अनुमोदित परियोजनाओं को, जहां कोई कार्य आरम्भ नहीं हुआ था, निरस्त
समझी जायेंगी। लेकिन इन परियोजनाओं को, संबंधित राज्य/यूटी के विवेकानुसार
एचएफए मिशन के अन्तर्गत लिया जा सकता है। |
62 |
स्कीम के अन्तर्गत नगरों के चयन के लिए क्या
मानदण्ड है? |
सभी सांविधिक कस्बे चयन के लिए पात्र हैं। नगरों
का चयन राज्य/यूटी के विवेकानुसार है परन्तु राज्य/यूटी को उन श्रेणी 1
नगरों और उन नगरों को जिन्होंने तत्कालीन आरएवाई स्कीम के अन्तर्गत
एसएफसीपीओए पहले ही तैयार कर ली है, पर विचार करने को प्राथमिकता दे सकते
हैं। |
63 |
एचएफएपीओए कैसे तैयार होगा? क्या कोई दिशानिर्देश
या जांच सूची है। |
एचएफएपीओए को तैयार करने का प्रपत्र दिशानिर्देशों
के पृष्ठ अनुलग्नक 5 में दिया गया है (प्रश्न 32 से 34)। और सूचना के लिए
हमारी वेबसाईट में www.mhupa.gov.in में देखी जा सकती है। |
64 |
एचएफए कि लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट कैसे तैयार
की जा सकेगी? क्या आरएवाई की डीपीआर को एचएफए की डीपीआर तैयार करने के लिए
प्रयोग में लाया जा सकता है? |
एचएफएपीओए और संसाधनों की उपलब्धता के आधार पर,
प्रत्येक शहर मिशन के प्रत्येक घटक के अंतर्गत विस्तृत परियोजना रिपोर्ट
(डीपीआर) तैयार करेंगे। सभी डीपीआर राज्य स्तरीय स्वीकृति एवं निगरानी
समिति द्वारा अनुमोदित किए जाने चाहिए। इस संदर्भ में, स्थल डाटा से संबंधी
सूचना को तत्कालीन ‘आरएवाई’ स्कीम से लिया जा सकता है। |
65 |
क्या एसएफसीपीओए दस्तावेज को एचएफएपीओए की तैयार
करने के लिए प्रयोग में लाया जा सकता है? |
एसएफसीपीओए के डाटा को एचएफएपीओए को तैयार करने के
लिए प्रयोग किया जा सकता है। |
66 |
एचएफएपीओए को तैयार करते समय क्या किसी अन्य
कार्यक्रम से संदर्भ लिया गया है? |
एचएफएपीओए तैयार करने में शहरी स्थानीय निकायों को
नगर विकास योजना, नगर स्वच्छता योजना आदि की व्यवस्थाओं को ध्यान में रखना
चाहिए जिससे केन्द्र और राज्य सरकारों दोनों के ही चल रहे अन्य कार्यक्रमों
के साथ तालमेल बैठाया जा सके। |
67 |
एचएफएपीओए तैयार करने लिए कितना समय लिया जायेगा? |
स्कीम के पहले वर्ष में अर्थात 2015—16 में एआईपी
की आवश्यकता नहीं है और एसएलएसएमसी की सिफारिशों के आधार पर केन्द्रीय
सहायता जारी की जा सकती है। राज्य/संघ राज्य क्षेत्र चयनित नगरों के लिए
एचएफएपीओए यथाशीघ्र प्रस्तुत करेंगे, अधिमानत: नगर के चयन के 6 महीने के
भीतर। |
68 |
क्या एचएफएपीओए एक स्थायी दस्तावेज है? |
जी नहीं। एचएफएपीओए की वार्षिक आधार पर समीक्षा की
जानी चाहिए ताकि पूर्ववर्ती वर्षों में वार्षिक कार्यान्वयन योजना के
कार्यान्वयन (एआईपी) को देखते हुए परिवर्तन किया जा सके। |
69 |
एचएफएपीओए और डीपीआर के बीच क्या कार्यात्मक संबंध
है? |
एचएफएपीओए और संसाधनों की उपलब्धता के आधार पर,
प्रत्येक शहर मिशन के प्रत्येक घटक के अंतर्गत विस्तृत परियोजना रिपोर्ट
(डीपीआर) तैयार करेंगे। |
70 |
निगरानी और मूल्यांकन के लिए क्या तंत्र होगा? |
मिशन की निगरानी सभी तीन स्तरों पर की जायेगी:
नगर, राज्य और केन्द्र सरकार। सीएसएमसी एचएफएपीओए की तैयारी, वार्षिक
कार्यान्वयन योजनाओं (एआईपी) और परियोजना कार्यान्वयन की निगरानी करेगी।
मिशन द्वारा उपयुक्त निगरानी तंत्र विकसित किया जाएगा। राज्यों और नगरों के
लिए भी मिशन और उसके विभिन्न संघटकों की प्रगति के लिए निगरानी तंत्र का
विकास करना अपेक्षित होगा। |
71 |
प्रौद्योगिकी उप—मिशन राज्य और नगरों को क्या
सहायता देगा? |
प्रौद्योगिकी उप—मिशन तीव्र और गुणवतापरक निर्माण
के लिए आधुनिक, आपदा रोधी, पर्यावरण हितैषी प्रौद्योगिकियों तथा भवन
सामग्री को अपनाने को सुविधाजनक बनायेगा। यह लेआउट डिजाइनों एवं भवन
नक्शों में भी सहायता करेगा। केन्द्र और राज्य इसके लिए आईआईटी, एनआईटी और
आयोजना और स्थापत्य संस्थाओं से सहयोग ले सकेंगे। |
72 |
केन्द्र और राज्य की अन्य स्कीमों के साथ
समाभिरूपता के मामले में, इसे मिशन लेखे के साथ कैसे सम्बद्ध किया जा सकता
है? |
राज्य/संघ शासित प्रदेश अन्य विभागों जैसे अपने
कर्मचारियों के लिए उद्योग के माध्यम से औद्योगित नीति और संवर्धन (आईपी
एण्ड पी); स्लम पॉकेटों में स्वस्थाने विकास के लिए रेलवे; छोटे शहरों की
परियोजनाओं में कमजोर वर्गों के लिए आवास की व्यवस्था करने के लिए शहरी
विकास मंत्रालय और अमृत स्कीम के अन्तर्गत नगर के बाहरी क्षेत्रों में
सिविक सुविधाए प्रदान करना, कल्याणकारी उपायों के रूप मेें श्रमिकों के लिए
किराये के आवास सृजित करने के लिए श्रम मंत्रालय की अन्य आवास स्कीमों के
साथ समाभिरूपता सुनिश्चित करनी होगी। |
73 |
क्या इस स्कीम के अंतर्गत धनराशि प्राप्त करने के
लिए दो अथवा दो से अधिक स्लमों को इकट्ठा किया जा सकता है? |
राज्य यूएलबी/स्व—स्थाने पुनर्विकास को वित्तीय और
तकनीकी रूप से व्यवहार्य बनाने के लिए निकटवर्ती स्लमों को एक समूह में
इकट्ठा भी कर सकते हैं। |
74 |
क्या ईडब्ल्यूएस और एलआईजी को भागीदारी में
किफायती आवास के अंतर्गत एक प्लॉट पर एक साथ ग्रुप किया जा सकता है? |
ईडब्ल्यूएस और एलआईजी को एक प्लॉट पर एक साथ ग्रुप
किया जा सकता है, लेकिन ये कम से कम परियोजना में 35% ईडब्ल्यूएस श्रेणी के
लिए और एक परियोजना में कम से कम 250 आवास होने से ही केन्द्रीय सहायता के
लिए पात्र होंगे। |
75 |
क्या कोई निर्माण के बिना प्लॉट वाला व्यक्ति
पात्र लाभार्थी हो सकता है? |
जी हां, उसे लाभार्थी आधारित व्यक्तिगत आवास
निर्माण के लिए सब्सिडी स्कीम के अंतर्गत शामिल किया जा सकता है। |
76 |
स्व—स्थाने स्कीम के अंतर्गत स्लम वासियों को कौन
ट्रांजिट आवास मुहैया करेगा? |
स्लम वासियों को निजी विकासकर्ता ट्रांजिट आवास
प्रदान करेगा। |
77 |
पुनर्विकास स्कीमों के अंतर्गत निर्माण अथवा
विकसित किए जा रहे आवासों की स्वामित्व पद्धति क्या होगा? |
राज्य/संघ राज्य क्षेत्र एचएफपीओए के अंतर्गत
आवंटित किए जाने वाले आवास (नवीकरण, मोंगेज करने वाले और उत्तराधिकार
पट्टाधिकार संबंधी) के संबंध में कार्य प्रणाली का निर्णय ले सकते हैं।
तथापि राज्यों/संघ राज्य क्षेत्र निर्माण किए गए आवासों के हस्तांतरण पर
उचित नियंत्रण लगा सकते हैं। |
78 |
क्या एएचपी के अंतर्गत केन्द्रीय सहायता प्राप्त
करने के लिए प्रवर्तक को ईडब्ल्यूएस आवासों के अलावा कोई एलआईजी श्रेणी के
आवास मुहैया कराने की आवश्यकता है? |
प्रवर्तक विभिन्न श्रेणियों के लिए मिश्रित आवास
मुहैया कर सकता है लेकिन ये ईडब्ल्यूएस श्रेणी हेतु कुल आवास का कम से कम
35% होना चाहिए। |
79 |
क्या निजी स्वामित्व की भूमि पर स्व—स्थाने
पुनर्विकास के लिए निजी क्षेत्र को कोई केन्द्रीय सहायता प्रदान की जाएगी? |
पात्र स्लमवासियों को आवास प्रदान करने के लिए
निजी स्वामित्व की भूमियों पर स्लमों के ‘स्व—स्थाने’ पुनर्विकास को राज्य
सरकार/संघ शासित प्रदेश अथवा यूएलबी अपनी नीति के अनुसार भू—स्वामियों को
अतिरिक्त एफएसआई/एफएआर अथवा टीडीआर देकर प्रोत्साहित कर सकते हैं। ऐसे
मामलों में केन्द्रीय सहायता उपयोग नहीं की जा सकती है। |
80 |
एचएफए मिशन कार्यान्वित करने में प्रौद्योगिक
उप—मिशन की भूमिका क्या है? |
मिशन के अंतर्गत आवासों के तीव्र एवं गुणवत्तापरक
निर्माण के लिए आधुनिक, अभिनव एवं हरित प्रौद्योगिकियों तथा भवन सामग्री को
अपनाने के लिए एक प्रौद्योगिकी उप—मिशन की स्थापना की जाएगी। प्रौद्योगिकी
उप—मिशन विभिन्न भू—जलवायु क्षेत्रों के लिए उपयुक्त ले—आउट डिजाइनों एवं
भवन नक्शों की तैयारी करेगा और उन्हें अपनाएगा। यह राज्यों/शहरों में आपदा
रोधी एवं पर्यावरण हितैषी प्रौद्योगिकियों के प्रयोग में सहायता देगा। |
81 |
उपमिशन किन क्षेत्रों को सहायता देगा? |
उप—मिशन निम्नलिखित पहलुओं पर कार्य करेगा:
प प्रारूप एवं योजना
पप अभिनव प्रौद्योगिकी एवं सामग्री
पपप प्राकृतिक संसाधनों का प्रयोग करके हरित भवन और
पपपप भूकंप एवं अन्य आपदा रोधी प्रौद्योगिकी एवं प्रारूप।
उप मिशन पारम्परिक निर्माण के स्थान पर आधुनिक निर्माण प्रौद्योगिकियों एवं
सामग्री के विकास को आसान बनाने एवं बढ़ावा देने के लिए विभिन्न विनियामक
एवं प्रशासनिक इकाईयों के साथ समन्वय करेगा। प्रौद्योगिकी उप—मिशन हरित
एवं उर्जाक्षम प्रौद्योगिकी जलवायु परिवर्तन इत्यादि में कार्यरत अन्य
एजेंसियों के साथ भी समन्वय स्थापित करेगा। |
82 |
तृतीय पक्ष गुणवत्ता निगरानी एजेंसियों की भूमिका
क्या है? |
यह परिकल्पना की गई है कि राज्य/संघ राज्य क्षेत्र
टीपीक्यूएमए को इस मिशन के विभिन्न घटकों के अंतर्गत निर्माण की गुणवत्ता
सुनिश्चित करने के लिए लाएंगे। राज्य/संघ राज्य क्षेत्रों को तृतीय पक्ष
एजेंसियों को शामिल करते हुए अपनी गुणवत्ता निगरानी और आश्वासन योजनाएं
तैयार करनी चाहिए। |
83 |
गुणवत्ता निगरानी और आश्वासन योजनाओं के सारांश
क्या हैं? |
गुणवत्ता निगरानी और आश्वासन योजनाओं में परियोजना
स्थल पर तृतीय पक्ष एजेंसियों द्वारा दौरे करना और राज्य और शहरी स्थानीय
निकायों को गुणवत्ता से संबंधित मुद्दों पर सलाह देना शामिल होंगे। |
84 |
टीपीक्यूएमए गतिविधियों हेतु निधियन पद्धति क्या
होगी? |
मंत्रालय 75:25 और पूर्वोत्तर तथा विशेष श्रेणी के
राज्यों के मामले में 90:10 के आधार पर लागत बांटकर तृतीय पक्ष गुणवत्ता
निगरानी तंत्र कार्यान्वित करने के लिए सहायता प्रदान करेगा। मंत्रालय
टीपीक्यूएमए द्वारा प्रत्येक परियोजना के लिए अधिक से अधिक तीन दौरों हेतु
व्यय शेयर करेगा। |
85 |
क्या कोई वार्षिक गुणवत्ता निगरानी योजनाएं हैं और
टीपीक्यूएम की निगरानी कैसे की जाएगी? |
वार्षिक गुणवत्ता निगरानी योजनाओं को राज्य स्तरीय
निगरानी समिति के अनुमोदन प्राप्त करने के बाद सीएसएमसी के अनुमोदन हेतु
मिशन को प्रस्तुत करना चाहिए। |
86 |
क्या वार्षिक गुणवत्ता योजना के लिए अनुमोदन
अपेक्षित है? |
जी हां। वार्षिक गुणवत्ता निगरानी योजना को
सीएसएमसी अनुमोदन करेगी। |
87 |
क्या राज्य/संघ राज्य क्षेत्र की सरकार और यूएलबी
के लिए सामाजिक लेखा—परीक्षा अनिवार्य है? |
मिशन अपने विवेक पर राज्य/संघ राज्य क्षेत्र की
सरकारों की इस मिशन के अंतर्गत कार्यान्वित की जा रही परियोजनाओं की
लेखा—परीक्षा शुरू करने में भी सहायता करेगा। राज्य/संघ क्षेत्र की सरकारों
द्वारा ऐसी सामाजिक लेखा—परीक्षा करवाई जाएगी। |
88 |
क्या सामाजिक लेखा—परीक्षा योजना को अनुमोदन की
आवश्यकता है? |
जी हां, सीएसएमसी सामाजिक लेखा परीक्षा योजना
अनुमोदित करेगी। |