PM Kisan FPO Yojana के तहत किसानों को सरकार देगी 15 लाख रुपया
केंद्र सरकार पहले ही किसानो के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना चला रही है जिसकी अगली किश्त अगस्त में मिलने वाली है, इसी बीच कैबिनेट ने एक बड़ा फैसला लिया है कि एग्रो सेक्टर को और अधिक विकसित करने के लिए PM Kisan FPO Yojana शुरू कर रही है. इस योजना के तहत किसानों को 15 लाख की राशि मुहैया करायी जाएगी. इस खबर को और अधिक विस्तार से जानने के लिए नई दुनिया के इस रिपोर्ट को पढ़ें:
नई दुनिया: केंद्र सरकार किसानों को PM Kisan Yojna के तहत 2000 रुपए की अगली किस्त अगस्त महीने में देने वाली है। इसी के बीच हाल ही में केंद्रीय कैबिनेट बड़ा फैसला करते हुए एग्री सेक्टर को बड़ी आर्थिक राहत का ऐलान किया था। वहीं एक और योजना है जो किसानों के हित में है और इस योजना का नाम है PM Kisan FPO Yojna। इस योजना के तहत केंद्र सरकार किसान उत्पादक संगठनों यानी FPO को 15-15 लाख रुपए की मदद देगी जिससे किसानों को बड़ा फायदा होगा। इस कदम के पीछे सरकार का उद्देश्य कृषि सेक्टर को आगे बढ़ाने की है। इस योजना के तहत सरकार 4,496 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है।
क्या है FPO
यह किसानों का संगठन है जिसे किसान उत्पादक संगठन कहा जाता है और यह किसानोंके हित में काम करता है। यह कंपनी एक्ट के तहत रजिस्टर्ड है। केंद्र सरकार इन्हीं संगठनों को 15-15 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी। सरकार ने यह योजना इसलिए शुरू की है ताकि किसानों को खेती में किसी कारोबार की तरह फायदा हो सके।
ऐसे मिलेंगे 15 लाख रुपए
किसानों के लिए शुरू की गई इस योजना के तहत संगठनों को 15 लाख रुपए देगी। इसका फायदा लेने के लिए कम से कम 11 किसानों को संगठित होकर अपनी कृषि कंपनी या संगठन बनाना होगा। केंद्र सरकार इस संगठन का काम देखने के बाद इसे 15 लाख रुपए की सहायता देगी। यहां यह जानना जरूरी है कि अगर संगठन मैदानी क्षेत्र में काम करता है तो उसमें कम से कम 300 किसान जुड़े होने चाहिए। इसी तरह यह संगठन पहाड़ी क्षेत्र में हो तो वहां 100 किसान जुड़े होने चाहिए। यह रकम संगठन को तीन साल में मिलेगी।
इस योजना में फायदा लेने की कोशिश करने वाले संगठनों के लिए नाबार्ड कंसल्टेंसी सर्विसेज का काम देखेगी और उसी आधार पर रेटिंग देगी। इसके अलावा भी कुछ शर्तें हैं जिन्हें पूरा करना होगा।
मिलेंगे और भी लाभ
इस योजना में किसानों को केवल आर्थिक मदद ही नहीं बल्कि और भी कई फायदे मिलेंगे। उन्हें अपनी उपज के लिए बाजार मिलेगा वहीं खाद, बीज और दवाई के अलावा कृषि उपकरणों की खरीदी में भी आसानी होगी। साथ ही सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि किसान बिचौलियों से मुक्त हो जाएंगे।
स्रोत: नई दुनिया