भावांतर भरपाई योजना के तहत शिमला मिर्च, बैगन और अमरुद का पंजीकरण 10 फरवरी से 15 मई तक
सरकार द्वारा सब्जी उत्पादकों को जोखिम मुक्त करने के लिए भावांतर भरपाई योजना शुरू की गई है। भावांतर भरपाई योजना के तहत शिमला मिर्च, बैगन और अमरुद के फसल का 10 फरवरी से 15 मई तक पंजीकरण करें। इस संबंध में दैनिक भास्कर की ये रिपोर्ट पढ़ें:
दैनिक भास्कर : गांव अटायल में बागवानी विभाग के सौजन्य से शुक्रवार को भावांतर भरपाई योजना पर एक दिवसीय जागरुकता सेमिनार का आयोजन किया गया। बागवानी विभाग की टीम ने मौके पर ही किसानों के टमाटर व प्याज की फसल के लिये पंजीकरण व क्षेत्र सत्यापन का कार्य भी किया गया। इसके अलावा आगामी फसलों शिमला मिर्च, बैंगन व अमरुद के विषय में किसानों को जागरूक किया। जिनका रजिस्ट्रेशन 10 फरवरी से 15 मई तक चलेगा।
उद्यान विकास अधिकारी डॉ. कमल सैनी ने भावांतर भरपाई योजना के विषय में संक्षिप्त विवरण दिया। जिसमें उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा सब्जी उत्पादकों को जोखिम मुक्त करने के लिए भावांतर भरपाई योजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत अगर किसान को अपने उत्पाद को सरकारी मण्डी में बेचने पर सरकार द्वारा तय संरक्षित मूल्य से कम दाम मिलता है तो उस स्थिति में किसान के नुकसान की भरपाई सरकार द्वारा की जाएगी।
योजना के तहत सब्जियों के निर्धारित मूल्य हैं
डॉ. कमल सैनी ने बताया कि आलू और गोभी के लिए संरक्षित मूल्य क्रमश: 500 रुपये व 600 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। गाजर, मटर, किन्नू, शिमला, मिर्च बैगन और अमरुद के लिए संरक्षित मूल्य क्रमश: 700 रूपये, 1100 रूपये, 900 रूपये, 500 रुपये व 1300 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। इसी प्रकार से टमाटर व प्याज का पंजीकरण 15 दिसंबर 2019 से 15 फरवरी 2020 तक है। टमाटर और प्याज के लिए संरक्षित मूल्य क्रमश: प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। उन्होंने बताया कि इस योजना का लाभ लेने के लिए किसान भाई अपना पंजीकरण मेरी फसल मेरा ब्याेरा वेबसाइट पर करवाए। ऑनलाइन पंजीकरण की सुविधा कृषि मार्केट कमेटी, जिला उद्यान अधिकारी के कार्यालय, कॉमन सर्विस सेन्टर पर भी उपलब्ध है।
पंजीकरण के समय ये दस्तावेज देना होगा: डॉ. कमल सैनी ने बताया कि किसानों को पंजीकरण के समय निम्नलिखित जानकारी व दस्तावेज अपने साथ लेकर जाए। जैसे जानकारी के रूप में: फसल के तहत क्षेत्र, खसरा नं., किला नं., आधार कार्ड नं., मोबाइल नं., जन्म तिथि व दस्तावेज के रूप में: पासपोर्ट साइज एक फोटो, पहचान पत्र (आधार कार्ड, ड्राइविंग लाईसेंस, पासपोर्ट, मतदाता आईडी- इनमें से कोई भी एक), बैंक खाते के पासबुक की प्रथम पृष्ठ की प्रति जिसमें किसान का नाम, खाता संख्या व बैंक विवरण अंकित हो। अधिक जानकारी के लिए जिला स्तर पर जिला उद्यान अधिकारी, जिला विपणन प्रवर्तन अधिकारी मार्केटिंग बोर्ड व बागवानी विकास अधिकारी से संपर्क करें।
स्रोत : दैनिक भास्कर