प्रधानमंत्री आवास योजना के घर बनाने में यूपी आगे
2024 तक सभी को आवास सुविधा प्राप्त कराने के लक्ष्य को लेकर शुरू की गई प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अब तक बने लगभग 32 लाख घरों में लगभग एक तिहाई घर (11.22 लाख) अकेले उत्तर प्रदेश, गुजरात और आंध्र प्रदेश में बने हैं। इनमें से 9.33 लाख घर लाभार्थियों को आवंटित कर सौंपे जा चुके हैं। इस संबंध में लाइव हिन्दुस्तान की ये रिपोर्ट पढ़ें:
लाइव हिन्दुस्तान : केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के तहत शहरी क्षेत्रों में कम आय वर्ग के लोगों के लिए बन रहे घरों के निर्माण की गति के मामले में उत्तर प्रदेश, गुजरात और आंध्र प्रदेश अन्य राज्यों से आगे है। मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार भवन आवंटन के मामले में भी उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश सबसे आगे हैं। मंत्रालय ने आंध्र प्रदेश को 20.05 लाख और उत्तर प्रदेश को 15.71 लाख घरों के निर्माण को मंजूरी दे दी है।
भवन निर्माण क्षेत्र से जुड़ी एनारॉक की पीएमएवाई की प्रगति से जुड़ी विश्लेषण रिपोर्ट के अनुसार 2024 तक सभी को आवास सुविधा मुहैया कराने के लक्ष्य को लेकर शुरू की गई इस योजना के तहत अब तक बने लगभग 32 लाख घरों में लगभग एक तिहाई घर (11.22 लाख) अकेले उत्तर प्रदेश, गुजरात और आंध्र प्रदेश में बने हैं। इनमें से 9.33 लाख घर लाभार्थियों को आवंटित कर सौंपे जा चुके हैं। रिपोर्ट के अनुसार 2019 के समाप्त होने तक देशभर में 28.42 लाख घरों का आवंटन कर इन्हें लाभार्थियों को सौंपा जा चुका है। पिछले सप्ताह शुक्रवार को आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने पीएमएवाई के तहत विभिन्न राज्यों में मंजूर किए गए घरों की संख्या एक करोड़ से ज्यादा हो जाने की घोषणा की थी। सरकार ने इस योजना के तहत आवास की जरूरत के मुताबिक 2024 तक 1.12 करोड़ घर बनाए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
2019 में बनकर तैयार हुए 19.42 लाख घर : रिपोर्ट के अनुसार दिसंबर 2018 तक पीएमएवाई के तहत पूरे देश में सिर्फ 12.58 लाख घर बन कर तैयार हुए थे। जबकि 2019 में 19.42 लाख घर बन कर तैयार हुए हैं। इनमें से 35 प्रतिशत घरों का निर्माण उत्तर प्रदेश, गुजरात और आंध्र प्रदेश में बने।
उत्तराखंड, गोवा और पंजाब पिछड़े
रिपोर्ट के अनुसार महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और तमिलनाडु में 8.69 लाख घर बन चुके हैं। पूर्वोत्तर राज्यों में आवास निर्माण की धीमी गति के कारण 2018 में सिर्फ 24 हजार घर बन सके थे, लेकिन 2019 में यह संख्या 72 हजार के आंकड़े को पार कर गई है। उत्तराखंड, गोवा और पंजाब इस मामले में पीछे चल रहे राज्यों में शुमार हैं।
स्रोत: लाइव हिन्दुस्तान