प्रधानमंत्री वय वंदन योजना और वरिष्ठ नागरिक बचत योजना में जानें निवेश के लिए कौन अच्छा विकल्प
सरकार द्वारा शुरू की गयी दो ऐसी सुन्दर योजना “प्रधानमंत्री वय वंदन योजना (PMVVY)” और “वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (SCSS)” जिसमे नागरिकों द्वारा निवेश करने में दुविधा हो रही है कि कौन सबसे अच्छा विकल्प है. इसके बारे में दुविधा दूर करने के लिए जनसत्ता ने बहुत अच्छी रिपोर्ट तैयार की है, आइये पढ़ें:
जनसत्ता: प्रधानमंत्री वय वंदन योजना (PMVVY) और वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (SCSS) वरिष्ठ नागरिकों के लिए दो लोकप्रिय निवेश विकल्प हैं। ऐसे में बहुत से निवेशकों की दुविधा रहती है कि किस योजना में निवेश किया जाय। ऐसे में हम यहाँ जानना चाहेंगे कि दोनों योजनाओं में क्या अंतर है। यहाँ बता दें की दोनों योजनाओं में व्यक्तिगत निवेश की सीमा 15 लाख रूपये हैं मगर योजना की अवधि दोनों में अलग-अलग है।
PMVVY में मासिक पेंशन का विकल्प चुनने पर वरिष्ठ नागरिकों को स्कीम में 10 साल तक एक तय दर से गारंटीशुदा पेंशन मिलती है। यह स्कीम डेथ बेनिफिट की भी पेशकश करती है। इसके तहत नॉमिनी को खरीद मूल्य वापस किया जाता है। पहले यह पालिसी बहुत कम अवधि के लिए खुली थी। बाद में इसकी अवधि बढ़ाकर 31 मार्च 2020 कर दी गयी। इसी तरह SCSS योजना के तहत कोई नागरिक 15 लाख रूपये तक का निवेश कर सकता है। वर्तमान में इस पर मौजूदा ब्याज दर 8.6 फ़ीसदी है। योजना की अवधि पांच साल है और इसे तीन साल के लिए आगे बढाया जा सकता है।
PMVVY और SCSS दोनों योजनाओं में 60 वर्ष या उससे अधिक आयु वाले नागरिक ही निवेश कर सकते हैं, हालाँकि, SCSS में कोई व्यक्ति जो वीआरएस या सेवानिवृति के तहत सेवानिवृति हो चूका है, वह भी निवेश कर सकता है, लेकिन केवल रिटायरमेंट लाभ में ही निवेश किया जा सकता है।
SCSS में पांच साल के लिए एक लाख रूपये की जमा पर 51,000 रूपये ब्याज बनता है। यह ब्याज आय कर के दायरे में आती है। एसबीआई इकोरैप की रिपोर्ट में कहा गया है कि उचित यह होगा की इस योजना में पूरी तरह कर छुट दी जाय। इससे सरकार सिर्फ 3,092 करोड़ रूपये के राजस्व का नुकसान होगा। इसका सरकार के राजकोषीय घाटे पर मामूली 0.02 प्रतिशत का प्रभाव पड़ेगा।
PMVVY में निवेशकों को दस साल तक 8 फीसदी सालाना रिटर्न की गारंटी के साथ पेंशन दिया जाता है। इस योजना में निवेश करने वाले सीनियर सिटीजन मासिक, तिमाही, छमाही या सालाना आधार पर पेंशन ले सकते हैं। सरकार द्वारा दी गयी जानकारी के मुताबिक मार्च 2018 तक कुल 2.23 लाख वरिष्ठ नागरिक इस पेंशन योजना का लाभ उठा रहे हैं।
स्रोत: जनसत्ता