बिहार में ‘मुख्यमंत्री वृद्धजन पेंशन योजना’ के आवेदनों की स्वीकृति अब निदेशालय देगा
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बिहार सरकार द्वारा राज्य के सभी वर्ग एवं समुदाय के 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगो के हितों के लिए चलायी गयी योजना “मुख्यमंत्री वृद्धजन पेंशन योजना” को और सरल तथा अधिक लोगों को शीघ्र लाभ के लिए अब आवेदनों की स्वीकृति सीधे निदेशालय से दी जायेगी. इस खबर के सम्बन्ध में सन्मार्ग की खबर पढ़ें.
सन्मार्ग: पटना : बिहार में सभी वर्ग एवं समुदाय के साठ वर्ष से अधिक उम्र के वृद्धों के कल्याण के लिए शुरू की गयी महत्वाकांक्षी ‘मुख्यमंत्री वृद्धजन पेंशन योजना’ की प्रक्रियाओं को सरल बनाने और अधिक से अधिक लोगों को शीघ्र लाभ देने के उद्देश्य से अब प्राप्त आवेदनों की स्वीकृति निदेशालय (राज्य स्तर) से ही दे दी जाएगी।
मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के प्रधान सचिव डॉ. दीपक प्रसाद ने बुधवार को यहां बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गयी है। डॉ. प्रसाद ने बताया कि ‘मुख्यमंत्री वृद्धजन पेंशन योजना’ में आवेदनों की जांच एवं पेंशन भुगतान की स्वीकृति की प्रक्रिया को सरल एवं सुगम्य बनाने के उद्देश्य से आधार कार्ड, इपिक कार्ड (मतदाता पहचान पत्र) एवं लोक वित्त प्रबंधन प्रणाली (पीएफएमएस) प्रक्रिया द्वारा निदेशालय स्तर (राज्य स्तर) से ही आवेदनों को स्वीकृत कर स्वीकृति का आदेश निर्गत किये जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी है।
पहले इस प्रकार होता था कार्य
इससे पूर्व इस योजना के तहत आवेदक आवश्यक दस्तावेजों के साथ अपना आवेदन प्रखंड कार्यालय के लोक सेवाओं का अधिकार (आरटीपीएस) काउंटर में जमा करते थे। इसके बाद प्रखंड विकास पदाधिकारी दस्तावेजों की जांच और भौतिक स्त्यापन करने के बाद आवेदन स्वीकृत करने या नहीं करने की अनुशंसा अनुमंडल पदाधिकारी को भेज देते थे। अनुमंडल में पुन: आवेदक के दस्तावेजों की जांच कराई जाती थी। सब कुछ ठीक रहने पर अनुमंडल पदाधिकारी आवेदन को स्वीकृत कर निदेशालय को भेज देते थे। इसके बाद सरकार 400 रुपये मासिक पेंशन राशि हितधारक के बैंक खाते में भेजती थी। प्रधान सचिव ने बताया कि इस योजना के तहत 31 अगस्त 2019 तक प्राप्त सभी योग्य आवेदनों की स्वीकृति 1 अप्रैल 2019 से दिये जाने एवं उनका पेंशन भुगतान भी अप्रैल 2019 से किये जाने को मंजूरी दी गयी है। उन्होंने बताया कि 31 अगस्त 2019 के बाद प्रत्येक महीने 1 से 15 तारीख तक प्राप्त योग्य आवेदन के लिए पूरे माह का पेंशन भुगतान देय होगा। डॉ. प्रसाद ने बताया कि इस योजना के तहत 15 तारीख के बाद प्राप्त योग्य आवेदन पर पेंशन का भुगतान उसके अगले महीने से देय करने की स्वीकृति दी गयी है। उन्होंने बताया कि जिन आवेदकों का आधार या इपिक कार्ड न बना हो उनका यह कार्ड अभियान चलाकर बनवाया जाएगा ताकि इसके अभाव में वे पेंशन से वंचित न रहें।
14 जून को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुरू की थी पेंशन योजना
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ‘मुख्यमंत्री वृद्धजन पेंशन योजना’ की औपचारिक शुरुआत इस वर्ष 14 जून को की। इस मौके पर उन्होंने कहा था कि इस वर्ष 1 मार्च से इस योजना की शुरुआत की गयी थी, जिसकी राशि का भुगतान आज से किया जा रहा है। नीतीश ने कहा था कहा कि पहले से गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) के परिवारों को वृद्धा पेंशन योजना का लाभ दिया जा रहा था। विधवा पेंशन, दिव्यांगजनों को पेंशन जैसी अनेक योजनाएं चलायी जा रही थीं लेकिन 60 वर्ष से ऊपर के सभी वृद्धजनों चाहे स्त्री हो या पुरुष जिन्हें केंद्र या राज्य सरकार से कोई वेतन, पेंशन, पारिवारिक पेंशन या सामाजिक सुरक्षा पेंशन प्राप्त नहीं हो रहा है, उन्हें इसका लाभ देने की योजना बनायी और इसे लागू कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि इससे वृद्धजनों का अपने परिवार में सम्मान बढ़ेगा और उनकी कुछ जरूरतें भी पूरी होंगी।
मुख्यमंत्री ने एक आंकलन के हवाले से बताया था कि 35 से 36 लाख ऐसे लोग हैं, जिन्हें इस योजना का लाभ मिलना चाहिये। इस योजना पर हर वर्ष राज्य सरकार की तरफ से 1800 करोड़ रुपये व्यय होंगे। इस योजना के तहत अभी तक दो लाख आवेदन प्राप्त हुए थे, जिनमें से सत्यापन के बाद 14 जून 2019 को एक लाख 35 हजार 928 लोगों के खाते में आज (14 जून को) राशि ट्रांसफर की गयी।
21 दिनों की कार्यसीमा निर्धारित
‘मुख्यमंत्री वृद्धजन पेंशन योजना’ को बिहार लोक सेवाओं का अधिकार अधिनियम 2011 (आरटीपीएस) के तहत लाया गया है ताकि समय सीमा के अंदर आवेदकों को इस योजना का लाभ मिले। इसके लिए अधिकतम 21 कार्यदिवस की समय सीमा निर्धारित की गई है। बिहार मंत्रिमंडल ने 14 जून को वित्त वर्ष 2019-20 के लिए इस योजना के तहत भुगतान के लिए 384 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की है। मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के प्रधान सचिव डॉ. प्रसाद ने बताया कि मंत्रिपरिषद की बुधवार (6 नवंबर) की बैठक में 12 प्रस्ताव मंजूरी किए गए हैं।
स्रोत: सन्मार्ग