PM मोदी ने दी ये सौगात, अब किसानों को नहीं होगी बिजली की किल्लत
प्रधानमंत्री मोदी ने आज विडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के माध्यम से गुजरात में तीन प्रमुख परियोजनाओं की शुरुआत की. उन्होंने आज किसान सूर्योदय योजना की भी शुरुआत की है, इस योजना के तहत किसानों को सुबह 5 बजे से रात्रि नौ बजे तक बिजली मुहैया कराया जाएगा.
प्रधानमंत्री ने बच्चों के लिए ह्रदय रोग अस्पताल का भी उद्घाटन किया जो अहमदाबाद स्थित यू एन मेहता हृदयरोग संस्थान और शोध केंद्र से संबंद्ध होगा. इस अवसर पर उन्होंने अहमदाबाद सदर अस्पताल में टेली-कार्डियोलॉजी के लिए मोबाइल एप्लीकेशन सुविधा का भी वह उद्घाटन किया.
इस उद्घाटन समारोह में प्रधानमंत्री जी ने गिरनार पहाड़ी पर हाल ही में बनकर तैयार हुआ रोपवे का भी उद्घाटन किया. इस रोपवे के जरिए प्रति घंटे लगभग 800 लोगों को लाया ले जाया जा सकता है. इस रोपवे के द्वारा लगभग 2.13 किलोमीटर की दूरी तय कर लोग रोपवे से मंदिर तक का सफर आठ मिनट में पूरा कर सकते हैं.
प्रभात खबर: नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) आज शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपने गृह राज्य गुजरात में तीन परियोजनाओं का उद्घाटन किया. प्रधानमंत्री मोदी ने आज गुजरात के किसानों के लिए किसान सूर्योदय योजना की शुरुआत की. इससे किसानों को कई फायदे होंगे. इसके अलावा प्रधानमंत्री जूनागढ़ जिले में गिरनार रोपवे और अहमदाबाद स्थित यू एन मेहता हृदयरोग संस्थान और शोध केंद्र से संबंद्ध बच्चों के हृदयरोग से संबंधित अस्पताल का भी उद्घाटन किया.
इस अवसर पर वह अहमदाबाद सदर अस्पताल में टेली-कार्डियोलॉजी के लिए मोबाइल एप्लीकेशन सुविधा का भी वह उद्घाटन किया. सौराष्ट्र क्षेत्र के जूनागढ़ के निकट गिरनार पहाड़ी पर हाल ही में रोपवे बनकर तैयार हुआ है. पहाड़ी के ऊपर मां अम्बे का मंदिर है. लगभग 2.13 किलोमीटर की दूरी तय कर लोग रोपवे से मंदिर तक का सफर आठ मिनट में पूरा कर सकते हैं. इस रोपवे के जरिए प्रति घंटे 800 सवारियों को लाया और ले जाया जा सकता है. इस परियोजना की परिकल्पना दो दशक पूर्व की गई थी, लेकिन हाल ही में 130 करोड़ रुपये की लागत से यह पूरी हुई है.
गुजरात सरकार ने सिंचाई के लिए दिन के समय बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करने के मकसद से हाल ही किसान सूर्योदय योजना की शुरुआत की गई थी. इसके तहत किसानों को सुबह पांच बजे से रात के नौ बजे तक बिजली की आपूर्ति किए जाने का प्रावधान है. इस योजना के पहले चरण में दाहोद, पाटण, महिसागर, पंचमहाल, छोटा उदयपुर, खेड़ा, आणंद और गिर-सोमना जिले को शामिल किया गया है. शेष बचे जिलों को चरणबद्ध तरीके से इस योजना में 2023 तक शामिल किया जायेगा.
गुजरात के किसानों के लिए नया सूरज है किसान सूर्योदय योजना
इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा कि किसानों को रात की बजाए जब सुबह यानी कि 5 बजे से लेकर रात 9 बजे के दौरान तीन फेज बिजली मिलेगी, तो ये नया सवेरा ही तो है. मैं गुजरात सरकार को बधाई दूंगा कि बाकी व्यवस्थाओं को प्रभावित किए बिना, ट्रांसमिशन की बिल्कुल नयी कैपेसिटी तैयार करके ये काम किया जा रहा है. इस योजना के तहत अगले 2-3 वर्षों में लगभग साढ़े 3 हजार सर्किट किलोमीटर नयी ट्रांसमिशन लाइनों को बिछाने का काम किया जायेगा.
मोदी ने कहा मुझे बताया गया है कि आने वाले कुछ दिनों तक हजार से ज्यादा गांवों में ये योजना लागू भी हो जाएगी. इनमें भी ज्यादा गांव आदिवासी बाहुल्य इलाकों में हैं. गुजरात ने तो बिजली के साथ सिंचाई और पीने के पानी के क्षेत्र में भी शानदार काम किया है. इस कार्यक्रम में जुड़े हम सभी जानते हैं कि गुजरात में पानी की क्या स्थिति थी. बीते दो दशकों के प्रयासों से आज गुजरात उन गांवों तक भी पानी पहुंच गया है, जहां कोई पहले सोच भी नहीं सकता था.
उन्होंने कहा कि बीते दो दशकों में गुजरात ने आरोग्य के क्षेत्र में अभूतपूर्व काम किया है. चाहे वो आधुनिक अस्पतालों का नेटवर्क हो, मेडिकल कॉलेज हों, गांव-गांव को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं से जोड़ने का बहुत बड़ा काम किया गया है. आयुष्मान भारत योजना के तहत गुजरात के 21 लाख लोगों को मुफ्त इलाज मिला है. सस्ती दवाइयां देने वाले सवा 5 सौ से ज्यादा जन औषधि केंद्र गुजरात में खुल चुके हैं. इसमें से लगभग 100 करोड़ रुपए की बचत गुजरात के सामान्य मरीजों को भी हुई है.
रोप-वे से पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा, रोजगार के अवसर पैदा होंगे
रोप-वे पर मोदी ने कहा, गिरनार पर्वत पर मां अंबे भी विराजती हैं, गोरखनाथ शिखर भी है, गुरु दत्तात्रेय का शिखर है और जैन मंदिर भी है. यहां की सीढ़ियां चढ़कर जो शिखर पर पहुंचता है, वो अद्भुत शक्ति और शांति का अनुभव करता है. अब यहां विश्व स्तरीय रोप-वे बनने से सबको सुविधा मिलेगी, दर्शन का अवसर मिलेगा. इस नई सुविधा के बाद यहां ज्यादा से ज्यादा श्रद्धालु आएंगे, ज्यादा पर्यटक आएंगे. आज जिस रोप-वे की शुरुआत हुई है, वो गुजरात का चौथा रोप-वे है. बनासकांठा में अंबाजी के दर्शन के लिए, पावागढ़ में, सतपूड़ा में तीन और रोप-वे पहले से काम कर रहे हैं.
अगर गिरनार रोप-वे कानूनी उलझनों में नहीं फंसा होता, तो लोगों को इसका लाभ बहुत पहले ही मिलने लग गया जाता. हमें सोचना होगा कि जब लोगों को इतनी बड़ी सुविधा पहुंचाने वाली व्यवस्थाओं का निर्माण, इतने लंबे समय तक अटका रहेगा, तो लोगों का कितना नुकसान होता है. ऐसे स्थलों को विकसित करने पर वहां पर्यटक आएंगे और अपने साथ रोजगार के नये अवसर भी लायेंगे. स्टैच्यू ऑफ यूनिटी अब कितना बड़ा टूरिस्ट अट्रेक्शन बन रही है.
स्रोत: प्रभात खबर