PM स्वनिधि योजना के दिशा-निर्देश
रेहड़ी-पटरी, खोमचे वालों को फिर से अपना व्यवसाय शुरू करने के लिए सरकार द्वारा शुरू किया गया प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत लोन का आवेदन करने के लिए उससे पहले इस योजना का दिशा-निर्देश जानना बहुत जरुरी है. इस दिशा-निर्देश को पढ़ें. कोरोना महामारी के कारण बहुत सारे स्ट्रीट वेंडर्स, ठेले-खोमचे वालो, फूटपाथ पर अपना छोटा सा दुकान लगाने वालों का व्यापार ठप हो गया, इसी व्यापार को फिर से खोलने के लिए सरकार कुछ आर्थिक मदद करने के ख्याल से प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना की शुरूआत की. इस योजना के तहत कैसे आवेदन करना है और कैसे इस लोन का भुगतान करना है, इस सभी का दिशा-निर्देश नीचे दिया गया है:
1. पृष्ठभूमि
पथ विक्रेता शहरी अनौपचारिक अर्थव्यवस्था का बहुत ही महत्वपूर्ण अंग है और ये पथ विक्रेता शहर में रहने वाले लोगों के घरों तक किफायती दरों पर वस्तुएं और सेवाएं पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं।इन पथ विक्रेताओं को भिन्न-भिन्न क्षेत्रों/सन्दर्भ में वेंडर, खोमचे वाले, ठेले वाले और रेहड़ी वाले इत्यादि नामों से जाना जाता हैं। इन पथ विक्रेताओं द्वारा बेचीं जाने वाली वस्तुओं में सब्जियां, फल, तैयार स्ट्रीट फ़ूड, चाय, पकौड़े, ब्रेड, अंडे, वस्त्र, परिधान, जूते-चप्पल, शिल्प से बने सामान, किताबें/लेखन सामग्री आदि शामिल होती हैं। इन सेवाओं में नाइ की दुकाने, मोची, पान की दुकानें, लांड्री सेवाएं इत्यादि शामिल हैं। कोविड-19 महामारी और लगातार बढ़ते हुए लॉक डाउन से पथ विक्रेताओं की आजीविका पर बुरा प्रभाव पड़ा है। ये प्रायः कम पूंजी से कार्य करते हैं और लॉक डाउन के दौरान शायद इनकी पूंजी समाप्त हो गयी होगी। इसलिए, इन पथ विक्रेताओं को अपना काम फिर से शुरू करने के लिए कार्यशील पूंजी (वोर्किंग कैपिटल) हेतु ऋण की अति आवश्यकता है।
2. उद्येश्य
यह केन्द्रीय क्षेत्र की स्कीम है जो निम्नलिखित उद्येश्यों की पूर्ति के लिए आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा पूर्ण वित्त-पोषित है:
(1) रु10,000 तक की कार्यशील पूंजी ऋण की सहायता।
(2) नियमित पुनः भुगतान को प्रोत्साहित करना।
(3) डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देना।
इस स्कीम से पथ विक्रेताओं को उपरोक्त उद्येश्यों से परिचित होने में मदद मिलेगी और इस क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियाँ बढाने के लिए नए अवसर प्राप्त होंगे।
3. राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों की पात्रता
यह स्कीम केवल उन्ही राज्यों/संघ राज्यों क्षेत्रों के लाभार्थियों के लिए उपलब्ध है, जिन्होंने पथ विक्रेता (पथ विक्रेता की आजीविका और विनियमन की सुरक्षा) अधिनियम, 2014 के अंतर्गत नियम और स्कीम अधिसूचित की है। तथापि, मेघालय, जिसके पास खुद का राज्य पथ विक्रेता अधिनियम है, के लाभार्थी भी इसमें भागीदारी कर सकते हैं।
4. लाभार्थियों के लिए पात्रता मानदंड
यह स्कीम 24 मार्च, 2020 को एवं इससे पूर्व शहरी क्षेत्रों में वेंडिंग कर रहे सभी पथ विक्रेताओं के लिए उपलब्ध है। पात्र विक्रेताओं की पहचान निम्नलिखित मानदंडों के अनुसार की जाएगी:
(1) ऐसे पथ विक्रेता जिनके पास शहरी स्थानीय निकायों द्वारा जारी किया गया सर्टिफिकेट ऑफ़ वेंडिंग/पहचान पत्र है।
(2) ऐसे विक्रेता जिन्हें सर्वेक्षण में चिन्हित कर लिया गया है परन्तु सर्टिफिकेट ऑफ़ वेंडिंग/पहचान पत्र जारी नहीं किया गया है।
ऐसे विक्रेताओं को अनंतिम सर्टिफिकेट ऑफ़ वेंडिंग (प्रोविजिनल सर्टिफिकेट ऑफ़ वेंडिंग) आईटी आधारित प्लेटफार्म के माध्यम से सृजित किया जाएगा। शहरी स्थानीय निकायों को इस बात के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है कि वे ऐसे विक्रेताओं को सर्टिफिकेट ऑफ़ वेंडिंग एवं पहचान पत्र तत्काल एवं एक माह की अवधि के भीतर अनिवार्य रूप से जारी करें।
(3) ऐसे पथ विक्रेता जो शहरी स्थानीय निकाय आधारित पहचान सर्वेक्षण में छूट गए थे अथवा जिन्होंने सर्वेक्षण पूरा होने के पश्चात् बिक्री का कार्य शुरू कर दिया है एवं जिन्हें शहरी स्थानीय निकाय/टाउन वेंडिंग कमेटी (टीवीसी) द्वारा इस आशय का सिफारिश पत्र (लेटर ऑफ़ रिकमेन्डेशन) जारी कर दिया गया है।
(4) ऐसे विक्रेता जो आस-पास के विकास/परिनगरीय/ग्रामीण क्षेत्रों में शहरी स्थानीय निकायों की भौगोलिक सीमा के भीतर बिक्री कर रहें हैं और जिन्हें शहरी स्थानीय निकाय/टाउन वेंडिंग कमेटी द्वारा इस आशय का सिफारिश पत्र (लेटर ऑफ़ रिकमेन्डेशन) जारी कर दिया गया है।
5. सर्वेक्षण में छूटे हुए/आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों से सम्बंधित लाभार्थियों की पहचान
श्रेणी 4 (3), और (4) से सम्बंधित विक्रेताओं की पहचान करते समय शहरी स्थानीय निकाय/टीवीसी सिफारिश पत्र (लेटर ऑफ़ रिकमेन्डेशन) जारी करने हेतु निम्न में से किसी भी दस्तावेज पर विचार कर सकती है।
(1) लॉक डाउन अवधि के दौरान एककालिक सहायता प्रदान करने के लिए कतिपय राज्यों / संघ राज्य क्षेत्रों द्वारा तैयार की गई विक्रेताओं की सूची, अथवा
(2) आवेदक के पहचान के सत्यापन के पश्चात् ऋणदाता की सिफारिश के आधार पर सिफारिश पत्र (लेटर ऑफ़ रिकमेन्डेशन) जारी करने के लिए प्रणाली सृजित अनुरोध शहरी स्थानीय निकायों/टाउन वेंडिंग कमेटी को भेज दिया गया है, अथवा
(3) पथ विक्रेता संघों के साथ सदस्यता का ब्यौरा, अथवा
(4) विक्रेता के पास बिक्री के उसके दावे का पुष्टि के सम्बन्ध में उपलब्ध दस्तावेज, अथवा
(5) स्व-सहायता समूहों (एसएचजी), समुदाय आधारित संगठनों (सीबीओ) इत्यादि सहित शहरी स्थानीय निकाय/टीवीसी द्वारा कराई गई स्थानीय जांच की रिपोर्ट।
इसके अतिरिक्त, शहरी स्थानीय निकाय यह सुनिश्चित करने के लिए की सभी पात्र विक्रेताओं को अनिवार्य रूप से शामिल कर लिया गया है, ऐसे विक्रेताओं की पहचान के लिए कोई अन्य वैकल्पिक उपाय भी अपना सकते हैं।
6. ऐसे विक्रेता, जो कोविड-19 के कारण अपने निवास स्थान पर लौट गए हैं
कुछ चिन्हित / सर्वेक्षित या अन्य विक्रेता, जो शहरी क्षेत्रों में विक्रय/फेरी, लगाने का कार्य कर रहे थे, कोविड-19 महामारी के कारण लॉकडाउन अवधि से पूर्व या उसके दौरान अपने मूल निवास स्थान पर चले गए हैं। परिस्थितियों के सामान्य होने के पश्चात् ऐसे विक्रेताओं की वापसी और अपना व्यापार दोबारा आरम्भ करने की संभावना है। ये विक्रेता, चाहे ग्रामीण/परि-नगरीय क्षेत्रों से हों या शहरवासी हों, वे ऊपर दिए गए पैरा -4 एवं 5 में उल्लिखित लाभार्थियों की पहचान के लिए पात्रता मानदंड के अनुसार अपनी वापसी पर ऋण के पात्र होंगे।
7. डाटा को सार्वजानिक करना
मंत्रालय / राज्य सरकार / शहरी स्थानीय निकायों की वेबसाइट और इस उद्येश्य के लिए विकसित किये गए वेब पोर्टल पर चिन्हित पथ विक्रेताओं की राज्य / संघ राज्य क्षेत्र / शहरी स्थानीय निकाय-वार सूची उपलब्ध कराई जाएगी।
8. उत्पाद का संक्षिप्त विवरण
शहरी अथ विक्रेता एक वर्ष की अवधि के लिए रु.10,000 तक के कार्यकारी पूंजी (डब्ल्यूसी) ऋण प्राप्त करने और ऋण वापसी मासिक किस्तों में करने के पात्र होंगे। इस ऋण के लिए कोई कोलेट्रल नहीं लिया जाएगा।
समय पर या जल्द ऋण वापसी करने पर विक्रेता संवर्धित सीमा वाले अगले कार्यकारी पूंजी ऋण के पात्र होंगे। निर्धारित तिथि से पूर्व ऋण वापसी करने पर विक्रेताओं पर कोई पूर्व भुगतान जुर्माना नहीं लगाया जाएगा।
8.1. ब्याज दर
अनुसूचित व्यावसायिक बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी), लघु वित्त बैंकों (एसएफबी), सहकारी बैंकों और एसएचजी बांको के मामले में, ये दरें उनकी प्रचलित ब्याज दरों के अनुसार ही होंगी।
एनबीएफसी, एनबीएफसी-एमएफआई इत्यादि के मामले में, ये ब्याज दरें सम्बंधित ऋणदाता श्रेणी के लिए आरबीआई के दिशानिर्देश के अनुसार होंगी।
आरबीआई के दिशानिर्देशों के तहत शामिल न किये गए एमएफआई (गैर एनबीएफसी) तथा अन्य ऋणदाता श्रेणियों के सम्बन्ध में, स्कीम के तहत ब्याज दरें एनबीएफसी-एमएफआई के लिए वर्तमान आरबीआई दिशानिर्देशों के अनुसार प्रयोज्य होंगी।
8.2. ब्याज सब्सिडी
इस स्कीम के अंतर्गत ऋण प्राप्त करने वाले विक्रेता, 7% की दर पर ब्याज सब्सिडी के पात्र होंगे। ब्याज सब्सिडी की राशि उधारकर्ता के खाते में त्रैमासिक रूप से जमा की जाएगी। ऋणदाता प्रत्येक वित्त वर्ष के दौरान 30 जून, 30 सितम्बर, 31 दिसम्बर और 31 मार्च को समाप्त होने वाली तिमाहियों के लिए ब्याज सब्सिडी के दावे त्रैमासिक रूप से प्रस्तुत करेंगे। उन्ही उधारकर्ता के खातों के सम्बन्ध में सब्सिडी पर विचार किया जाएगा जो सम्बंधित दावों की तिथि को मानक (वर्तमान आरबीआई दिशानिर्देशों के अनुसार गैर – एनपीए) हैं और उन महीनों के दौरान जब सम्बंधित तिमाही में खाता मानक बना रहा हो।
यह ब्याज सब्सिडी 31 मार्च, 2022 तक उपलब्ध है। यह सब्सिडी प्रथम और बाद के उस तिथि तक वर्धित ऋणों के लिए उपलब्ध होगी।
पूर्व भुगतान के मामले में, सब्सिडी की स्वीकार्य राशि एक बार में जमा की जाएगी।
8.3. विक्रेताओं द्वारा डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देना
यह स्कीम कॅश बैक सुविधा के माध्यम से विक्रेताओं द्वारा डिजिटल लेनदेन को प्रोत्साहित करेगी। इस तरह से किया गया लेनदेन उनकी भविष्य की ऋण जरूरतों को बढाने के लिए विक्रेताओं के क्रेडिट स्कोर का सृजन करेगा। पे-टीएम, गूगल पे, भारत पे, अमेज़न पे, फ़ोन पे आदि जैसे डिजिटल पेमेंट एग्रेगेटर्स और ऋण प्रदाता संस्थाओं के नेटवर्क का उपयोग ऑनबोर्ड पथ विक्रेताओं के डिजिटल लेनदेनों हेतु किया जाएगा। ऑनबोर्ड विक्रेताओं को निम्नलिखित मानदंडों के अनुसार 50 रूपये – 100 रूपये की रेंज में मासिक नकदी वापसी का प्रोत्साहन दिया जाएगा।
(1) प्रति माह 50 योग्य लेनदेन पर रु.50
(2) प्रति माह अगले 50 अतिरिक्त योग्य लेनदेन पर रु.25 (यानी की 100 योग्य लेनदेन करने पर वेंडर को रु.75 प्राप्त होंगे)
(3) प्रति माह उससे आगे 100 अतिरिक्त योग्य लेनदेन पर रु.25 (यानी की 200 योग्य लेनदेन करने पर वेंडर को रु.100 प्राप्त होंगे)
यहाँ कम से कम रु.25 के डिजिटल प्राप्ति या भुगतान को योग्य लेनदेन माना जाएगा।
रु.10,000 के ऋण पर 24 प्रतिशत की ब्याज दर, 7 प्रतिशत की ब्याज सब्सिडी तथा प्रोत्साहन के रुप में प्राप्त की गई कैशबैक की अधिकतम राशि की EMI का उदाहरण अनुलग्नक-ख में दिया गया है।
9. ऋण कौन दे सकता है?
अनुसूचित व्यावसायिक बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (आरआरबी), लघु वित्त बैंक (एसएफसी), सहकारी बैंक, गैर-बैंकिंग वित्तीय कम्पनियाँ (एनबीएफसी), माइक्रो वित्त संस्थाएं (एमएफआई) और कुछ राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों द्वारा स्थापित एसएचजी बैंक जैसे स्त्री निधि आदि। ऋण प्रदाता संस्थाओं को उनके क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं अर्थात बैंकिंग कोरेस्पोंडेंट (बीसी)/ग्राहकों/एजेंटों को व्यापक रूप से स्कीम का अधिकतम कवरेज सुनिश्चित करने के लिए उनके नेटवर्क का उपयोग करने हेतु प्रोत्साहित किया जाएगा।
आन्ध्र प्रदेश और तेलंगाना राज्यों में एमएफआई संस्थाएं नहीं हैं। तथापि, उनके एसएचजी और उनके फेडरेशनों का व्यापक नेटवर्क स्थापित हैं, जिनका उपयोग पथ विक्रेताओं के ऋण आवेदन जुटाने और संग्रह करने में एससीबी/आरआरबी/एसएफबी/एनबीएफसी और सहकारी बैंकों के प्रयासों में सहयोग करने के लिए उपयोग किया जा सकता है।
10. ऋण गारंटी
इस स्कीम में संस्वीकृत ऋणों, जैसा की नीचे दर्शाया गया है, को सूक्ष्म एवं लघु उद्यम क्रेडिट गारंटी फण्ड ट्रस्ट (CGTMSE) द्वारा संचालित किये जाने के लिए ग्रेडेड गारंटी सुरक्षा की व्यवस्था है जो कि पोर्टफोलियो स्तर पर संचालित होगी।
(क) प्रथम हानि डिफ़ॉल्ट (5% तक): 100%
(ख) द्वितीय हानि (5% से 15% तक): डिफ़ॉल्ट पोर्टफोलियो का 75%
(ग) अधिकतम गारंटी कवरेज वर्ष पोर्टफोलियो का 15% होगा।
स्कीम के तहत प्रत्येक ऋणदाता संस्थाओं द्वारा दिए गए सभी ऋणों पर गारंटी के तहत कवरेज के लिए विचार किया जाएगा। ऋणदाता संस्थाओं द्वारा दावे प्रस्तुत काटने की समयावधि त्रैमासिक होगी।
सभी सहकारी ऋणदाता संस्थाएं किसी प्रभार के बिना इस गारंटी कवर के लिए पात्र होंगी।
इसके अतिरिक्त, जब भी इस स्कीम पर विचार किया जाएगा, आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय का एक प्रतिनिधि सीजीटीएमएसई के बोर्ड ऑफ़ ट्रस्टी की बैठक में विशेष आमंत्रिती होगा।
11. टाउन वेंडिंग कमेटी
टाउन वेंडिंग कमिटी (टीवीसी) की लाभार्थियों की पहचान करने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होती है। पथ विक्रेता अधिनियम, 2014 के उपबंध के अनुसार, टाउन वेंडिंग कमिटी में निम्नलिखित के साथ अधकतम 18 सदस्य सम्मिलित होते हैं:
(1) अध्यक्ष के रूप में नगर निगम आयुक्त अथवा शहरी स्थानीय निकाय (युएलबी) के मुख्य कार्यपालक
(2) विभिन्न स्थानीय प्राधिकरण विभागों, पुलिस और पथ विक्रेताओं और व्यापारी संघों आदि का प्रतिनिधित्व करने वाले 50% सदस्य (अध्यक्ष सहित):
(3) पथ विक्रेताओं का प्रतिनिधित्व करने वाले 40% सदस्य; और
(4) एनजीओ / सीबीओ से नामित 10% सदस्य।
12. विक्रेताओं के समूह का गठन
प्रचलित प्रथा के अनुसार, कोई ऋण देने वाली संस्था पात्र विक्रेताओं का जॉइंट लायबिलिटी ग्रुप (जेएलजी) का गठन कर सकती है। राज्यों द्वारा पहले से गठित पथ विक्रेताओं के कॉमन इंटरेस्ट ग्रुप (सीआईजी) को ऋणदाता संस्थाओं द्वारा जेएलजी में परिवर्तित किया जा सकता है। शहरी स्थानीय निकाय (यूएलबी) द्वारा योजना का अधिकतम कवरेज सुनिश्चित करने के लिए पथ विक्रेताओं के सीआईजी का गठन करने के लिए व्यापक रूप से प्रोत्साहित करना चाहिए। यूएलबी द्वारा तैयार की गई पथ विक्रेताओं की सीआईजी की सूची को ऋणदाता संस्थाओं के साथ साझा किया जाएगा। इसी प्रकार, ऋणदाता संस्थाएं तैयार की गई पात्र पथ विक्रेताओं की जेएलजी सूची को सम्बंधित यूएलबी के साथ साझा करेंगी।
ऐसे समूहों के गठन को प्राथमिकता दी जाती है और उन्हें प्रोत्साहित किया जाता है। हालांकि, यह व्यक्तिगत विक्रेताओं को ऋण लेने से नहीं रोकता है।
13. ई-कॉमर्स और गुणवत्ता में सुधार
राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों को ई-कॉमर्स का सञ्चालन करने के लिए पथ विक्रेताओं के कौशल विकास हेतु एक रोडमैप तैयार करना चाहिए और एफएसएसएआई (FSSAI) आदि जैसी सम्बंधित एजेंसियों से आवश्यक गुणवत्ता प्रमाणपत्र प्राप्त करना चाहिए।
14. क्षमता निरमा और वित्तीय साक्षरता
स्कीम का प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न हितधारकों जैसे बीसी/ऋणदाता संस्थाओं के एजेंट जैसे बैंक/एनबीएफसी/एमएफआई, एसएचजी, कार्यान्वयन निकायों अर्थात यूएलब/टीवीसी और डिजिटल पेमेंट एग्रेगेटर्स की क्षमता निर्माण करने के लिए एक विस्तृत क्षमता निर्माण प्लान तैयार किया जाएगा।
डिजिटल प्लेटफार्म पर ऑन-बोर्डिंग को बढ़ावा देने के लिए पथ विक्रेताओं को वित्तीय साक्षर बनाने के लिए डिजिटल पेमेंट एग्रेगेटर्स जैसे एनपीसीआई और पेमेंट एग्रेगेटर्स की क्षमताओं का लाभ उठाया जाएगा।
15. ब्रांडिंग और संचार
ब्रांडिंग विभिन्न हितधारकों विशेष तौर पर लक्षित लाभार्थियों को स्कीम की सही जानकारी देने के लिए एक महत्वपूर्ण पहलु है। स्कीम के मानक ब्रांडिंग और संचार दिशा-निर्देश अलग से जारी किये जाएंगे।
प्रभावी और बेहतर रूप में लक्षित लाभार्थियों तक पहुँचने के लिए स्थानीय और सोशल मीडिया सहित विभिन्न मंचों पर अभिनव उपयोग को बढ़ावा दिया जाएगा। आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय आवश्यक सुचना, शिक्षा और संचार (आईईसी) सामग्री और क्षमता निर्माण मोड्यूल उपलब्ध कराएगा।
16. स्कीम प्रचालन के लिए समेकित आईटी एप्लीकेशन
मंत्रालय स्कीम का सञ्चालन करने के लिए मोबाइल ऐप सहित एक समेकित आईटी प्लेटफार्म तैयार करेगा। यह पोर्टल स्कीम के सञ्चालन में एक सशक्त समाधान उपलब्ध कराएगा। आईटी प्लेटफार्म राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के वेंडर डेटाबेस को बीसी/सदस्य/ऋणदाता संस्थाओं के एजेंट, डिजिटल पेमेंट एग्रेगेटर्स और आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय का PAISA पोर्टल और भारतीय लघु उद्यम विकास बैंक (एसआईडीबीआई) द्वारा प्रबंधित उद्यमी मित्र पोर्टल के साथ समेकित करेगा।
17. कार्यान्वयन प्रणाली
युएलबी द्वारा टीवीसी सदस्यों, बीसी/सदस्यों/ऋणदाता संस्थाओं के एजेंटो, विक्रेता संघ की आरंभिक बैठक आयोजित की जाएगी। इस बैठक के दौरान, पथ विक्रेताओं और ऋणदाता संस्थाओं के क्षेत्र स्तरीय पदाधिकारियों से सम्बंधित सुचना साझा की जाएगी।
यूएलबी द्वारा किए गए सर्वेक्षण के अनुसार जारी किए गए सर्टिफिकेट ऑफ़ वेंडिंग/आईडी कार्ड के साथ आवेदक (स्ट्रीट वेंडर) बैंकों / एनबीएफसी और एमएफआई के प्रतिनिधियों से संपर्क कर सकते हैं या उनके द्वारा सम्पर्क किया जा सकता है। बीसी और एजेंट सहित ऋणदाता प्रतिनिधि आईटी प्लेटफार्म/मोबाइल ऐप के सर्च इंजन में प्रासंगिक ब्यौरा प्राप्त करने में निर्णायक होगा। सफल मामलों के लिए लाभार्थियों के मोबाइल पर भेजे गए ओटीपी (OTP) के माध्यम से लाभार्थी का सत्यापन होगा।
पहचान सर्वेक्षण में शामिल और सीओवी/आईडी जारी न किये गए पथ विक्रेताओं के लिए एक अनंतिम सीओवी/आईडी बनाने के लिए आईटी एप्लीकेशन में एक प्रावधान किया जाएगा। सत्यापन के पश्चात्, बीसी/एजेंट आवेदन पत्र भरेंगे और आवश्यक दस्तावेज अपलोड करेंगे। भरे हुए आवेदन की जानकारी फिर इलेक्ट्रॉनिक रूप से शहरी स्थानीय निकायों/टीवीसी में जाएंगी। शहरी स्थानीय निकायों/टीवीसी को एक पखवाड़े के भीतर विवरण को सत्यापित करना होगा, जिसके पश्चात् आवेदन मंजूरी के लिए सम्बंधित ऋणदाता संसथान के पास जाएगा।
पहचान सर्वेक्षण में शामिल नहीं किए गए पथ विक्रेता ऊपर दिए गए बिंदु 5 में उल्लिखित दस्तावेजों के साथ बीसी/एजेंट से संपर्क कर सकते हैं। एजेंट यह सुनिश्चित करेगा कि इस प्रकार के लाभार्थियों के लिए पहचान दस्तावेज पहले अपलोड किये जाएं और बाद में ऊपर बताई गई एक समान प्रक्रिया का पालन किया जाएगा। शहरी स्थानीय निकाय विवरणों को सत्यापित करेगा और ऋणदाता को अग्रेषित करने से पहले सिफारिश पात्र संलग्न करेगा। सिफारिश पत्र की एक प्रति आवेदक को भी दी जाएगी।
तैयारी सम्बन्धी गतिविधियों, जिन्हें अनुलग्नक-क में दर्शाया गया है, को जून, 2020 के दौरान किया जाएगा और जुलाई, 2020 से ऋण शुरू हो जाएगा।
18. कार्यान्वयन सहभागी
भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (एसआईडीबीआई) योजना प्रशासन के लिए आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय का कार्यान्वयन सहभागी होगा। सिडबी स्कीम कार्यान्वयन के लिए एससीबी, आरआरबी, एसएफबी, सहकारी बैंक, एनबीएफसी और एफएफआई सहित ऋणदाता संस्थानों के नेटवर्क का लाभ उठाएगा।
19. स्कीम की सञ्चालन और निगरानी समितियां
स्कीम के प्रभावी कार्यान्वयन तथा निगरानी के लिए केंद्र, राज्य/संघ राज्य क्षेत्र और यूएलबीके स्तर पर स्कीम की निम्नलिखित प्रबंधन संरचना होगी:
क) केन्द्रीय स्तर पर- सचिव, आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय की अध्यक्षता में एक सञ्चालन समिति (समिति की संरचना अनुलग्नक-ग में दी गई है)।
ख) राज्य/संघ राज्य क्षेत्र स्तर पर – शहरी विकास/नगरपालिका प्रशासन के प्रधान सचिव/सचिव की अध्यक्षता में एक निगरानी समिति (समिति की संरचना अनुलग्नक – घ में दी गई है), जिसकी बैठक प्रत्येक तिमाही में होगी।
ग) यूएलबी स्तर पर, नगरपालिका आयुक्त / कार्यकारी अधिकारी (ईओ) की अध्यक्षता में एक समिति होगी जिसे ऋणों के आवेदनों का आधिकारिक रूप से प्रबंध करने तथा स्कीम के कार्यान्वयन की निगरानी के लिए टाउन वेंडिंग कमिटी द्वारा सहायता की जाएगी। इस समिति की बैठक प्रत्येक महीने में होगी।
Source: MoHUA