सुजला योजना के तहत अलीगढ़ की 35 लाख आबादी को मिलेगा सेहतमंद पानी

सुजला योजना के तहत अलीगढ़ की 35 लाख आबादी को मिलेगा सेहतमंद पानी

नया साल गांव — देहात के लिए अच्छी खबर लेकर आया है सुजला योजना के तहत घरों में स्वच्छ पानी पहुंचेगा । केंन्द्र सरकार ने इसके लिए सुजला योजना शुरू की है और 15 जनवरी से इस पर काम शुरू होगा। इस संबंध में जागरण की ये रिपोर्ट पढ़ें:
जागरण : सुरजीत पुंढीर, अलीगढ़ : गांव-देहात के लिए नया साल अच्छी खबर लेकर आया है। घरों में स्वच्छ पानी पहुंचेगा। केंद्र सरकार ने इसके लिए सुजला योजना शुरू की है। 15 जनवरी से इस पर काम शुरू होगा। स्वच्छ भारत मिशन की तरह इसकी जिम्मेदारी भी पंचायत राज विभाग को दी गई है। गांवों में वाटर टैंक बनेंगे। इनसे पाइप लाइन बिछाकर पानी की आपूर्ति की जाएगी। करीब 35 लाख की आबादी को ‘स्वच्छ पानी’ मिलेगा। पानी पर ग्रामीणों से कुछ कर भी लिया जाएगा।
यह है योजना
स्वच्छ भारत मिशन की तरह
2014 में केंद्र सरकार ने स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत की थी। इसका मकसद देश को खुले में शौचमुक्त करना था। भले ही इस पर शत-प्रतिशत अमल न हुआ हो, लेकिन बड़ी संख्या में शौचालय बने। अलीगढ़ जिले के देहात क्षेत्र में ही करीब ढाई लाख शौचालय बने। इनमें से आधे से ज्यादा का प्रयोग भी हो रहा। इसी तर्ज पर सरकार ने पांच साल का लक्ष्य तय कर सुजला योजना की शुरुआत की है।
887 गांवों में बनेंगे वाटर टैंक
जिले में सभी 887 ग्राम पंचायतों में वाटर टैंक बनेंगे। पाइप लाइन बिछाई जाएगी। जर्जर पाइप लाइन को दुरुस्त किया जाएगा। इससे हर घर तक पानी पहुंचेगा। 15 जनवरी से ग्राम पंचायत सचिव, प्रधान, प्रेरक व स्वच्छता ग्राही को ट्रेनिंग दी जाएगी।
35 लाख को फायदा
 2011 की जनगणना में जिले की कुल आबादी 43 लाख थी। इसमें से करीब 12 लाख शहरी व करीब 31 लाख ग्रामीण थी। इसके बाद आठ साल में आबादी करीब चार से पांच लाख की संख्या और बढ़ गई है। इस तरह 35 लाख आबादी को योजना का फायदा होगा।
15 लाख पीते हैं खराब पानी
पंचायत राज विभाग के आंकड़ों पर नजर डालें तो करीब 200 गांवों में पानी खारा है या पानी में अन्य कोई कमी है। इन गांवों की करीब 15 लाख आबादी नुकसानदायक पानी पी रही है। इन गांवों को राहत मिलेगी।
ग्रामीणों को देना होगा कर
जिला पंचायतराज अधिकारी पारुल सिसौदिया का कहना है कि सुजला योजना का मकसद गांवों में हर घर में स्वच्छ पानी पहुंचाना है। इसके बदले ग्रामीणों को कुछ कर भी देना होगा। जनवरी के दूसरे सप्ताह से इस पर काम शुरू हो जाएगा।
स्रोत: जागरण

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