केंद्र ने कोविड-19 के कारण राज्यों को शहरों में लोगों की आवाजाही बंद करने का निर्देश दिया
केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस के इस महामारी के समय में लगाए गए लॉकडाउन की स्थिति में भी सभी राज्यों से हो रहे लोगों के पलायन को देखते हुए यह निर्देश जारी किया है कि सभी राज्य अपनी सीमा सील कर लें और सभी राज्य सरकार अपनी शहरों के लोगों को आवाजाही बंद करने का कठोर रूप से पालन करने का निर्देश किया है. इस सम्बन्ध में और अधिक विस्तार से जानने के लिए नीचे पढ़ें:
सूचना और प्रसारण मंत्रालय
केंद्र ने राज्यों को शहरों में लोगों की आवाजाही बंद करने का निर्देश दिया
‘प्रवासी श्रमिकों के लिए उनके कार्यस्थल पर ही सभी व्यवस्थाएं की जाएं और समय पर वेतन भुगतान भी सुनिश्चित करें’
‘विद्यार्थियों/श्रमिकों को कमरा या घर खाली करने के लिए कहने वालों के खिलाफ कार्रवाई करें’
29 MAR 2020
कैबिनेट सचिव और गृह मंत्रालय राज्यों के मुख्य सचिवों एवं पुलिस महानिदेशकों (डीजीपी) के साथ निरंतर संपर्क में हैं। कैबिनेट सचिव एवं गृह सचिव ने कल शाम और आज सुबह वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए मुख्य सचिवों और डीजीपी के साथ विचार-विमर्श किया।
यह बात रेखांकित की गई कि सामान्यत: सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में दिशा-निर्देशों पर प्रभावकारी ढंग से अमल किया गया है। आवश्यक आपूर्ति भी निरंतर सुनिश्चित की जा रही है। पूरी स्थिति पर चौबीसों घंटे पैनी नजर रखी जा रही है और मौजूदा हालात के अनुसार आवश्यक उपाय किए जा रहे हैं।
हालांकि, देश के कुछ हिस्सों में प्रवासी श्रमिकों की आवाजाही हुई है। इस आशय के निर्देश जारी किए गए थे कि जिलों और राज्यों की सीमाओं को प्रभावकारी ढंग से सील कर दिया जाए। राज्यों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया था कि शहरों या राजमार्गों पर लोगों की कुछ भी आवाजाही नही होनी चाहिए। केवल माल की आवाजाही की ही अनुमति दी जानी चाहिए। डीएम अधिनियम के तहत जारी किए गए इन निर्देशों पर अमल के लिए जिलाधिकारियों (डीएम) और पुलिस अधीक्षकों (एसपी) को व्यक्तिगत रूप से जवाबदेह बनाया जाना चाहिए।
यह सलाह दी गई है कि प्रवासी श्रमिकों सहित गरीबों और जरूरतमंद लोगों के भोजन एवं आश्रय की पर्याप्त व्यवस्था उनके कार्यस्थलों पर ही की जाए। केंद्र ने इस उद्देश्य के लिए ‘एसडीआरएफ’ का इस्तेमाल करने के लिए कल आदेश जारी किए थे। इस मद में राज्यों के पास पर्याप्त धनराशि उपलब्ध है।
राज्यों से यह भी कहा गया है कि वे लॉकडाउन की अवधि के दौरान बिना किसी कटौती के श्रमिकों के कार्यस्थल पर उनके पारिश्रमिक या वेतन का समय पर भुगतान सुनिश्चित करें। इस अवधि के लिए श्रमिकों से घर का किराया या हाउस रेंट देने की मांग नहीं की जानी चाहिए। उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए जो मजदूरों या विद्यार्थियों को परिसर (कमरा या घर) खाली करने के लिए कह रहे हैं।
जिन लोगों ने लॉकडाउन का उल्लंघन किया है और लॉकडाउन की अवधि के दौरान यात्रा की है, उन्हें सरकारी क्वारंटाइन केंद्रों में न्यूनतम 14 दिन क्वारंटाइन में रखा जाएगा। क्वारंटाइन के दौरान इन व्यक्तियों की निगरानी करने के लिए राज्यों को विस्तृत निर्देश जारी किए गए हैं।
सभी राज्यों को यह समझाया गया था कि कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए तीन सप्ताह तक सख्ती से अमल करना अत्यंत आवश्यक है। यह सभी के हित में है।
स्रोत: PIB
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