एकीकृत आदर्श कृषि ग्राम योजना के तहत बदलेगी गांवो की तस्वीर

एकीकृत आदर्श कृषि ग्राम योजना के तहत बदलेगी गांवो की तस्वीर

उत्तराखंड में ढाई साल से प्रतीक्षित एकीकृत आदर्श कृषि ग्राम योजना को मंजूरी दे दी गयी है. इसके तहत प्रत्येक वर्ष 95 गांवों को चुना जाएगा और प्रत्येक गांव में लघु एवं सीमांत किसानों की बिखरी जोतों में क्लस्टर आधार पर खेती की जाएगी। कृषि व उससे जुड़ी गतिविधियों का संचालन कृषक या कृषकों के समूह करेंगे। इस योजना के तहत गाँव के बंजर भूमि को कृषि योग्य बनाकर खेती की जाएगी। कृषि मंत्री ने कहा कि इस योजना को 15 सितम्बर तक विधिवत रूप से लांच किया जाएगा। इस योजना के बारे में और किसानों का इस योजना से फायदे के बारे में जानने के लिए जागरण के इस रिपोर्ट को पढ़ें:
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जागरण: देहरादून, राज्य ब्यूरो। सूबे में ढाई साल के इंतजार के बाद धरातल पर उतरने जा रही एकीकृत आदर्श कृषि ग्राम (आइएमए विलेज) योजना इस साल 95 गांवों की तस्वीर बदलेगी। योजना को 15 सितंबर तक लांच करने की तैयारी है। इसे देखते हुए कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने अधिकारियों को इस माह के आखिर तक सभी 95 विकासखंडों में एक -एक गांव का चयन हर हाल में सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। इन गांवों में करीब एक हजार किसानों को योजना से जोड़ा जाएगा। कृषि को लाभकारी बनाने और इससे जुड़ी गतिविधियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ढाई वर्ष पहले महत्वाकांक्षी आइएमए विलेज योजना का खाका खींचा गया। 
गत वर्ष और इस वर्ष इसके लिए बजट प्रविधान भी हुआ, मगर विभिन्न कारणों से यह आगे नहीं बढ़ पाई। पिछले माह हुई कैबिनेट की बैठक में योजना को विधिवत मंजूरी दी गई। योजना में प्रतिवर्ष 95 गांवों का चयन कर प्रत्येक गांव में लघु एवं सीमांत किसानों की बिखरी जोतों में क्लस्टर आधार पर खेती की जाएगी। कृषि व उससे जुड़ी गतिविधियों का संचालन कृषक या कृषकों के समूह करेंगे। 
योजना में गांव की बंजर और परती भूमि को कृषिकरण के तहत उपयोग में लाया जाएगा। मनरेगा समेत केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं की डबटेलिंग भी इसमें होगी, ताकि किसानों की आय बढ़ सके। योजना में रिवाल्विंग फंड बनाया जाएगा, जिससे विभिन्न मदों में धनराशि खर्च की जाएगी। कृषि उत्पादों के विपणन की व्यवस्था का भी प्रविधान किया गया है। योजना में फिलहाल 12 करोड़ के बजट का प्रविधान किया गया है। अब इस योजना को लेकर तेजी से कवायद शुरू की गई है।
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कृषि मंत्री सुबोध उनियाल बताते हैं कि इस साल के लिए गांवों का चयन होने के पश्चात 15 सितंबर तक योजना विधिवत रूप से लांच कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि गांवों की तस्वीर बदलने में सक्षम इस योजना के तहत 10 साल में लगभग एक हजार गांव और एक लाख किसानों को जोड़ने का लक्ष्य है।
स्रोत: जागरण

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