किसानों के पास एक और मौका, 31 अगस्त से पहले उठा सकते हैं फसल बीमा का लाभ

किसानों के पास एक और मौका, 31 अगस्त से पहले उठा सकते हैं फसल बीमा का लाभ

कोरोना महामारी के चलते मध्य प्रदेश ने किसानों को एक और मौका दिया है ताकि वो फसल बीमा योजना का लाभ उठा सकें. इसलिए मध्य प्रदेश सरकार ने अब इस योजना का लाभ उठाने के लिए 31 अगस्त तक का समय बढ़ा दिया है. इस सम्बन्ध में और अधिक विस्तार से जानने के लिए पत्रिका के इस रिपोर्ट को पढ़ें:
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पत्रिकाPM Fasal Bima Yojana: कोरोना संकट के चलते मध्य प्रदेश सरकार ने किसानो को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ लेने के लिए एक और मौका दिया है।सरकार ने कहा है कि किसान 31 अगस्त तक फसल बीमा का प्रीमियम जमा करा सकते हैं। मध्य प्रदेश के किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री कमल पटेल ने रविवार को इस बात की जानकारी दी। उन्होंने किसानों से इस योजना का लाभ उठाने की अपील की। पटेल ने बताया कि कोरोना के कारण प्रधानमंत्री फसल फसल बीमा योजना में प्रीमियम जमा करने की अंतिम तारीख को 31 अगस्त तक बढ़ाया गया है।
31 अगस्त तक करें प्रीमियम जमा

कृषि मंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण के कारण किसानों को फसल बीमा योजना का प्रीमियम जमा करने में परेशानी हो रही थी। इसे देखते हुए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों के हित में प्रीमियम जमा कराने की तिथि को 17 अगस्त से बढ़ाकर 31 अगस्त करने का फैसला किया। किसान इस तारीख तक फसल बीमा योजना का प्रीमियम जमा कर सकते हैं।
एग्रो क्लाइमेटिक जोन 

पटेल ने जानकारी देते हुए बताया कि किसानों को इस योजना का लाभ दिलाने के लिए प्रदेश को एग्रो क्लाइमेटिक जोन के आधार पर 11 क्लस्टर में बांटकर बीमा कंपनियों से एप्लीकेशन मांगी गयी है। प्रदेश की पहले की सरकार ने जोखिम कवरेज, स्केल ऑफ़ फाइनेंस का 75 प्रतिशत कर दिया था, जिसे बढ़ाकर 100 प्रतिशत कर दिया है। इससे किसानों का 1,000 करोड़ रूपये से 1,500 करोड़ रूपये का अतिरिक्त जोखिम कवर होगा।
72 घंटे में दें जानकारी

बता दें कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से किसानों को फसल नुकसान होने पर आर्थिक मदद मिलती है। किसान 72 घंटों में फसल ख़राब होने की शिकायत स्थानीय कृषि कार्यालय या फिर क्रॉप इंश्योरंस ऐप पर दर्ज करा सकते हैं। इसके अलावा हेल्पलाइन नम्बर 1800-180-1551 पर संपर्क कर सकते हैं। बता दें कि इस योजना के शुरुआत के तीन साल में किसानों को कुल 60,000 करोड़ का भुगतान प्राप्त हुआ था।
स्रोत: पत्रिका

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