विवाद से विश्वास योजना के तहत भुगतान की समय सीमा बढ़ी, अब 31 मार्च तक कर सकते हैं पेमेंट

विवाद से विश्वास योजना के तहत भुगतान की समय सीमा बढ़ी, अब 31 मार्च तक कर सकते हैं पेमेंट

प्रत्यक्ष कर विवाद को दूर करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा शुरू किया गया “विवाद से विश्वास योजना” के तहत केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड की अधिसूचना के तहत विवाद से विश्वास योजना के तहत 31 दिसम्बर 2020 तक भुगतान करना था. लेकिन अब इस समय सीमा को बढ़ा कर 31 मार्च 2021 कर दिया गया है और इसके लिए कोई अतिरिक्त राशि भी नहीं देनी होगी.
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जागरण: नई दिल्ली, पीटीआइ। प्रत्यक्ष कर विवाद समाधान योजना- विवाद से विश्वास- के तहत भुगतान करने की समय सीमा 31 मार्च 2021 तक बढ़ा दी गई है। यह तीसरा बार है जब सरकार ने योजना के तहत भुगतान की समयसीमा बढ़ायी है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) की अधिसूचना के अनुसार विवाद से विश्वास योजना के तहत घोषणा 31 दिसंबर, 2020 तक करने की जरूरत होगी। हालांकि, उस घोषणा के संदर्भ में भुगतान अब 31 मार्च, 2021 तक किया जा सकेगा। इसके लिये कोई अतिरिक्त राशि देने की जरूरत नहीं होगी। 
आधिकारिक बयान के अनुसार, ‘विवाद से विश्वास योजना के तहत मामलों के निपटान को इच्छुक करदाताओं को आगे और राहत देने के इरादे से, सरकार ने मंगलवार को बिना किसी अतिरिक्त राशि के भुगतान की समयसीमा 31 दिसंबर 2020 से बढ़ाकर 31 मार्च, 2021 कर दी है। हालांकि, यह भुगतान केवल की गई घोषणा के संदर्भ में किया जा सकेगा।’ 
इसमें कहा गया है, ‘योजना के तहत घोषणा की अंतिम तिथि 31 दिसंबर, 2020 ही अधिसूचित की गयी है।’ 
वित्त सचिव अजय भूषण पांडे ने विवाद से विश्वास योजना के तहत अब तक हुई प्रगति की वीडियो कांफ्रन्सिंग के जरिये समीक्षा की। इस मौके पर सीबीडीटी चेयरमैन और बोर्ड के अन्य सदस्य तथा प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त मौजूद थे। 
पांडे ने कहा, ‘यह योजना करदाताओं के लाभ और उनकी सुविधा के लिये है क्योंकि वे इसके जरिये तुंरत विवादों का समाधान कर सकते हैं। उन्हें इससे मुकदमे की लागत बचेगी। साथ ही जुर्माना, ब्याज और अभियोजन से भी उन्हें राहत मिलेगी और मौद्रिक लाभ होगा।’ 
विवाद से विश्वास योजना 17 मार्च, 2020 को प्रभाव में आयी। इससे पहले, करदाताओं को राहत देने के लिये योजना के तहत घोषणा करने और भुगतान की समयसीमा 31 मार्च, 2020 से बढ़ाकर 30 जून, 2020 कर दी गयी थी। बाद में इसे बढ़ाकर 31 दिसंबर, 2020 कर दिया गया था। पहले घोषणा और भुगतान दोनों 31 दिसंबर, 2020 तक किये जाने की जरूरत थी।

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